मुंबई का 'वड़ा पाव': 54 साल पहले इस शख्स ने की थी खोज, एक दृश्य से मिला था आइडिया.
STILL VAIDHYA VADAPAV STALL OUTSIDE PF NO.1 DADAR WEST.
The dish is believed to have been invented in 1966 by a Mumbaikar, Ashok Vaidya, who opened the first vada pav stall opposite the Dadar train station, through which hundreds of thousands of workers – often in need of a quick, inexpensive snack – passed every day on their way to the textile mills in suburbs
MUMBAI का नाम आते ही हर किसी के दिमाग में कई अलग-अलग चीजें आती होंगी। लेकिन इनमें से एक वड़ा पाव जरूर होता है। हो भी क्यों नहीं, जब भी मुंबई के खाने की बात आती है, तो वड़ा पाव का नाम सबसे पहले आता है।
लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि मुंबई के इस लोकप्रिय डिश की खोज किसने की थी? पहली बार वड़ा पाव कब देखा गया? इसे खोजने वाले को आइडिया कैसे मिला था? ये कहानी दिलचस्प है और इसके बारे में हम आपको आगे बता रहे हैं।
लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि मुंबई के इस लोकप्रिय डिश की खोज किसने की थी? पहली बार वड़ा पाव कब देखा गया? इसे खोजने वाले को आइडिया कैसे मिला था? ये कहानी दिलचस्प है और इसके बारे में हम आपको आगे बता रहे हैं।
- पाव को बीच से आधा काटकर उसमें हरी मिर्च, प्याज चटपटे मसाले के साथ बेसन के घोल में लपेटकर तली हुई आलू पैटी भरकर झटपट बनने वाली डिश है वड़ा पाव। मुंबई में चाहे कॉलेज स्टूडेंट हों या फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोग या फिर बॉलीवुड स्टार्स, हर किसी को वड़ा पाव से खास लगाव है।
- सिर्फ मुंबई ही नहीं, दूसरे शहरों से वहां जाने वाला लगभग हर शख्स एक बार मुंबई के वड़ा पाव का स्वाद जरूर चखता है।
- कहा जाता है कि वड़ा पाव आज से करीब 54 साल पहले खोजा गया था। साल 1966 में मुंबई के ही एक शख्स ने पहली बार ये डिश बनाई थी।
- उस शख्स का नाम है - अशोक वैद्य। बताया जाता है कि अशोक वैद्य ने मुंबई के दादर रेलवे स्टेशन पर इस नई डिश का पहला स्टॉल लगाया था।
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