रिजर्व बैंक की निर्धारित गाईड लाईन का उल्लंधन
बिना Occupation Certificate और Fire NOC के संचालित हो रहे बैंक
रिजर्व बैंक नहीं लगा रहा पेनाल्टी
Mumbai:- रिजर्व बैंक बैंको केा अनुमति देने के मामले में अनियमितता बरतने में कोई कमी नहीं रखती है। इस अनियमितता के बारे में शिकायत करने पर भी निर्धारित पेनाल्टी भी नहीं लगा रही है। इसकी चलते अधिकांष बैंक मनमाने तरीके से अपनी कार्यप्रणाली चलाते हुए देश वासियों की मेहनत की कमाई को डूबा रहे हैं। अब उन्हीं कुछ सरकारी बैंकों की खस्ताहाल को सुुधारने के लिए सरकार अपनी तरफ से बीच का रास्ता निकाल रही है। जानकारी के अनुसार फंसे कर्ज और भारी घाटे की मार झेल रहे सरकारी बैंको को खस्ता वित्तीय हालत में उबारने के लिए केंद्र सरकार उन्हें अपने खजाने से भारी-भरकम पूंजी देने के बजाय दूसरे तरीके से राहत दिलाना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक सरकार बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक से पूंजी की अनिवार्यता के नियमों में छूट दिलाने की तरकीब अपनाने की तैयारी है। इसके लिए सरकार जल्द ही रिजर्व बैंक से बातचीत कर सकती है।
लगनी चाहिये पेनाल्टी:- रिजर्व बैंक की कार्यप्रणाली के अनुसार सभी बैंकों को अपनी शाखा को खोलने के लिए निर्धारित गाईड लाईन का पालन करना चाहिये। रिजर्व बैंक की अनदेखी के कारण निर्धारित गाईड लाईन का पालन नहीं किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों में निर्धारित गाईड लाइन का उल्लघंन किया जा रहा है। बैंक कार्यालय के लिए ना तो बिल्डिंग के लिए OC ले रहे हैं, ना ही फाॅयर एनओसी ही ले रहे है। इसी बात की शिकायत सपन कुमार के द्वारा किये जाने के बावजूद रिजर्व बैंक के CGM Saurav Sinha इतनी महत्वपूर्ण शिकायत को नजरअन्दाज कर रहे है। दिखने में यह छोटी सी शिकायत कई बडे-बडे भ्रष्टाचारों को जन्म दे रही है। इसी को ध्यान रखते हुए षिकायतकर्ता लगातार संघर्ष करते हुए जनहित याचिका भी दायर कर रहा है। रिजर्व बैंक निर्धारित पेनाल्टी लगायी तो बैंको से ही डूबा हुआ अधिंकाष एनपीए कर्ज वापिस लाया जा सकता है।
इतनी लगती है पैनाल्टी :- निर्धारित गाईड लाईन का उल्लंघन होने पर रिजर्व बैंक 1 करोड रूपये तक पैनाल्टी per branch और प्रतिदिन के हिसाब से एक लाख रूपये की पैनाल्टी भी लगा सकता है। इसके बावजूद रिजर्व बैंक अधिकांष बैंकों में ओसी और एनओसी नहीं होने के बावजूद भी बैंकों से संाठगांठ करते हुए किसी भी स्थान पर बैंको को संचालित करने की अनुमति दे रहा है। जिसके कारण बैंकों के द्वारा भ्रष्टाचार के नये -नये तरीके अपनाये जा रहे है। जिससे बैंकों में अपनी गाढी जमा पूंजी रखने वाले ठगे जा रहे है।
Offence and Penalties - Banking Regulation Act
Section 46 [(4) If any other provision of this Act is contravened or if any default is made in-
(i) complying with any requirement of this Act or of any order, rule or direction made or condition imposed there under, or
(ii) carrying out the terms of, or the obligations under, a scheme sanctioned under sub-section (7) of section 45,
by any person, such person shall be punishable with fine which may extend to 4 [one crore rupees] or twice the amount involved in such contravention or default where such amount is quantifiable, whichever is more, and where a contravention or default is a continuing one, with a further fine which may extend to 5 [one lakh rupees] for every day, during which the contravention or default continues.]