कोई व्यायाम की सुविधा नहीं और पूरी खुराक नियम से मिलती है, ईमानदार जेल प्रशासन पूरी सेवा करता है।
कैद का खाना! शायद सजायाफ्ता-विचाराधीन कैदियों को खूब रास आ रहा है। तभी तो जेल में पहुंचने के चंद माह बाद ही कैदियों का वजन 20 से 30 किलो तक बढ़ गया। भास्कर ने जेलों में बंद कैदियों के आंकड़े खंगाले तो यह चौंकाने वाली सचाई सामने आई। दूसरी ओर न केवल पीड़ितपरिवार, बल्कि इन कैदियों के परिजन तक दर्द में दुबले हो रहे हैं।
पीड़ित कोर्ट-पुलिस के चक्कर खाने को मजबूर हैं तो इन कैदियों के परिजन भी इनके अपराध की पीड़ा भोग रहे हैं। उदयपुर संभाग की जेलों में बंद 2300 कैदियों में से करीब 200 के आंकड़े खंगाले गए तो सामने आया कि 80% तक का वजन पहले से 30 किलो तक बढ़ गया है। इसके पीछे जेल में मिलने वाले तय कैलोरी के नियमित खाने के अलावा परिश्रम और व्यायाम नहीं कराना भी बड़ा कारण है।
पड़ताल के दौरान सामने आया कि कठोर कारावास के सजायाफ्ता अपराधियों को शारीरिक श्रम की एवज में मानदेय का प्रावधान है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उनसे श्रम नहीं कराया जा रहा है। विचाराधीन बंदी भी जेल में काम नहीं करते हैं। क्षमता से अधिक बंदी होने से व्यायाम की व्यवस्था भी नहीं हो पाती। आदतन नशेड़ी अपराधियों को बाहर पर्याप्त खाना नहीं मिलता, लेकिन जेल में आने पर पर्याप्त कैलोरी में खाना मिलने से ऐसे बंदी हृष्ट-पुष्ट हो रहे हैं।
चार केसाें से समझिए... एक तरफ पौष्टिक खाना, दूसरी तरफ ठोकरें ‘खाना’
केस 1 : अफराजुल हत्याकांड का आरोपी शंभु 55 से हुआ 85 किलो
राजनगर रेगर मोहल्ला निवासी शंभुनाथ रेगर ने प. बंगाल के भवन निर्माण श्रमिक ठेकेदार अफराजुल पर 6 दिसंबर 2017 में गंडासे से ताबड़तोड़ वार किए फिर पेट्रोल डाल जिंदा जला दिया। हत्याकांड का लाइव वीडियो बनाकर उसे वायरल भी किया। मामले ने धार्मिक रंग भी लिया। 7 दिसंबर 2017 को पुलिस ने शंभु को गिरफ्तार किया तो वजन 55 किलो था। अब जोधपुर सेंट्रल जेल में शंभुनाथ का वजन 85 किलो है।
ये है पीड़ितों का दर्द- पत्नी पीहर गई, बच्चों से छिना प्यार
अफराजुल के परिवार को राजस्थान व प. बंगाल सरकार ने आर्थिक सहायता दी। लेकिन परिवार बिखर गया। पत्नी पीहर चली गई। बच्चों से मां का प्यार छिन गया। शंभुनाथ के हत्यारे की छवि का असर उसके परिवार पर भी पड़ रहा है।
केस 2 : हत्या के अभियुक्त दुर्गाशंकर का 2 माह में 10 किलो बढ़ा वजन
श्रीनाथ कॉलोनी नाथद्वारा निवासी दुर्गाशंकर भील अपने ही भाई देवीलाल की हत्या के आरोप में एक मई को जेल में आया। तब उसका वजन 55 किलो था, जो अब बढ़कर 65 किलो हो गया हैं। दुर्गाशंकर ने 26 अप्रैल को अपने बड़े भाई देवीलाल की गला दबाकर हत्या कर दी थी। देवीलाल का शव बडारड़ा के पास तेजपुरिया स्थित ससुराल वालों के खेत में मिला था।
पीड़ितों का हाल- पत्नी दाने-दाने को मोहताज, नाना पाल रहा बच्चों को
देवीलाल की पत्नी मजदूरी करती है। भील मगरी में तिरपाल में रहती है। दाने-दाने को मोहताज है। बेटे दीपक और बेटी उमा को नाना रमेश मजदूरी कर पाल रहे हैं। दुर्गाशंकर के परिवार का हाल भी लगभग ऐसा ही है।
केस 3 : हत्या का आरोपी असलम जेल में डेढ़ माह में 45 से 60 किलो का हुआ
आमेट के असलम ने 11 जून को चोरी के दौरान संत दिनेश गिरि की हत्या की, डेढ़ माह पहले जेल पहुंचा। वजन 45 किलो था, अब 60 किलो है।
केस 4 : तीन माह पहले विजय सिंह 55 किलो का था, अब जेल में 62 का हो गया
सिंहाड़ के विजयसिंह 3 माह पहले चोरी मामले में जेल आया। वजन 55 किलो था, जो अब 62 किलो हुआ। जेल जाने के बाद से विजय के परिजनों की माली हालत बिगड़ी हुई है।
जेल में बंदी के लिए रोज का यह डाइट प्लान
आटा : 550 ग्राम
हरी सब्जी : 200 ग्राम
दाल : 60 ग्राम
मसाला : 15 ग्राम
दूध : 50 ग्राम
तेल : 20 ग्राम
चीनी : 40 ग्राम
चाय : 4 ग्राम
नमक : 20 ग्राम
नास्ता : प्रतिदिन 60 ग्राम (मीठा दलिया, खिचड़ी, भीगे चने, पोहा)
प्रदेश की जेलों में इससमय 21 हजार कैदी
कुल जेल 128
विचाराधीन कैदी 15238
सजायाफ्ता कैदी 5869
बंदियों को जेल डाइट के अनुसार ही खाना देते हैं। जेल छोटी होने से बंदी न तो घूम सकते हैं और न शारीरिक श्रम कर सकते हैं। ऐसे में वजन बढ़ सकता है। -जसवंतसिंह, जेलर राजसमंद
जेलों में जगह के अभाव में बंदियों का शारीरिक श्रम नहीं हो पाता है, यह इनके वजन बढ़ने का कारण हो सकता है। राजसमंद जेल में क्षमता से तीन गुना ज्यादा बंदी रहते हैं। -नरेंद्रकुमार, एडीजे, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
कैद का खाना! शायद सजायाफ्ता-विचाराधीन कैदियों को खूब रास आ रहा है। तभी तो जेल में पहुंचने के चंद माह बाद ही कैदियों का वजन 20 से 30 किलो तक बढ़ गया। भास्कर ने जेलों में बंद कैदियों के आंकड़े खंगाले तो यह चौंकाने वाली सचाई सामने आई। दूसरी ओर न केवल पीड़ितपरिवार, बल्कि इन कैदियों के परिजन तक दर्द में दुबले हो रहे हैं।
पीड़ित कोर्ट-पुलिस के चक्कर खाने को मजबूर हैं तो इन कैदियों के परिजन भी इनके अपराध की पीड़ा भोग रहे हैं। उदयपुर संभाग की जेलों में बंद 2300 कैदियों में से करीब 200 के आंकड़े खंगाले गए तो सामने आया कि 80% तक का वजन पहले से 30 किलो तक बढ़ गया है। इसके पीछे जेल में मिलने वाले तय कैलोरी के नियमित खाने के अलावा परिश्रम और व्यायाम नहीं कराना भी बड़ा कारण है।
पड़ताल के दौरान सामने आया कि कठोर कारावास के सजायाफ्ता अपराधियों को शारीरिक श्रम की एवज में मानदेय का प्रावधान है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उनसे श्रम नहीं कराया जा रहा है। विचाराधीन बंदी भी जेल में काम नहीं करते हैं। क्षमता से अधिक बंदी होने से व्यायाम की व्यवस्था भी नहीं हो पाती। आदतन नशेड़ी अपराधियों को बाहर पर्याप्त खाना नहीं मिलता, लेकिन जेल में आने पर पर्याप्त कैलोरी में खाना मिलने से ऐसे बंदी हृष्ट-पुष्ट हो रहे हैं।
चार केसाें से समझिए... एक तरफ पौष्टिक खाना, दूसरी तरफ ठोकरें ‘खाना’
केस 1 : अफराजुल हत्याकांड का आरोपी शंभु 55 से हुआ 85 किलो
राजनगर रेगर मोहल्ला निवासी शंभुनाथ रेगर ने प. बंगाल के भवन निर्माण श्रमिक ठेकेदार अफराजुल पर 6 दिसंबर 2017 में गंडासे से ताबड़तोड़ वार किए फिर पेट्रोल डाल जिंदा जला दिया। हत्याकांड का लाइव वीडियो बनाकर उसे वायरल भी किया। मामले ने धार्मिक रंग भी लिया। 7 दिसंबर 2017 को पुलिस ने शंभु को गिरफ्तार किया तो वजन 55 किलो था। अब जोधपुर सेंट्रल जेल में शंभुनाथ का वजन 85 किलो है।
ये है पीड़ितों का दर्द- पत्नी पीहर गई, बच्चों से छिना प्यार
अफराजुल के परिवार को राजस्थान व प. बंगाल सरकार ने आर्थिक सहायता दी। लेकिन परिवार बिखर गया। पत्नी पीहर चली गई। बच्चों से मां का प्यार छिन गया। शंभुनाथ के हत्यारे की छवि का असर उसके परिवार पर भी पड़ रहा है।
केस 2 : हत्या के अभियुक्त दुर्गाशंकर का 2 माह में 10 किलो बढ़ा वजन
श्रीनाथ कॉलोनी नाथद्वारा निवासी दुर्गाशंकर भील अपने ही भाई देवीलाल की हत्या के आरोप में एक मई को जेल में आया। तब उसका वजन 55 किलो था, जो अब बढ़कर 65 किलो हो गया हैं। दुर्गाशंकर ने 26 अप्रैल को अपने बड़े भाई देवीलाल की गला दबाकर हत्या कर दी थी। देवीलाल का शव बडारड़ा के पास तेजपुरिया स्थित ससुराल वालों के खेत में मिला था।
पीड़ितों का हाल- पत्नी दाने-दाने को मोहताज, नाना पाल रहा बच्चों को
देवीलाल की पत्नी मजदूरी करती है। भील मगरी में तिरपाल में रहती है। दाने-दाने को मोहताज है। बेटे दीपक और बेटी उमा को नाना रमेश मजदूरी कर पाल रहे हैं। दुर्गाशंकर के परिवार का हाल भी लगभग ऐसा ही है।
केस 3 : हत्या का आरोपी असलम जेल में डेढ़ माह में 45 से 60 किलो का हुआ
आमेट के असलम ने 11 जून को चोरी के दौरान संत दिनेश गिरि की हत्या की, डेढ़ माह पहले जेल पहुंचा। वजन 45 किलो था, अब 60 किलो है।
केस 4 : तीन माह पहले विजय सिंह 55 किलो का था, अब जेल में 62 का हो गया
सिंहाड़ के विजयसिंह 3 माह पहले चोरी मामले में जेल आया। वजन 55 किलो था, जो अब 62 किलो हुआ। जेल जाने के बाद से विजय के परिजनों की माली हालत बिगड़ी हुई है।
जेल में बंदी के लिए रोज का यह डाइट प्लान
आटा : 550 ग्राम
हरी सब्जी : 200 ग्राम
दाल : 60 ग्राम
मसाला : 15 ग्राम
दूध : 50 ग्राम
तेल : 20 ग्राम
चीनी : 40 ग्राम
चाय : 4 ग्राम
नमक : 20 ग्राम
नास्ता : प्रतिदिन 60 ग्राम (मीठा दलिया, खिचड़ी, भीगे चने, पोहा)
प्रदेश की जेलों में इससमय 21 हजार कैदी
कुल जेल 128
विचाराधीन कैदी 15238
सजायाफ्ता कैदी 5869
बंदियों को जेल डाइट के अनुसार ही खाना देते हैं। जेल छोटी होने से बंदी न तो घूम सकते हैं और न शारीरिक श्रम कर सकते हैं। ऐसे में वजन बढ़ सकता है। -जसवंतसिंह, जेलर राजसमंद
जेलों में जगह के अभाव में बंदियों का शारीरिक श्रम नहीं हो पाता है, यह इनके वजन बढ़ने का कारण हो सकता है। राजसमंद जेल में क्षमता से तीन गुना ज्यादा बंदी रहते हैं। -नरेंद्रकुमार, एडीजे, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
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