कम टेस्टिंग बन सकती है कोरोना विस्फोट की कारण
कोरोना वारियर्स का सम्मान , सभी की टेस्टिंग जरूरी
कलेक्टर और एसपी व अन्य अधिकारियों की हो रेंडम टेस्टिंग
ONLY 500 APPROX TESTING IN 6.5 LAC POPULATION DISTRICT. TESTING TEAM NOT DOING MOBILE TESTING.
उमरिया:- जिले में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ रही हैं। लेकिन सही आंकडे इससे कहीं ज्यादा भयावह हो सकते हैं। कौरोना मरीजों की पहचान के लिए जो टैस्टिंग की जा रही है, वह बहुत कम है। कोरोना वारियर्स का सम्मान बहुत जरूरी है,लेकिन उनकी कमजोरियों को नहीं उजागर करने से कोरोना महामारी अपना और विकराल रूप ले लेगी। जिला अस्पताल के कोरोना वारियर्स अपनी कुर्सियों से चिपक कर केवल अस्पताल में आने वाले मरीजों की टेस्टिंग करके अपनी खानापूर्ति कर रहे हैं। जबकि समय- समय पर कलेक्टर , एसपी से लेकर अन्य कर्मचारियों की टेस्टिंग होनी चाहिये। ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की कोई रेंडम टेस्टिंग की गयी हो। जिले की आबादी 6 लाख के आसपास है। तहसील की संख्या 7 है, इस आधार पर कम से कम प्रत्येक तहसील स्तर पर 1000 कोरोना मरीजों की टेंस्टिंग होनी चाहिये। जिला अस्पताल से लेकर पूरे स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से मात्र 400 से लेकर 500 तक जांच की जा रही है। उनमें अधिकांश जांचे जिला अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की जांच करके कोरम पूरा किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार सुदुर ग्रामीण स्तर के स्वास्थ्यकर्मी अपने तरीके पूरा प्रयास कर रहे हैं। जिला अस्पताल में केवल भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। यहां ना तो सही तरीके से टेस्टिंग की जा रही है, ना ही आम मरीजों से कोई अच्छा व्यवहार किया जा रहा है। किराना दुकान, सब्जी विक्रेता, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाइक सवार, दूध वाले , सरकारी कर्मचारियों की हर हफ्ते टेस्टिंग की जरूरत है। कलेक्टर की कड़ाई के बावजूद कई हिम्मतवाले बिना मास्क के घूम रहे है। कुछ मेडिकल वाले तो सिर्फ नाम मात्र के लिए mask पहनते है। जब पांच हज़ार से ऊपर टेस्टिंग होगी तब सही कॉरोना के आंकड़े मिलेंगे।
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