78000Cr Revenue By Internet Users, Only 25% Towers Have Optical Fiber Connections In India.
एसोचैम-अर्नस्ट एंड यंग (एवाई) की साझा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वर्ष 2022 तक इंटरनेट ऑफ थिंग्स के करीब दो अरब कनेक्शन होंगे और इससे 11.1 बिलियन डॉलर (करीब 78 हजार करोड़ रुपये) के राजस्व की प्राप्ति होगी।
फास्ट फारवर्ड इंडिया 2022 नाम से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में प्रति सेकंड करीब 5 नए मोबाइल कनेक्शन इंटरनेट की ताकत से जुड़ेंगे। इसके अलावा करीब 50 फीसदी घर ब्रॉडबैंड की फिक्स्ड लाइन सेवा से जुड़ जाएंगे। रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट कनेक्टिविटी इंसानों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसकी पहुंच मशीनों, वाहनों, घरेलू उपयोग के सामानों तक भी हो जाएगी। ऐसे यह आंकड़ा दो अरब के पार चला जाएगा और हजारों करोड़ के राजस्व की आय होगी।
भारत में असीम संभावनाएं
इस साझा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आईओटी बाजार के लिए असीम संभावनाएं हैं लेकिन अभी यह दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले काफी पीछे है। अमेरिका, चीन और दक्षिण अफ्रीका में ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी भारत के मुकाबले काफी ज्यादा है। लिहाजा भारत में टॉवर को फाइबर नेटवर्क से जोड़ना काफी महत्वपूर्ण है। देश में अभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के महज 25 फीसदी टॉवर ही ऑप्टिकल फाइबर से युक्त हैं। वहीं, अमेरिका, चीन में यह आंकड़ा 65-80 फीसदी पहुंच गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश को 1000 अरब की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने के लिए आने वाले तीन वर्षों में 60 फीसदी से ज्यादा टॉवरों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ना पड़ेगा।
5जी नेटवर्क से उम्मीद
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के सभी जगहों पर 4जी नेटवर्क की पहुंच और अगले साल से 5जी की शुरआत होने से इंटरनेट की गति में बड़ा सुधार आएगा। नई तकनीक को लोगों तक पहुंचाने और डाटा खपत बढ़ाने के लिए नए टॉवर लगाए जाने की भी जरूरत होगी। इसके लिए देशभर में करीब 1 लाख नए मोबाइल टॉवर लगाने होंगे। ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि वर्तमान में चल रहे टॉवरों में से महज 60 फीसदी ही 5जी को सपोर्ट कर सकेंगे।
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