SPECIAL LICENSE FOR CANTEEN INSIDE SCHOOL PREMISES
बच्चों को नहीं बेचे जा सकेंगे ज्यादा चीनी-नमक वाले खाद्य पदार्थ, जल्द जारी हो सकता है ये आदेश
बच्चों में बढ़ता मोटापा पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। भारत के लिए यह वयस्कों के मोटापे से कहीं ज्यादा बड़ा खतरा कहा जा रहा है क्योंकि बच्चों में मोटापे के मामले में भारत चीन के बाद पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर है। बच्चों में मोटापे के लिए ज्यादा चीनी, नमक और तेल वाले खाद्य पदार्थों और फास्ट फूड को जिम्मेदार माना जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, एफएसएसएआई (FSSAI) के टेन प्वाइंट चार्टर में स्कूलों में खाद्य पदार्थ बेचने वाले विक्रेताओं के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य किया जा सकता है। इसके अलावा स्कूल या स्कूल के आसपास 50 मीटर दायरे में फास्ट फूड बेचने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
ऐसा कोई भी खाद्य पदार्थ स्कूलों में बेचने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है जिनमें स्वास्थ्य की दृष्टि से ज्यादा नमक, चीनी या तेल इस्तेमाल किया जा सकता है। स्कूल में बनाये जाने वाले खानों में भी नियमों का पालन करना अनिवार्य किया जाएगा।
सभी स्कूलों में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन द्वारा मान्य भोज्य पदार्थों को ही प्राथमिकता दिए जाने की भी बात कही गई है। स्कूलों में ताजे फल, जूस जैसे पदार्थ बेचने को प्रमुख बनाया जा सकता है। स्कूलों के लिए बनने वाले भोजन में न्यूट्रिशन एक्सपर्ट या अध्यापकों की भूमिका अनिवार्य की जा सकती है।
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