Collector Sanjeev Srivastava पर राष्ट्र ध्वज के अपमान का आरोप पर FIR की मांग
उमरिया: कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के खिलाफ CRPC 156 की शिकायत JMFC RAJAN GUPTA ने खारिज कर दी । कोर्ट ने COGNIZABLE OFFENCE होने पर भी जांच से इंकार कर दिया। यह सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमारी आदेश को चुनौती है। संजीव श्रीवास्तव पर यह आरोप है कि गणतंत्र दिवस पर कोट में उल्टा तिरंगा पहन रखा था। इनपर सेक्शन 2 Prevention of Insults to National Honour Act, 1971 और IPC 166A(B) के तहत FIR की मांग की गई थी। दोनो धारा संज्ञे अपराध में आते है। पुलिस और JMFC ने ललिता कुमारी के आदेश को धत्ता बताते हुए शिकायत खारिज कर दी। बड़े लोगों के खिलाफ JMFC RAJAN GUPTA कई बार COGNIZABLE OFFENCE में FIR की मांग खारिज कर चुके है और सुप्रीम कोर्ट की अवमानना कर देते है। इस आदेश को चुनौती देते हुए वरुण नामदेव ने सेशन कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन सीआरपीसी 397 के तहत दायर कर दिया है । COURT से AMECUS CURIE की मांग की गई है जो कोर्ट की सहायता कर सके। सेशन कोर्ट को रिवीजन में एमिकस क्यूरी APPOINT करने का अधिकार है। COGNIZABLE OFFENCE होने पर MCRC में हाई कोर्ट से आदेश मिल ही जाएगा पर सेशन कोर्ट का रिवीजन का PROCESS FOLLOW करना पड़ेगा। जिला जज एक दिन मे भी रिवीजन खारिज कर सकते है या नोटिस भी इश्यू कर सकते है। एक रिवीजन में JMFC ABHISHEK KUMAR, RAJAN GUPTA ने MAIN DOCUMENT को ऑर्डर में नही लिखा और DISTRICT JUDGE Sanat Kumar Kashyap ने भी बिना सुने पहले दिन ही अपील खारिज कर दी । एक आवेदक को अचानक कॉल आया की VC पर JOIN करिए। जैसे ही VC पर हाजिर हुए तो DJ साहब बोले की ऑर्डर पढ़ लेना। उसी दिन केस नंबर आया और तुरंत DISPOSE भी कर दिया। DJ साहब ने भी FACTS को ऑर्डर में नही लिया क्योंकि आरोपी बड़े अधिकारी थे और मरने वाला मजदूर। हमजा हाजी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार यह आचरण FRAUD हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार अगर judicial procedure नही फॉलो किया जाता तो 362 Crpc के बावजूद recall file कर सकते है। आज कल judicial officers , सुप्रीम कोर्ट के आदेश को धत्ता बताते है और उसका पालन नहीं करते ऐसा काफी जगह होता है । इसलिए हाई कोर्ट मे केस बढ़ रहे है। ईमानदार जज भी बचे है पर संख्या सीमित है।कोर्ट जाने से पहले सबको कोर्ट का हाल पता होना चाहिए। आज कल district court मे judicial misconduct और adventurism आम बात है, कोई सुप्रीम कोर्ट से नही डरता क्योंकि उनकी भी यूनियन है। हाई कोर्ट भी निचली अदालतों से परेशान है। लोगों को कोर्ट पर आस्था होनी आवश्यक है क्योंकि देश मे कानून का राज है।
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