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Showing posts from December, 2020

Lord Shri Krishna Died at 125 age!

 EXCELLENT INFO ABOUT *SRi KRISHNA* 1) Krishna was born *5252 years  ago*  2) Date of *Birth* : *18 th July,3228 B.C* 3) Month : *Shravan* 4) Day :  *Ashtami* 5) Nakshatra : *Rohini* 6) Day : *Wednesday* 7) Time : *00:00 A.M.* 8) Shri Krishna *lived 125 years, 08 months & 07 days.* 9) Date of *Death* : *18th February 3102BC.* 10) When Krishna was *89 years old* ; the mega war *(Kurukshetra)* war took place.  11) He died *36 years after the Kurukshetra* war. 12) Kurukshetra War was *started on Mrigashira Shukla Ekadashi,BC 3139. i.e "8th December 3139BC" and ended on "25th December, 3139BC".*   12) There was a *Solar eclipse between "3p.m to 5p.m on 21st December, 3139BC" ; cause of Jayadrath's death.* 13) Bhishma died on *2nd February,(First Ekadasi of the Uttarayana), in 3138 B.C.* 14) Krishna  is worshipped as: (a)Krishna *Kanhaiyya* : *Mathura* (b) *Jagannath*:- In *Odisha* (c) *Vithoba*:- In *Maharashtra* (d) *Srinath*:  In *Rajasthan* (e) *Dwa

Petition filed to setup NCLAT Bench in Mumbai At Bombay High Court

Noted Activist, Advocate Nicky Pokar filed a Writ Petition in Bombay High Court praying for setting up of National Company Appellate Tribunal (NCLAT) Bench in Mumbai. In filing the petition, Advocate Nicky Pokar relied on Government of India’s assurance and Supreme Court’s directions in Swiss Ribbons (P) Ltd. V/s Union of India, (2019) 4 SCC 17; wherein the Supreme Court appreciated the hardship of the litigants and Advocates, who arestationed outside Delhi, who not only have to undertake travelling a long distance, but also entailing uncalled for financial expenses. The Swiss Ribbon ruling assumes significance, since it was argued upon if not a permanent Bench at least a circuit bench be established, wherein litigants could avail the requisite remedy; axiomatic to state prior to setting up of NCLAT, the litigants could avail remedy before their respective High Courts and it is nobody’s case to state that after setting up of NCLAT, the litigants could be disadvantaged to travel to Delh

India:100 करोड़ सनेटरी पैड pollution फ़ैला रहे है हर साल .....

  SANITORY PAD CAUSE POLLUTION IN NATURE DUE TO PLASTIC COMPONENTS सैनिटरी पैड्स का कचरा कहां जाता है? एमएचएआई संस्थाओं का नेटवर्क है जो माहवारी के दौरान स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधित विषयों पर काम करता है. इनके आकलन के मुताबिक़ 12.1 करोड़ महिलाएं सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल करती हैं. अगर एक साइकिल में महिलाएं आठ पैड्स का इस्तेमाल करती हैं तो एक महीने में महिलाएं एक अरब पैड्स का इस्तेमाल करती हैं यानि एक साल में 1200 करोड़ पैड्स का इस्तेमाल होता है. लेकिन ये कचरा कहां जाता है? सरकार, निर्माता कंपनियों को इस्तेमाल हुए सैनिटरी पैड्स को फेंकने के लिए डिग्रेडेबल बैग देने की बात कर रही है लेकिन सैनिटरी पैड्स से होने वाले कचरे के बारे में सोचना भी उतना ही ज़रूरी माना जाता हैं. इसी संस्था के मुताबिक़ एक सैनिटरी पैड सड़ने-गलने या डिकम्पोज़ होने में 500-800 साल लेता हैं क्योंकि उसमें इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक नॉन- बॉयोडिग्रेडबल यानि नष्ट नहीं किया जा सकता है और जिससे वो स्वास्थय के साथ-साथ पर्यावरण के लिए ख़तरा बन जाता है. बाज़ार में उपलब्ध ज्यादातर पैड्स सैल्युलोस, सुपर अब्ज़ॉर्बेंट पोलिमर (S

तीसरी बार गैर हाज़िर रहे कोर्ट से UMARIA SP VIKAS SHAHWAL. CONTEMPT CASE FILED FOR SUPREME COURT ORDER VIOLATION.

UMARIA SP VIKAS SHAHWAL ABSENT IN 3RD DATE OF NOTICE IN CONTEMPT PETITION. COURT RESERVED ORDER IN WARRANT APPLICATION BY COMPLAINANT. ALLEGATION OF NOT OBEYING SUPREME COURT ORDER OF LALITHA KUMARI GUIDELINES . VIOLATION OF ARTICLE 141.   Umaria  MP STATE: FIR  नहीं लिखने के मामले में कल १५ दिसंबर को उमरिया POLICE SP गैरहाजिर रहे। शाम पांच बजे तक उनका कोर्ट ने इंतज़ार किया पर नहीं आए। उन पर कोर्ट कि अवमानना का केस दायर किया गया है कि वो सुप्रीम कोर्ट की ललिता कुमारी गाइडलाइन के अनुसार काम नहीं करते और मामला दर्ज नहीं करते। आरोप है कि आर्टिकल १४१ का पालन  नहीं करके  उन्होंने  सुप्रीम कोर्ट को उमरिया में चुनौती दी है। कल तीसरी तारीख थी और तीन बजे से कोर्ट ने इंतज़ार किया पर नहीं आए। दूसरी आरोपी थाना प्रभारी वर्षा पटेल मानपुर से कोर्ट में आई। शिकायतकर्ता एसके श्रीवास्तव ने एसपी के खिलाफ वारंट जारी करने की अर्जी कोर्ट में दी, इसपर कोर्ट ने फैसला २१ दिसंबर तक सुरक्षित रखा। आमतौर कोर्ट ३ बार गैर हाज़िर रहने पर कोर्ट नॉन बैलेबल वारंट जारी कर देती है पर यहां कोर्ट एसपी को मौका दे रही है । दूस

YouTube एक मिनट में ₹२३ लाख कमाता है!

  दुनियाभर में गूगल की सर्विसेस सोमवार शाम करीब 40 मिनट तक क्रैश रहीं। लॉगइन और एक्सेस में परेशानी भारतीय समय के मुताबिक, शाम करीब 5.26 बजे शुरू हुई और शाम 6.06 पर री-स्टोर हुईं। इस दौरान गूगल की 19 सर्विसेस ठप रहीं। डेटा के मुताबिक, यू-ट्यूब पर 60 सेकंड में 500 घंटे का डेटा अपलोड होता है यानी 40 मिनट की परेशानी के दौरान इस सर्विस पर 20 हजार घंटे का डेटा अपलोड नहीं हो पाया। इस दौरान करीब 50 लाख करोड़ यूजर्स ई-मेल भी नहीं भेज सके। एक अनुमान के मुताबिक, यूट्यूब को करीब 9.41 करोड़ का नुकसान हुआ। यूट्यूब एक मिनट में करीब 32 हजार डॉलर यानी करीब 23.53 लाख रुपए कमाता है

सबसे ज्यादा केस लड़ने वाला इन्सान..........

  अमेरिका का जोनाथन ली रिचेज दुनिया का अजीबो गरीब इंसान है यह दुनिया में सबसे ज्यादा मुकदमे लड़ने वाला इंसान कहलाता है। इसने सबसे पहला मुकदमा अपनी माँ के खिलाफ दर्ज करवाया कि माँ ने उसकी पालन पोषण अच्छी तरह नहीं की वह केस जीत गया और उसे बीस हजार डालर मुआवजा मिला। उसने अपने दोस्त,अपने उस्ताद, अपने पड़ोसी, अपने रिश्तेदारों,अपनी मंगेतर, पुलिस, जज, मशहूर कम्पनियों यहाँ तक कि जार्ज बुश पर भी मुकदमें किये। अलग अलग अदालतों में उसकी तरफ से दाखिल किये गये मुकदमों की संख्या 2600 के करीब है । उसका नाम गिनीज़ बुक मे दर्ज किया गया  फिर उसने गिनीज बुक आफ वर्ल्ड के खिलाफ ही मुकदमा ठोक दिया कि उसकी इजाजत के बिना उसकी जाती जिंदगी के सम्बंध में क्यों लिखा ? मुखतलिफ मुकदमों में हर्जाने और मुआवजे में आठ लाख डालर के करीब जीत चुका है। उसे एक टीवी शो में बुलाया गया उसने इंतहाई दुख और रंज के आलम में शो वालों से सवाल किया कि क्या वजह है कि इतनी शोहरत के बाद भी मैं अकेले जिंदगी गुजार रहा हूँ, कोई मुझसे प्यार करने वाला नहीं है ? टीवी शो वाले इस बात पर हंस पड़े और काफी देर हंसते रहे, वह टीवी शो छोड़कर उठा और अपनी बेइज

MP : Mining officer & Collector कैसे चूना लगाते है देश को और मलाई खुद कमाते है !

  MINING NOC IS COMPULSARY FOR PWD , PIU ,MPRDC ALL CIVIL WORK.  MINING OFFICER ISSUE ROYALTY PAID CERTIFICATE INSTEAD OF MINING NOC TO CLEAR BILLS OF CONTRACTORS. MAXIMUM MINING OFFICER DO NOT  COLLECT 45 TIMES PENALTY FROM CONTRACTORS AND ISSUE ROYALTY PAID CERTIFICATE AFTER TAKING BRIBE. 99% BILLS CLEARED WITHOUT NOC IN PIU, PWD, MPRDC POLICE HOUSING , NH ETC MORE THAN 50k crores SCAM PER YEAR AT MADHYA PRADESH खनिज विभाग शासन स्तर पर चूना लगाने के लिए जिले के अंदर अपनी मनमानी नियम बनाकर अमल कर रहे हैं विभिन्न सरकारी विभागों के ठेकेदारों से कुछ रुपयों में अपनी जेब भरकर शासन को करोड़ों रुपए का घाटा करवा रहे हैं ताजा मामला रॉयल्टी एनओसी का है  जिसे खनिज विभाग से ठेकेदारों को लेना अनिवार्य है लेकिन  खनिज अधिकारी  उसके स्थान पर रॉयल्टी पैड सर्टिफिकेट देते हैं इस प्रकार से हर एक कार्य के लिए शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जाता है इस  कार्य में  कलेक्टर, खनिज विभाग अधिकारी से लेकर समस्त राजस्व विभाग के अधिकारियों की जेब भरी जाती है CM helpline मैं कई बार शिकायत करने के बावजूद रॉयल्टी