सीजेएम अनिल चौधरी और मजिस्ट्रेट अभिषेक ने जिला जज के आदेश की अवमानना की....
JMFC ABHISHEK पर दूसरा contempt दायर हुआ।
उमरिया: जिला न्यायालय में मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार पर दूसरा कंटेंप्ट केस जिला जज की adalat मे party in person सपन श्रीवास्तव ने दायर किया है। उनपर फिर यही आरोप लगाया गया कि बिना सुनवाई के केस में adverse order पास कर दिया। केस की पहली date पर लॉकडॉउन मे adverse order पारित कर दिया गया। अभिषेक जज साहब को ईमेल द्वारा बता दिया था कि आप पर contempt का केस दायर है इसलिए केस मत सुनिए फिर भी जेएमएफसी अभिषेक ने सीजेएम अनिल चौधरी से बात करके adverse order पास कर दिया। सीजेएम से बातचीत का ऑर्डर में वर्णन किया गया है। इस केस मे जिला जज के आदेश का violation हुआ। जब कोई आया ही नहीं तो भी क्यों adverse ऑर्डर पास किया? ऐसी क्या जल्दी थी कि अवमानना जरूरी थी। किसको बचाना चाहते थे?
कुछ दिन पहले भी जेएमएफसी अभिषेक पर सिविल contempt फाइल हुआ है। इसके बाद २ और केस में DJ की अवमानना हुई है। लगता है दो और केस दायर होंगे? मजिस्ट्रेट अभिषेक पर हाई कोर्ट के आदेश की भी अवमानना का मामला दायर हों सकता है। बताने पर भी बड़ी अदालतों के आदेशों की उपेक्षा करने की उनकी आदत है , जिससे भ्रष्ट सरकारी कर्मचारी बच जाए। सूत्रों के अनुसार हाई कोर्ट विजिलेंस ने भी जिला न्यायालय में complaints का जवाब मांगा है।
मजिस्ट्रेट को समझना चाहिए कि केस कभी बंद नहीं होता। एक अर्जी लगाने पर गलत ऑर्डर crpc 362 का भी recall हो जाता है और हर मजिस्ट्रेट हाई कोर्ट की अवमानना नहीं करता। ऐसा ना हों जो भ्रष्ट को बचाते है उनकी ही सेवा समाप्त हो जाए। निचली अदालत वरिष्ठ कोर्ट की अनदेखी नही कर सकती।
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