50000 TERRORIST AT PAKISTAN , 3 TIMES HARMFUL THAN SYRIA
वैश्विक आतंक संकेतक (जीटीटीआइ) को लेकर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और सामरिक दूरदर्शिता समूह (एसएफजी) का अध्ययन
लंदन। भारत में आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान को लेकर कई बार दुनिया को सच बताया जा चुका है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। लेकिन अब ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और सामरिक दूरदर्शिता समूह की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सीरिया से तीन गुना ज्यादा खतरनाक है। मानवता पर जोखिम - वैश्विक आतंक संकेतक (जीटीटीआइ) को लेकर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और सामरिक दूरदर्शिता समूह (एसएफजी) के अध्ययन में यह बात सामने आई है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया की तुलना में पाकिस्तान मानवता के लिए अधिक खतरनाक है। रिपोर्ट में पाकिस्तान को आतंक का घर, वैश्विक आतंकवाद का सबसे बड़ा समर्थक और पूरी दुनिया में आतंकवाद फैलाने के लिए सीरिया से तीन गुना अधिक जिम्मेदार माना गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान और लश्कर-ए-तय्यबा (एलईटी) ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे अधिक खतरा पैदा किया है। रिपोर्ट में पाकिस्तान को सबसे ज्यादा आतंकवादी अड्डों और आतंकियों के लिए सुरक्षित देशों की सूची में रखा गया है। रिपोर्ट कहती है,"यदि हम तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर सबसे खतरनाक आतंकवादी समूहों को देखते हैं, तो हम पाते हैं कि पाकिस्तान उनमें से अधिकतर आतंकी समूहों का या तो मेजबान है या उनकी सहायता करता है।
इसके अलावा, अफगानिस्तान में स्थित समूहों की एक बड़ी संख्या है, जो पाकिस्तान के समर्थन से संचालित होती है।" यह रिपोर्ट अगले दशक में वैश्विक आतंकवाद की चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए तैयार की गई है। यह दुनिया के नीति निर्माताओं को भविष्य का आंकलन करने में सक्षम बनाने के लिए एक विश्लेषणात्मक रूपरेखा और उपकरण प्रस्तुत करती है।
रिपोर्ट से पता चलता है कि आतंकवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सभी तरह के प्रतिस्पर्धी उग्रवाद का उदय, सामूहिक विनाश के हथियारों का दुरुपयोग और आर्थिक समस्याएं मानव प्रगति को कमजोर कर सकती हैं। इन सबमें आतंकवाद और उससे जुडी चिजें मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं।
आपको बता दें कि रणनीतिक दूरदर्शिता समूह ने इस रिपोर्ट को बनाते समय बीसवीं शताब्दी के पहले 6 दशक में दुनिया भर में आतंक फ़ैलाने में सक्रिय रूप से शामिल लगभग 200 समूह का विश्लेषण किया था। अध्ययन में कहा गया हैं कि इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा पूरी दुनिया में आतंक के सबसे बड़े तंत्र बनकर उभरे हैं।
अल-कायदा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था और इसने सबसे अधिक अफगानिस्तान को प्रभावित किया है। ओसामा बिन लादेन का एबटाबाद में पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान के पास एक विशाल परिसर में एक सुरक्षित आश्रय था। यह परिसर सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के आसपास के घरों की तुलना में काफी बड़ा था। रिपोर्ट के अनुसार सैन्य परिसर में एक आतंकी परिवार की उपस्थिति से पता चलता हैं कि पाकिस्तान आतंक का सबसे बड़ा पोषक हैं।
रिपोर्ट में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, लीबिया, सीरिया, यमन और कई अन्य देशों से जुड़े वैश्विक आतंकवादी संगठनों के बारे में व्यापक जानकारी दी गई है, जो एक दूसरे के साथ संबंध रखते हैं। रिपोर्ट में कहा गया हैं कि पाकिस्तान में सबसे अधिक आतंकवादी समूह फाटा, खैबर पख्तुनख्वा, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, क्वेटा और कलात (बलूचिस्तान) में स्थित हैं।
सिंध और बलूचिस्तान से भी कई आतंकी नेटवर्क संचालित होते हैं। ये आतंकी संगठन कानून प्रवर्तन एजेंसियों के संरक्षण में बड़े हमलों की योजना बनाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया हैं कि जिहादी आंदोलन पाकिस्तान से शुरू होकर अफगानिस्तान, मध्य पूर्व और उत्तरी पश्चिम अफ्रीका में फैल रहा है।
बता दें कि शुक्रवार को अफगानिस्तान के उप रक्षा मंत्री हिलालुद्दीन हेलल ने बीजिंग जियांगशान फोरम में कहा कि वर्तमान में अफगानिस्तान में 21 आतंकवादी संगठनों के 50,000 से अधिक आतंकवादी सक्रिय हैं और इनमें से 70 प्रतिशत पाकिस्तानी हैं।
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