RASGULLA SHOPS ARE SHUT DOWN IN WEST BENGAL. DEMAND OF MILK REDUCED. MILK PRODUCERS ARE DISPOSING MILK IN ROADS.... पश्चिम बंगाल और रसगुल्ला एक-दूसरे के पर्याय माने जाते हैं. लेकिन कोरोना की वजह से मिठाई की दुकानें बंद हो जाने की वजह से जहां पहली बार रसगुल्ला और संदेश जैसी लोकप्रिय मिठाइयां बाजारों और आम बंगाली के घरों से गायब हो चुकी है वहीं इसके चलते रोजाना औसतन दो लाख लीटर दूध नालों में बहाना पड़ रहा है. राज्य में आमतौर पर ताजा दूध के कुल उत्पादन में से लगभग 60 फीसदी की खपत मिठाई की दुकानों में ही होती थी. लेकिन लॉकडाउन के चलते इन दुकानों के बंद होने से डेयरी उद्योग को रोजाना 50 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ रहा है. अब मिठाई निर्माताओं के संगठन पश्चिम बंग मिष्ठान व्यवसायी समिति ने राज्य सरकार को पत्र लिख कर मिठाई की दुकानों को लॉकडाउन से छूट देने की अपील की है. दूध की बर्बादी के चलते मचे हाहाकार के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने मिठाई विक्रेताओं के अनुरोध पर मंगलवार को दोपहर 12 से चार बजे के बीच छोटी दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है. लेकिन इसके लिए दुकानादरों को सुरक्षा उप