क़ब्ज का मारा एक आदमी
वॉशिंगटन। जिस व्यक्ति को कॉन्सटिपेशन की समस्या होती है, वह जानता है कि फ्रेश न होने का असर उसके जीवन पर किस तरह पड़ता है। अमिताभ बच्चन और दीपिका पादुकोण की फिल्म पीकू में इस समस्या के बारे में दिखाया गया था, जिसके लिए फिल्म को नेशनल अवॉर्ड मिला था। मगर, अमेरिका का एक व्यक्ति ऐसा भी रहा है, जो 13 साल तक फ्रेश होने नहीं गया था।
अब सवाल यह है कि कोई व्यक्ति कितने दिनों तक बिना फ्रेश हुए रह सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि किसी भी व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम 3-4 बार तो फ्रेश होने जाना ही चाहिए। मगर, इससे अधिक समय तक अपशिष्ट को पेट में रोके रहना बीमारियों या कुछ मामलों में मौत का कारण भी बन सकता है।
आठ सप्ताह तक फ्रेश होने के लिए नहीं जा पाने के कारण ब्रिटेन की एक छात्रा की मौत हो गई थी। दो महीनों तक स्टूल रोकने से उसका बाउल काफी बढ़ गया था, जिससे उसकी छाती संकुचित हो गई, अन्य अंग विस्थापित हो गए थे, जिससे अंततः उसकी मृत्यु हो गई।
मगर, हम जिस व्यक्ति की बात कर रहे हैं, वह अमेरिका का रहने वाला था और वह 13 साल तक फ्रेश होने नहीं गया। हालांकि, यह बात काफी रोचक रही कि वह गंभीर कब्ज के बावजूद 13 साल तक जिंदा रहा। दरअसल, वह एक गंभीर बीमारी Hirschsprung's Disease से गुजर रहा था।
इसके कारण उककी आंतों में ब्लॉकेज आ गया था, जिससे वह मल त्याग नहीं कर पा रहा था। आखिरकार 29 साल की उम्र में गंभीर कब्ज के कारण उसकी मौत हो गई। उस वक्त उसका कोलोन 25 फीट लंबा और 8 फीट की परिधि में फैला हुआ था।
इसमें इतना मल भरा हुआ था, जिससे तीन बाल्टियां मल से भर जातीं और उसका कुल वजन करीब 18 किलो से अधिक था। इस बीमारी के कारण उसका पेट बाहर निकल आया था और वह फिलाडेल्फिया के एक सर्कस में 'द बुलून मैन' के नाम से लोगों को हंसाता था। इस आदमी का कोलोन पेंसिल्वेनिया में स्थित एक मेडिकल म्यूजियम में रखा गया है। किसी इंसान का 25 फीट लंबा कोलोन विचित्र दिखता है।