मोदी सरकार पूर्व नौसैनिक अफसरों को कतर से ला नही पा रही, उनपर इजरायल के लिए जासूसी का आरोप
कतर सरकार कोई कारण नहीं बता रही की क्यों कैद किया है।
रिटायर्ड नेवी आफिसर्स पनडुब्बी मे काम करने प्राइवेट कंपनी के द्वारा गए थे
बात 30 अगस्त 2022 की रात की है. क़तर में काम करने वाले भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को ख़ुफ़िया विभाग के अधिकारियों ने उठा लिया.
इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद उन्हें दोहा के एक जेल में बाक़ी क़ैदियों से अलग रख दिया गया.
जेल में बंद किए गए ये भारतीय नागरिक क़तर की नौसेना के लिए काम करने वाली एक कंपनी में वरिष्ठ पदों पर थे.
इन भारतीयों में तीन रिटायर्ड कैप्टन, चार कमांडर और एक नाविक शामिल हैं.
जैसा कि एक पूर्व भारतीय राजनयिक कहते हैं इन लोगों को पिछले नौ महीने से 'खूँखार अपराधियों' की तरह अलग-थलग रखा गया है.
हैरानी की बात ये है कि क़तर की सरकार ने आधिकारिक तौर पर उन्हें हिरासत में लेने की कोई वजह नहीं बताई है.
लेकिन स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़ गिरफ़्तार किए गए भारतीयों पर दोहा में काम कर रहे एक सबमरीन प्रोजेक्ट की संवेदनशील जानकारियाँ इसराइल से साझा करने का आरोप है.
क़तर में ऐसे आरोपों के साबित होने पर मौत की सज़ा का प्रावधान है.
जेल में बंद ये भारतीय दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टिंग सर्विसेज़ में काम करते थे.
ये कंपनी सबमरीन प्रोग्राम में क़तर की नौसेना के लिए काम कर रही थी. इस प्रोग्राम का मक़सद रडार से बचने वाले हाईटेक इतालवी तकनीक पर आधारित सबमरीन हासिल करना था.
पिछले हफ़्ते क़तर ने कंपनी को बंद करने का आदेश दिया और इसके लगभग 70 कर्मचारियों को मई के अंत तक देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है. इनमें ज़्यादातर भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मचारी थे.
जासूसी के आरोप में आठ महीनों से कतर में हिरासत में रखे गए भारतीय नौसेना के 8 अधिकारियों को मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान मीडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अधिकारियों पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आरोपियों की पहचान भारत की खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के लिए काम करने वाले के रूप में की गई है और कथित तौर पर कतर में जासूसी गतिविधियों को अंजाम देते हुए पकड़े गए थे।
कौन कौन हैं पूर्व अधिकारी?
कतर में जिन नौसेना के पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था, उनके नाम कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनकर पाकला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश हैं।
भारत सरकार ने क्या कहा?
अपनी साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, कि हम कतरी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। दोहा में हमारा दूतावास परिवारों के संपर्क में बना हुआ है। अगली सुनवाई मई की शुरुआत में है। हम यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि उस सुनवाई के संबंध में उससे पहले क्या किया जा सकता है।
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