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Showing posts from November, 2015

Coca Cola Drunk Full City Water In India

कोका कोला ने खत्म किया वाराणसी की जमीन का पानी? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की 18 ग्राम पंचायतों ने इलाके में स्थित कोका कोला के प्लांट को बंद करने की मांग की है। इन पंचायतों के लोगों का कहना है कि कोका कोला प्लांट के लिए पानी की अत्यधिक निकासी के चलते इलाके में जल का स्तर काफी नीचे चला गया है और लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। एक पर्यावरण जागरुकता समूह ने बताया कि वाराणसी के मेहदीगंज इलाके के तमाम गांव 1999 से ही पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। इस प्लांट की स्थापना 1999 में ही की गई थी, उसके बाद से इस इलाके में पानी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। ग्राम पंचायतों को समर्थन कर रहे कैलिफॉर्निया स्थित इंडियन रिसोर्स सेंटर के अमित श्रीवास्तव ने कहा, 'ग्राम प्रधान लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनका कहना है कि मेहदीगंज इलाके में कोका कोला ने बड़ा नुकसान किया है। अब समय आ गया है जब कोका कोला को अपना कारोबार समेट लेना चाहिए और यहां से चले जाना चाहिए।' श्रीवास्ताव ने बताया, 'कोका कोला पूरी दुनिया में अपनी तस्वीर पानी का बेहत

BHEL : Kasturba Hospital Mismanagement at Bhopal

डाक्टरों की कमी से जूझ रहा कस्तूरबा अस्पताल On 11/26/2015 6:32:59 PM Change font size: A  |  A Print E-mail Comments Rating Bookmark भेल! कस्तूरबा अस्पताल का नाम एक समय राजधानी के बड़े अस्पतालों में शुमार था, करीब एक दशक से भेल प्रबंधन ने इस अस्पताल से अपनी नजरें फेर ली। यहां लंबे समय से सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की मांग कर्मचारियों द्वारा की जा रही है, लेकिन प्रबंधन इस मांग को आज तक पूरी नहीं कर पाया। प्रबंधन ने प्रयास भी किया तो कुछ डॉक्टरों को प्रबंधन की शर्त मंजूर ना होने के कारण नौकरी ही छोड़कर चले गये। 2 साल में 10 डाक्टरों ने नौकरी छोड़ी सूत्र बताते है कि 2 साल में 10 डाक्टरों ने कस्तूरबा अस्पताल की नौकरी ही छोड़ दी। अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट, हार्ट स्पेशलिस्ट और आथरे स्पेशलिस्ट की कमी आज भी बनी हुई है। न्यूरो का काम डॉक्टर सरला मेनन देखती थी, लेकिन वह भी 24 सितंबर को रिटायर हो गई। इसी तरह अस्पताल की जान पैथोलाजी विभाग में स्टाफ की कमी बताई जा रही है, इस विभाग का काम ज्यादातर ट्रेनीज द

Bihar : Liquor Ban loss Rs4000 CR per year

नई दिल्ली 1 अप्रैल 2016 से बिहार देश का चौथा ड्राइ स्टेट बन जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को राज्य में शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है।  दरअसल, विपक्ष राज्य में जगह-जगह शराब के ठेके खुलवाने के लिए नीतीश सरकार पर बराबर हमलावर हुआ करता था। इसलिए, नीतीश ने चुनाव प्रचार के दौरान ही राज्य में शराबबंदी का वादा किया। अब वादा पूरा करने की घोषणा कर नीतीश ने विपक्ष का मुंह तो चुप करा दिया, लेकिन एक तथ्य यह भी है कि इस फैसले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।  रिपोर्टों के मुताबिक, राज्य को शराब बिक्री पर लगे टैक्स कलेक्शन से हर साल 4,000 करोड़ रुपये की आमदनी होती थी। इतना ही नहीं, शराब पर प्रतिबंध का बड़ा असर ग्लोबस स्पिरिट्स, यूनाइटेड स्पिरिट्स लि. और रैडिको खैतान जैसी कंपनियों पर भी होगा। नई पॉलिसी के तहत एक्साइज डिपार्टमेंट ने साल 2007 में पूरे राज्य में शराब की दुकानें खोलने के लिए अंधाधुंध लाइसेंस बांटे। इस वजह से विभाग के रेवेन्यू कलेक्शन में 10 गुना उछाल दर्ज की गई। एक्साइज डिपार्टमेंट को साल 2005-06 में 319 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी

Muffler man Kejriwal Will Use Cycle In Delhi

नई दिल्ली प्रदूषण के बोझ से परेशान दिल्ली शहर में आज दूसरा कार-मुक्त दिवस मनाया जा रहा है। सरकार द्वारा लोगों से अपनी कार छोड़कर सार्वजनिक यातायात का इस्तेमाल करने की अपील को और वजनदार बनाने के लिए सीएम केजरीवाल भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने ट्विटर पर लोगों को बताया कि वह आगामी 22 जनवरी को साइकल से दफ्तर जाएंगे। एक ओर जहां सीएम ने आज के इस कार्यक्रम में सीधे तौर पर शिरकत की, वहीं उन्होंने ट्वीट कर आगामी कार्यक्रमों के बारे में भी बताया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, '22 दिसंबर को पूर्वी दिल्ली में कार मुक्त दिवस होगा। 22 जनवरी को हम सब एक दिन के लिए कार छोड़ दें और साइकल से या फिर सार्वजनिक यातायात का इस्तेमाल कर दफ्तर जाएं। मैं अपने दफ्तर साइकल से जाऊंगा।' Muffler man kejriwal सीएम ने आज के कार-मुक्त दिल्ली के मौके पर द्वारका इलाके में प्रतिभागियों के साथ मिलकर साइकल रैली में भी हिस्सा लिया। उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित कर दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने में जनसहयोग की अपील की। उनके साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और यातायात मंत्री गोपाल राय भी मौ

स्टडी: तम्बाकू लेने वाली मांओं के बच्चों की आंखें स्वस्थ्य

चरस , गांजा , मारिजुआना ( एक प्रकार का तम्बाकू उत्पाद ) तम्बाकू के दुष्प्रभावों से हम सभी परिचित हैं पर एक ताजा स्टडी रिपोर्ट आपको थोड़ा हैरान कर सकती है। अध्ययन में पता चला है कि तम्बाकू का सेवन करने वाली गर्भवती महिलाएं अपने बच्चे के लिए नुकसान नहीं , बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु की आंखों के लिए फायदेमंद साबित होती हैं। हालांकि इस रिपोर्ट में दुनिया द्वारा स्वीकारे जा चुके मारिजुआना के नुकसान को चुनौती नहीं दी गई है। भारतीय शोधकर्ता अरिजित चक्रवर्ती और उनकी टीम द्वारा तैयार किए गए मेडिकल पेपर यूके के एक जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। इसमें जिक्र है कि मारिजुआना गर्भस्थ शिशु पर मां के ऐल्कॉहॉल लेने से होने वाले नुकसानों को भी कम करता है। चक्रवर्ती बताते हैं कि हम उन प्रेगनेंट महिलाओं को तम्बाकू सेवन के लिए नहीं कह रहे , जो ऐल्कॉहॉल लेती हैं , बल्कि इन चीजों का सेवन बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्टडी आने वाले वक्त मे

ब्रिटेन की संसद में 23,722 बार बोला गया 'सेक्स'

क्या आप जानते हैं पिछले 200 साल में ब्रिटेन की संसद में किन शब्दों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा बार हुआ है? सांसदों ने भाषणों में सेक्स शब्द का 23,722 बार इस्तेमाल किया है। इसका प्रयोग ज़्यादातर लिंग भेद करने के लिए हुआ है।19वीं सदी के दौरान सेक्स शब्द से बने कुछ मुहावरों का कई बार प्रयोग किया गया।  ब्रिटेन की संसद में ईसाई या ईसाइयत शब्द का इस्तेमाल 45,902 बार हुआ है। 19वीं सदी से ही वॉर यानी युद्ध शब्द का इस्तेमाल बार-बार हुआ है। इसका सबसे ज़्यादा इस्तेमाल 1940 से 1949 के बीच हुआ। इस दौरान एक लाख सत्तर हजार से भी ज़्यादा बार वॉर शब्द का इस्तेमाल हुआ है। यह जानकारी मिली है एक वेबसाइट से जिसे ग्लासगो यूनिवर्सिटी ने तैयार किया है।  इस वेबसाइट पर 76 लाख भाषणों का संकलन है, जो 1803 से 2005 के बीच दिए गए हैं। इस वेबसाइट को तैयार करने वाले दल के प्रमुख डॉ। मार्क एलेक्जेन्डर कहते हैं, "19वीं सदी में संसद का पसंदीदा शब्द स्वाधीनता और न्याय हुआ करता था, लेकिन अब जानवर और लोकतंत्र जैसे शब्दों का प्रयोग कई बार होता है।" और किन शब्दों का हुआ प्रयोग यह वेबसाइट बताती है कि बीते