थोरियम एक "रेडियोएक्टिव" पदार्थ है जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा बनाने के लिए होता हैl भारत में इसके भण्डार प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जिसका मूल्य 48 लाख करोड़ रुपयों से भी ज्यादा हैl इसकी शुरुआत तब होती है, जब पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति जोर्ज बुश भारत आये थे और एक सिविल न्यूक्लीयर डील पर हस्ताक्षर किये गए जिसके अनुसार अमरीका भारत को युरेनियम-235 देने की बात कही l उस समय पूरी मीडिया ने मनमोहन सिंह की तारीफों के पुल बांधे और इस डील को भारत के लिए बड़ी उपलब्धि बताया, पर पीछे की कहानी छुपा ली गयी l आप ही बताइए जो अमरीका 1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद भारत पर कड़े प्रतिबंध लगाता है वो भारत पर इतना उदार कैसे हो गया की सबसे कीमती रेडियोएक्टिव पदार्थ भारत को मुफ्त में देने की डील करने लगा ? दरअसल इसके पीछे की कहानी यह है की इस युरेनियम-235 के बदले मनमोहन सिंह ने यह पूरा थोरियम भण्डार अमरीका को बेच दिया जिसका मूल्य अमरीका द्वारा दिए गए युरेनियम से लाखो गुना ज्यादा है l आपको याद होगा की इस डील के लिए मनमोहन सिंह ने UPA-1 सरकार को दांव पर लगा दिया था, फिर संसद में वोटिंग के समय सांसदो...