37.2% CONCESSION USED IN RAILWAY PRIVILEGE FREE PASS, 52% Sr Citizen
मुंबई
नियंत्रक एवं महा लेखापरीक्षक (CAG) ने खुलासा किया है कि प्रिविलेज पास के तौर पर रेलकर्मियों को दी जाने वाली रियायत से ही रेलवे को घाटा हो रहा है। इसी हफ्ते संसद में रखी गई इस रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेल की रिजर्व टिकट किराए में दी जाने वाली सभी तरह की रियायतें कुल यात्री टिकट आय का सिर्फ 11.45% हैं। इन रियायतों का सबसे बड़ा हिस्सा (52.5%) तो रेलवे खुद अपने कर्मचारियों को प्रिविलेज पास देकर लुटा देती है।
प्रिविलेज पास पर रेलकर्मियों और उनके परिजन को साल में एक से 6 यात्राओं तक शत-प्रतिशत रियायत मिलती है। इसके ज्यादा बार यह सुविधा लेने पर किराए में 66.67 प्रतिशत रियायत मिलती है। वर्ष 2015-18 तक प्रिविलेज पास के कारण रेलवे को 2759.25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
53 तरह की रियायतें
एसी क्लास में प्रिविलेज पास का इस्तेमाल हर साल 5.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। भारतीय रेलवे 53 तरह की रियायतें देती हैं। औसतन एसी क्लास में प्रति यात्री 667 रुपये और नॉन-एसी क्लास में 157 रुपये की रियायत दी जाती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रीमियम ट्रेनों में सामान्य यात्रियों को कोई रियायत नहीं है, लेकिन रेलवे ने अपने कर्मचारियों को रियायत दे रखी है। प्रिविलेज पास का उपयोग रेलकर्मियों के अलावा अन्य लोग भी करते हैं, लेकिन इस सुविधा का लाथ उठानेवाले 62 प्रतिशत लोग रेलवे के कर्मचारी ही होते हैं। इनमें से 31 प्रतिशत रेलकर्मी एसी क्लास में बुकिंग कराते हैं।
3 साल के बच्चे के लिए अनिवार्य हो टिकट
CAG ने समाधान के लिए रेलवे को सुझाव देते हुए कहा है कि प्रिविलेज पास पर टिकट की बुकिंग को पूरी तरह से फ्री करने के बजाय 50 प्रतिशत रियायत हो। इसके अलावा सांसदों और पूर्व सांसदों को मिलने वाली रियायत का 75 प्रतिशत खर्च संसदीय कार्य विभाग उठाए। सीएजी ने रेलवे से कहा है कि तीन साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए टिकट अनिवार्य किया जाए
'वरिष्ठ नागरिक करें 'गिव अप'
रेलवे को नुकसान से बचाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को 50 प्रतिशत या पूरी सब्सिडी छोड़ने का सुझाव भी दिया गया है। इस स्कीम का नाम 'गिव अप' है। इस योजना के तहत 15 जुलाई 2017 से 31 मार्च 2018 तक 4.41 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों में से 7.53 लाख ने 50 प्रतिशत सब्सिडी छोड़ी है, जबकि 10.9 लाख ने पूरी सब्सिडी छोड़ी है।
COMMENT:
https://cag.gov.in/content/report-no10-2019-union-government-railways-railways-finances
During Exit Conference (April 2019), MoR stated that Privilege Passes /PTOs are not ‘concession’ but statutory conditions of service as framed by the President while framing Railway Servant (Pass) Rules. However, the fact remains that IR had forgone average annual revenue of ` 919.75 crore during 2015-18.
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