चरस, गांजा, मारिजुआना (एक प्रकार का तम्बाकू उत्पाद) तम्बाकू के दुष्प्रभावों से हम सभी परिचित हैं पर एक ताजा स्टडी रिपोर्ट आपको थोड़ा हैरान कर सकती है।
अध्ययन में पता चला है कि तम्बाकू का सेवन करने वाली गर्भवती महिलाएं अपने बच्चे के लिए नुकसान नहीं, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु की आंखों के लिए फायदेमंद साबित होती हैं।
हालांकि इस रिपोर्ट में दुनिया द्वारा स्वीकारे जा चुके मारिजुआना के नुकसान को चुनौती नहीं दी गई है। भारतीय शोधकर्ता अरिजित चक्रवर्ती और उनकी टीम द्वारा तैयार किए गए मेडिकल पेपर यूके के एक जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। इसमें जिक्र है कि मारिजुआना गर्भस्थ शिशु पर मां के ऐल्कॉहॉल लेने से होने वाले नुकसानों को भी कम करता है।
चक्रवर्ती बताते हैं कि हम उन प्रेगनेंट महिलाओं को तम्बाकू सेवन के लिए नहीं कह रहे, जो ऐल्कॉहॉल लेती हैं, बल्कि इन चीजों का सेवन बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्टडी आने वाले वक्त में ऐल्कॉहॉल के प्रभाव को कम करने में मददगार साबित होगी।
चक्रवर्ती ने इस अध्ययन में बच्चों पर प्रयोग किया और पाया कि तुलनात्मक तौर पर उन बच्चों की दृष्टि ज्यादा स्वस्थ्य थी, जिनकी मांएं तम्बाकू-ऐल्कॉहॉल का सेवन करती थीं।
चक्रवर्ती ने इस अध्ययन को भारत के लिए काफी मददगार बताते हुए कहा कि यहां अमीर परिवारों की महिलाओं के बीच तम्बाकू और ऐल्कॉहॉल लेना आम बात है। वह बोले कि हम भविष्य में इससे जुड़ी शोध जारी रखेंगे।