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Showing posts from April, 2023

Egg is Source Of Diseases अंडा रोगों का भंडार !

  *अण्डा, जिसे विज्ञापन में दिखाते हैं,* *सन्डे हो या मंडे,* *रोज़ खाओ अंडे.!* असलियत में रोगों का भण्डार है.!* *आज के युग में विज्ञान ने जितनी उन्नति की है, उतनी ही हमारे जीवन की अधोगति भी हुई है।*  *धन की लोलुपता एवं व्यापारिक साजिशों ने जनता के खाद्य अखाद्य के विवेक को नष्ट कर दिया है।* *टेलीविजन, रेडियो एवं अखबारों में अखाद्य वस्तुओं के दिखाये, सुनाये एवं प्रकाशित किये जाने वाले कपटपूर्ण तथा भड़कीले विज्ञापनों ने इन वस्तुओं से होने वाली हानियों पर पर्दा डाल दिया है, जिसके कारण इन अखाद्य वस्तुओं के उपयोग से हम अपने अमूल्य जीवन को बीमारियाँ का एक घर बना लेते हैं!* *ऐसा ही एक अखाद्य पदार्थ है 'अण्डा'..* *टी.वी. तथा रेडियो पर पुष्टिदायक बताये जाने वाले अण्डे में वास्तव पुष्टि के नाम पर बीमारियों का भण्डार छिपा है।* *अण्डे का पीतक (पीला भाग) कोलेस्ट्रोल का सबसे बड़ा स्रोत है।* *कोलस्ट्रोल धमनियों को सिकोड़ देता है, जिससे उपयुक्त रक्त संचार न होने के कारण लकवा तथा दिल का दौरा पड़ने जैसी बीमारियों का जन्म होता है।* *अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल चर्म की पर्तों तथा नसों में जमा हो जाता है, ज

Finance Secretary Is Favouring Private Insurance Companies : PSGIC

  SERIOUS ALLIGATION AGAINST DFS JOINT SECRETARY SAURABH MISHRA 

Only 10 Complaints Per Month Allowed In Government Of India PG Portal

  दस से जायदा आप शिकायत नहीं कर सकते मोदी सरकार  में  Delhi: As per Government Of India new policy only 10 complaints per month are allowed by each citizen through PG Portal. If you want to do more complaint then take sanction from DARPG. No such limit seen in any other state govt online greviance portal . The PG Portal did not given any email id to that where to request to increase the limit. Govt dont need more complaint and doing rationing in complaint registration. 

FIR AGAINST LIC MANAGERS FOR MIS SELLING LIC POLICY

  COURT ORDER TO REGISTER FIR IN LIC MIS SELLING JEEVAN SARAL PLAN. AMOUNT WAS NOT DECLARED IN POLICY DOCUMENT  एलआईसी के मंडलीय प्रबंधक सहित नौ पर दर्ज मामले की विवेचना शुरू देवरिया। न्यायालय के आदेश पर सदर कोतवाली पुलिस ने भारतीय जीवन बीमा निगम के मंडलीय प्रबंधक, शाखा प्रबंधक समेत नौ लोगों के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है। शहर के राम गुलाम टोला निवासी विनय प्रकाश श्रीवास्तव एलआईसी के एजेंट हैँ। 2011 में उन्होंने हम लोगों का जीवन सरल बीमा पालिसी कराने व उसके लाभ के बारे में बताया। जिसके बाद एलआईसी की शाखा नंबर-दो राघव नगर में एलआईसी पाॅलिसी करा ली। साथ ही मेरी बहन व बेटे ने भी विभिन्न शाखाओं से पाॅलिसी करा ली। पाॅलिसी के बाद जब ब्रांड देखा तो उसमें पूर्वावधि धन का जिक्र नहीं किया गया था। विभागीय लोगों से पूछने पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। इसकी शिकायत की गई, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद वह न्यायालय की शरण में गए और वहां से आदेश पर कोतवाली पुलिस ने मंडलीय प्रबंधक एलआईसी गोरखपुर, शाखा प्रबंधक एलआईसी कार्यालय नंबर-दो, अभिकर्ता प्र

HDFC LIFE NUMBER ONE IN GROWTH RATE

  एचडीएफसी बैंक और एजेंटों की मेहनत रंग लाई LIC WITH 62.5 % MARKET SHARE, TOP IN INDIA. HDFC WITH 18.8 % & LIC GROWTH RATE IS 17 PERCENT , SBI WITH 16.2% AND ICICI PRU 12.25% GROWTH RATE. सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में कुल प्रीमियम 17 फीसदी बढ़कर 2.32 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी LIC ने एक बयान में यह जानकारी दी. वित्त वर्ष 2021-22 में एलआईसी का कुल प्रीमियम कलेक्‍शन 1.99 लाख करोड़ रुपये रहा था.  इंश्‍योरेंस प्रीमियम कलेक्‍शन के मामले में LIC मार्च 2023 के अंत में 62.58 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ देश की अव्वल बीमा कंपनी रही. जीवन बीमा परिषद के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष के अंतिम महीने मार्च में निजी बीमा कंपनियों के प्रीमियम संग्रह में भी खासा उछाल दर्ज किया गया है.  लिस्‍टेड कंपनियों की प्रीमियम ग्रोथ में दूसरे नंबर पर आंकड़ों के मुताबिक, लिस्‍टेड बीमाकंपनियों में से एलआईसी की समाप्त वित्त वर्ष में प्रीमियम वृद्धि दर एचडीएफसी लाइफ (18.83 प्रतिशत) के बाद दूसरे स्थान पर रही. \ एसबीआई लाइफ और आ

Mumbai : Motormen Not Wearing Dress Doing Crime , Officers Protecting Them By Taking Bribe !

  Mumbai. The Sr DCM Of Mumbai Division has given verbal exemption to about 700 motormen of central railway that not to wear dress as per railway board regulation without any backing of law and document. In reply to complaint to RPF to register case under Section 175 of Railway act against motormen , the Sr DCM replied that we have given exemption without any enclosing any documents.Applicant is in the process to register case under IPC and railway act  to register case against motormen for disobeying law and endangering life of passengers. The officers taking bribe and protecting them are doing offence under section 7 and 13 of PC act 1988 and FIR can be registered against them in corruption court at session , Mumbai CST . The reason for not wearing can also be raise by TTE, House Keeping, Guard, Station Manager etc. You can demand safety but cannot challange law. If any terrorist take away the train without dress then How people will recognise Him? If he will be in dress then any oth

चीते की भी टेंशन से किडनी फेल हो जाती है

  चीतो को भी टेंशन होता है। पिंजरे में रहने से उनकी किडनी टेंशन के कारण खराब हो जाती है चीते और किडनी फ़ेल होने का इतिहास चीतों की मौत होने का एक बड़ा कारण किडनी फ़ेल होना है, जिसे वैज्ञानिकों और डाक्टरों ने शोध से साबित करने की कोशिश की है. अमेरिकी सरकार के नेशनल सेंटर ऑफ़ बायोटेक्नोलोजी इन्फ़र्मेशन ने साल 1967-2014 के बीच  243 ऐसे चीतों पर शोध  किया था जो क़ैद में रह रहे थे. एमिली मिचेल के नेतृत्व में किए गए इस गहन शोध में पाया गया कि, "क़ैद में रहने वाले कुछ चीतों में कम उम्र से ही किडनी ख़राब होने के लक्षण सामने आने लगते हैं जो आगे चल कर जानलेवा बन जाते हैं." शोध इस नतीजे पर पहुँचा कि क़ैद में या किसी कंट्रोल्ड माहौल में रहने वाले चीते अत्यधिक तनाव लेते हैं, जिसका एक असर उनकी किडनी पर पड़ता है." चीतों के संरक्षण के लिए काम करने वाली नामचीन संस्था  'चीता कंज़रवेशन फंड' के एक रिसर्च पेपर  ने भी इस बात को ओर ध्यान दिया है कि चीतों में किडनी फेल होने के लक्षणों को शुरुआत में ही कैसे पकड़ लिया जाए जिससे उनका सफल इलाज हो सके. चीते के बारे में जानिए ये दिलचस्प जानका

Saffron Capital Advisors LM Not Done Compliance Of Uday ShivKumar Infra IPO as per SEBI Observation.....

  Mumbai: Uday Shiv Kumar Infra Limited Launched Rs 66 Cr approx IPO and appointed Saffron Capital Advisors Pvt Ltd as lead Manager . As per SEBI Observation the lenders NOC is mandatory but Saffron Capital did not done compliance of this SEBI Observation and filed prospectus before ROC . The infra company has taken loans from 7-8 banks and companies but only SBI NOC was shared with applicant.  There was huge irregularties in other documents . The BSE shared in principle approval letter without signature and NSE letter was digitally sign but sign was not verified . Saffron says that the letter is received by email so no signature is required . The email is only medium of communication like post office and courier. The saffron also failed to show board of directors resolution in favour by NSE and BSE management in favour of letter issuing authority. The SEBI AGM Amruta Naik which give observation to this IPO is silent on this matter. Why she allowed IPO without complaince of section 25(

Mumbai Judge Denied Contempt Action Inspite Of Challange To Initiate Contempt Action Against Party In person

  याचिकाकर्ता ने जज K. P. Kshirsagar, City Civil Court, Mumbai पर भ्रष्ट आचरण का आरोप लगाया क्योंकि उसने गलत आदेश देने के लिए कई facts और Citations छुपा लिए। जज को मालूम था कि contempt चलाने पर खुद फस जाएगा judicial impropriety में  Mumbai: Mr Manu bhai H Patel filed a declaration suit against Maharashtra jeevan Pradhikaran(MJP) and State of Maharashtra . The issue related to 3 water supplies of Maharashtra govt and execution is done by MJP. So State is the owner and MJP is agent .The Judge K. P. Kshirsagar, City Civil Court, Mumbai court passed  ex Party order against both respondents .When MJP did not appeared then court ordered NWS to State of Maharashtra . The Plaintiff said that state is the only agent to receive the proceess. . The MJP was not appearing and State was doing argument. Plaintiff requested the court to pass a decree. He provided many citations in favour of his prayer. Judge rejected the application inspite of no plea from defendents and rejected exhibit no.3 applicat

When Ant Goes Inside Ear do this कान में कीड़ा घुसे तो क्या करे?

  Take mustard oil and make it little hot. Then this warm oil inside ear. After few time remove oil from ear in opposite direction. The ant or insect will come come out. Tilt your head to the affected side and gently shake your head to dislodge the bug. Do not hit your ear as this can lead to additional problems. If the bug is still alive, try pouring a tiny amount of vegetable oil into the ear to suffocate it. If the bug is dead, try to flush it out of the ear using warm water. https://www.facebook.com/reel/1319903181904669?mibextid=BuFJOqMoWj1Hyi8k

Supreme Court Email IDs of Various Sections

  I have been observing that every time there is request for providing *email ids* of filing section, for mentioning, concerned Sections to follow-up the matters or for sending appearance. Here is some help. I have compiled it one   message. I Hope it will save your time, energy and  lessen the burden of mental pressure and tension.  You just click it or do copy paste and can send emails easily. *For filing related queries* sec.ib@sci.nic.in filing@sci.nic.in Mention.sci.nic.in *For other queries related to the particular Section* section.ii@sci.nic.in section.iia@sci.nic.in section.iib@sci.nic.in section.iic@sci.nic.in section.iii@sci.nic.in section.iiia@sci.nic.in section.iv@sci.nic.in section.iva@sci.nic.in section.ivb@sci.nic.in section.vii@sci.nic.in Section V &VI - original Records Section VII- R&I of Dak Section VIII- (Record room- Disposed Cases, AOR examination designation of Seniors)  section.ix@sci.nic.in section.x@sci.nic.in section.xi@sci.nic.in section.xia@sci.nic

Not Registering FIR Is Not Corruption: Dewas Corruption Court Judge Manish Singh Thakur

 WITHOUT ANY ENQUIRY IN PRECOGNIZABLE STAGE JUDGE GIVEN CLEAN CHIT WITH SUPPRESSION OF FACT  VIOLATION OF SUPREME COURT ORDER THAT PRELIMINARY ENQUIRY IS MANDATORY IN CORRUPTION CASE  करप्शन कोर्ट  ने नई परिभाषा  दी की काम नहीं करना करप्शन नहीं होता, बिना प्रारंभिक इन्क्वारी के क्लीन चिट दे दी  Dewas MP State.: A Complaint under Prevention of corruption act 1988 was filed before Special court Under PC act before ADJ 1 Dewas Shri Manish Singh Thakur. The Complaint was that the SHO BNP Mukesh Ijjardar was not taking action in cognizable offence under IPC 420,120b, 468 against school management inspite of evidence submitted since last 1.5 years . He also neglected DLSA secretary letter to conduct investigation in cognizable offence.  The complainant made allegation that SHO has taken bribe from accused and denying action in cognizable offence. He dont follow Lalita Kumari order with time limit of 2 weeks  and various circulars of Home ministry. He has huge disproportionate assets and it i