18%GST ON SANITARY PAD AND IN LUXURY ITEM CODE
WOMEN'S USING SANITARY PAD 4-5 DAYS PER MONTH
IT HELPS IN INFECTION CONTROL
WOMEN DEMANDS FREE SANITARY PAD FOR ALL WOMEN'S UPTO 45 AGE.
GWALIOR WOMEN GROUP OPPOSING PM MODI 18%GST ON PADS
मध्य प्रदेश की ग्वालियर की महिलाएं प्रधानमंत्री मोदी को हजार सैनिटरी पैड भेजेंगी। महिलाओं द्वारा मासिक धर्म में इस्तेमाल किए जाने वाले सैनिटरी पैड को जीएसटी के दायरे में लाने से इसकी कीमतें बढ़ गई हैं जिसके बाद महिलाओं ने अभियान चलाया।
महिलाएं सरकार के फैसले के खिलाफ सैनेटरी नैपकिन को जीएसटी मुक्त कराना चाहती हैं और इसलिए उन्होंने हस्ताक्षरित एक हजार नैपकिन और पोस्टकार्ड पीएम मोदी को भेजने का फैसला लिया है। ग्वालियर निवासी प्रीति देवेंद्र जोशी ने कहा कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता अभियान चला रहे हैं और दूसरी ओर सैनिटरी नैपकिन को लग्जरी सामान में शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि लड़कियों से लेकर 40 वर्ष तक की महिलाओं को हर महीने 4 से 5 दिन इसकी जरूरत पड़ती है। प्रीति ने कहा कि सैनटरी नैपकिन पहले से महंगा हो गया है, महंगाई के दौर में हर महिला नैपकिन आसानी नहीं खरीद पाती। वे फटे-पुराने कपड़े से काम चला लेती है। इससे बीमारियां फैलती हैं। जब घर में महिला स्वस्थ नहीं रहेगी, संक्रमणग्रस्त हो जाएगी तो परिवार का क्या हाल होगा।
अभियान से जुड़ी उषा धाकड़ ने कहा कि इस अभियान मध्य प्रदेश की ग्वालियर की महिलाएं प्रधानमंत्री मोदी को हजार सैनिटरी पैड भेजेंगी। महिलाओं द्वारा मासिक धर्म में इस्तेमाल किए जाने वाले सैनिटरी पैड को जीएसटी के दायरे में लाने से इसकी कीमतें बढ़ गई हैं जिसके बाद महिलाओं ने अभियान चलाया।
महिलाएं सरकार के फैसले के खिलाफ सैनेटरी नैपकिन को जीएसटी मुक्त कराना चाहती हैं और इसलिए उन्होंने हस्ताक्षरित एक हजार नैपकिन और पोस्टकार्ड पीएम मोदी को भेजने का फैसला लिया है। ग्वालियर निवासी प्रीति देवेंद्र जोशी ने कहा कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता अभियान चला रहे हैं और दूसरी ओर सैनिटरी नैपकिन को लग्जरी सामान में शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि लड़कियों से लेकर 40 वर्ष तक की महिलाओं को हर महीने 4 से 5 दिन इसकी जरूरत पड़ती है। प्रीति ने कहा कि सैनटरी नैपकिन पहले से महंगा हो गया है, महंगाई के दौर में हर महिला नैपकिन आसानी नहीं खरीद पाती। वे फटे-पुराने कपड़े से काम चला लेती है। इससे बीमारियां फैलती हैं। जब घर में महिला स्वस्थ नहीं रहेगी, संक्रमणग्रस्त हो जाएगी तो परिवार का क्या हाल होगा।
मध्य प्रदेश की ग्वालियर अभियान से जुड़ी उषा धाकड़ ने कहा कि इस अभियान के जरिए किशोरियों, युवतियों व महिलाओं से नैपकिन पर उनका नाम औपर संदेश लिखवाया जा रहा है। अभियान का पहला चरण पांच मार्च तक चलेगा। पोस्टकार्ड के साथ हस्ताक्षर युक्त एक हजार पैड प्रधानमंत्री को भेजकर हम मांग करेंगे कि सैनेटरी नैपकिन पर लागू 12 प्रतिशत जीएसटी सहित अन्य करों को खत्म किया जाए।
गौरतलब है कि देश में महिलाओं की एक बड़ी संख्या पैड इस्तेमाल नहीं कर पाती। ऐसी भी चीजें हैं जिसके बारे में वो जानती तक नहीं। ग्रामीण महिलाओं में संक्रमण फैलने में उनकी अज्ञानता भी बड़ा कारण है। सरकार को हर महिला को सेनेटरी नैपकिन निशुल्क मुहैया कराना चाहिए ये संदेश इन महिलाओं ने पोस्टर पर लिखा है।के जरिए किशोरियों, युवतियों व महिलाओं से नैपकिन पर उनका नाम औपर संदेश लिखवाया जा रहा है। अभियान का पहला चरण पांच मार्च तक चलेगा। पोस्टकार्ड के साथ हस्ताक्षर युक्त एक हजार पैड प्रधानमंत्री को भेजकर हम मांग करेंगे कि सैनेटरी नैपकिन पर लागू 12 प्रतिशत जीएसटी सहित अन्य करों को खत्म किया जाए।
गौरतलब है कि देश में महिलाओं की एक बड़ी संख्या पैड इस्तेमाल नहीं कर पाती। ऐसी भी चीजें हैं जिसके बारे में वो जानती तक नहीं। ग्रामीण महिलाओं में संक्रमण फैलने में उनकी अज्ञानता भी बड़ा कारण है। सरकार को हर महिला को सेनेटरी नैपकिन निशुल्क मुहैया कराना चाहिए ये संदेश इन महिलाओं ने पोस्टर पर लिखा है।
महिला जागृति अभियान में लगे सामाजिक कार्यकर्ता हरिमोहन के अनुसार इस अभियान में मध्य प्रदेश के अलावा बिहार, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेशों की महिलाओं की भी हिस्सेदारी बढ़ रही है। इससे सबसे ज्यादा सहयोग लड़कियों को मिल रहा है।