कोका कोला ने खत्म किया वाराणसी की जमीन का पानी?
इन पंचायतों के लोगों का कहना है कि कोका कोला प्लांट के लिए पानी की अत्यधिक निकासी के चलते इलाके में जल का स्तर काफी नीचे चला गया है और लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
एक पर्यावरण जागरुकता समूह ने बताया कि वाराणसी के मेहदीगंज इलाके के तमाम गांव 1999 से ही पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। इस प्लांट की स्थापना 1999 में ही की गई थी, उसके बाद से इस इलाके में पानी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है।
ग्राम पंचायतों को समर्थन कर रहे कैलिफॉर्निया स्थित इंडियन रिसोर्स सेंटर के अमित श्रीवास्तव ने कहा, 'ग्राम प्रधान लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनका कहना है कि मेहदीगंज इलाके में कोका कोला ने बड़ा नुकसान किया है। अब समय आ गया है जब कोका कोला को अपना कारोबार समेट लेना चाहिए और यहां से चले जाना चाहिए।'
श्रीवास्ताव ने बताया, 'कोका कोला पूरी दुनिया में अपनी तस्वीर पानी का बेहतर इस्तेमाल करने वाली कंपनी के तौर पर करती है। लेकिन भारत में ऐसा कुछ भी नहीं हैं, यहां की यूनिटों में कंपनी गरीबों, महिलाओं, बच्चों और किसानों की कीमत पर पानी की जमकर बर्बादी करती है। कोका कोला की ओर से पानी की अधिक निकासी के चलते देश के गरीबों को पानी की बड़ी मुश्किल झेलनी पड़ रही है।'
मेहदीगंज इलाके में किसानों की बहुतायत है, जिनकी खेती जमीन के जल पर ही निर्भर है। पीने के पानी से लेकर सिंचाई तक के लिए भूजल पर ही निर्भरता है। कोका कोला भूजल का गैर जिम्मेदारी से इस्तेमाल कर रही है। श्रीवास्तव ने बताया कि 18 ग्राम पंचायतों ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखकर कंपनी की ओर से जमीनी जल की और निकासी करने पर रोक लगाने की मांग की है।
एक पर्यावरण जागरुकता समूह ने बताया कि वाराणसी के मेहदीगंज इलाके के तमाम गांव 1999 से ही पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। इस प्लांट की स्थापना 1999 में ही की गई थी, उसके बाद से इस इलाके में पानी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है।
ग्राम पंचायतों को समर्थन कर रहे कैलिफॉर्निया स्थित इंडियन रिसोर्स सेंटर के अमित श्रीवास्तव ने कहा, 'ग्राम प्रधान लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनका कहना है कि मेहदीगंज इलाके में कोका कोला ने बड़ा नुकसान किया है। अब समय आ गया है जब कोका कोला को अपना कारोबार समेट लेना चाहिए और यहां से चले जाना चाहिए।'
श्रीवास्ताव ने बताया, 'कोका कोला पूरी दुनिया में अपनी तस्वीर पानी का बेहतर इस्तेमाल करने वाली कंपनी के तौर पर करती है। लेकिन भारत में ऐसा कुछ भी नहीं हैं, यहां की यूनिटों में कंपनी गरीबों, महिलाओं, बच्चों और किसानों की कीमत पर पानी की जमकर बर्बादी करती है। कोका कोला की ओर से पानी की अधिक निकासी के चलते देश के गरीबों को पानी की बड़ी मुश्किल झेलनी पड़ रही है।'
मेहदीगंज इलाके में किसानों की बहुतायत है, जिनकी खेती जमीन के जल पर ही निर्भर है। पीने के पानी से लेकर सिंचाई तक के लिए भूजल पर ही निर्भरता है। कोका कोला भूजल का गैर जिम्मेदारी से इस्तेमाल कर रही है। श्रीवास्तव ने बताया कि 18 ग्राम पंचायतों ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखकर कंपनी की ओर से जमीनी जल की और निकासी करने पर रोक लगाने की मांग की है।