सस्ते पेट्रोल डीजल के लिए लोग नेपाल गाड़ी लेकर जाते है. करीब 30 रुपए की बचत होती है
भारत-नेपाल की सीमा से सटे बिहार के रक्सौल शहर में युगल किशोर शिकारिया पिछले तीन दशक से पेट्रोल पंप चला रहे हैं. चार साल पहले तक रोज़ाना सात से आठ हज़ार लीटर डीजल-पेट्रोल बेचते थे. लेकिन इन दिनों उनकी ब्रिकी घटकर रोज़ाना 15 सौ से दो हज़ार लीटर पर आ गई है.
इसकी वज़ह यह नहीं कि रक्सौल शहर में वाहन कम हो गए हैं, बल्कि यह है कि पड़ोसी देश नेपाल में भारत से सस्ता डीजल-पेट्रोल होने के कारण सीमावर्ती इलाक़ों में इसकी तस्करी बढ़ गई है और स्थानीय लोग अपने वाहनों में नेपाल जाकर डीज़ल-पेट्रोल भरवा ले रहे हैं.
नेपाल की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले वीरगंज से सटे बिहार के रक्सौल की सीमा पर गुरुवार को नेपाल प्रहरी के जवानों ने टैंकर में भरकर ले जा रहे 1360 लीटर पेट्रोल को जब्त किया और तीन लोगों को गिरफ़्तार किया.
युगल किशोर कहते हैं, "सीमा ज़्यादातर खुली है. इसलिए तस्कर बेरोकटोक गैलन और ड्रम में तेल रखकर भारत में ला रहे हैं. साथ ही सड़क मार्ग से भी बड़ी ट्रकों और टैंकरों में भरकर पेट्रोल-डीजल लाया जा रहा है. जो भी स्थानीय लोग हैं, उनके लिए नेपाल जाकर तेल भराना एकदम आसान काम है. जो डर से नहीं जा पा रहा है, वही यहाँ से तेल भरा रहे हैं."
युगल किशोर के मुताबिक़, "अगर हमारे यहाँ दाम इसी तरह बढ़ते रहे और तस्करी पर लगाम नहीं लगाया गया, तो इधर सीमा के आसपास के सारे पेट्रोल पंप बंद करने पड़ेंगे. हमारे लिए इस समय मेंटेंनेंस और स्टाफ़ का ख़र्च निकालना भी मुश्किल है."
रक्सौल सीमा से सटे नेपाल के वीरगंज शहर में भारत की तुलना में शनिवार को डीजल भारतीय रुपए के मुताबिक़ 27.50 रुपए सस्ता था, जबकि पेट्रोल की क़ीमत 23 रुपए कम थी.
नेपाल अपनी खपत के लिए सारे पेट्रोलियम पदार्थ (पेट्रोल, डीजल, घरेलू गैस) भारत से ही ख़रीदता है.
आँकड़ों के अनुसार नेपाल तेल निगम हर साल भारत से 71673 किलोलीटर तेल ख़रीदता है. भारत में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन उसकी साझीदार कंपनी है. नेपाल के जो इलाक़े भारत को छूते हैं, उन इलाक़ों में सप्लाई और डिस्ट्रीब्यूशन का काम भी आईओसी ही करती है.
लेकिन फिर भी नेपाल में भारत से इतना सस्ता डीज़ल-पेट्रोल क्यों है?
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