5.5 cr Heart Patient &6.5 cr People's are Diabetic in India.
46% Citizens Malnutrition and 39%Suffering from TB!
कैंसर कितना गंभीर?भले ही पिछले दशक में कैंसर के मरीजों की संख्या बहुत तेजी से 46 फीसदी बढ़ी है लेकिन सिर्फ 0.15 फीसदी भारतीय इससे पीड़ित हैं और 2016 में हुई कुल मौतों में से सिर्फ 8 फीसदी मौतें कैंसर के कारण हुईं।
हृदय रोग और डायबीटीजभारत में हकीकत में अगर कोई दो बड़ी बीमारियों से लोग पीड़ित हैं तो वह दिल की बीमारियां और डायबीटीज हैं। ये बीमारियां भी कैंसर की तरह ही एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली बीमारियां नहीं हैं क्योंकि वे बाहरी एजेंट्स के माध्यम से नहीं फैलती हैं। हृदय रोग से करीब 5.5 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं जबकि डायबीटीज से करीब 6.5 करोड़ लोग। दोनों बीमारियों से इंसान की उत्पादकता और जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। हृदय रोग से होने वाली मौतों की संख्या ज्यादा है क्योंकि इसके शिकार ज्यादा उम्रदराज लोग होते हैं और इलाज काफी महंगा है।
डायबीटीज की बात करें तो इससे शारीरिक पीड़ा तो होती है लेकिन मौत बहुत कम होती है। अगर इसके उपचार पर सही तरीके से ध्यान नहीं दिया जाता है तो मौत हो सकती है। डायबीटीज से सिर्फ करीब 3 फीसदी मौतें होती हैं। यह खुलासा मेडिकल जर्नल लांसेट में 2016 में प्रकाशित हुए ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज के डेटा से हुआ है। भारत से संबंधित डेटा डोमेस्टिक सर्वे, रजिस्ट्रीज, मौत के कारण से संबंधित डेटा से जुटाए गए थे और यूनिट लेवल एसआरएस डेटा सरकार ने मुहैया कराए थे।
कुपोषण से सबसे ज्यादा बीमार हैं लोगदेश के 60 करोड़ से ज्यादा लोग यानी करीब 46 फीसदी आबादी कुपोषण यानी पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, विटमिन, आयरन एवं अन्य तत्वों की कमी के कारण स्वास्थ्य संबंधित समस्या से जूझ रहे हैं। सुस्ती, थकान, कमजोर, ध्यान केंद्रित न कर पाना आदि समस्या कुपोषण से पैदा होती हैं। बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास को तो कुपोषण गंभीर रूप से प्रभावित करता है। बीते दशक में यह 8 फीसदी बढ़ा है।
डायबीटीज की बात करें तो इससे शारीरिक पीड़ा तो होती है लेकिन मौत बहुत कम होती है। अगर इसके उपचार पर सही तरीके से ध्यान नहीं दिया जाता है तो मौत हो सकती है। डायबीटीज से सिर्फ करीब 3 फीसदी मौतें होती हैं। यह खुलासा मेडिकल जर्नल लांसेट में 2016 में प्रकाशित हुए ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज के डेटा से हुआ है। भारत से संबंधित डेटा डोमेस्टिक सर्वे, रजिस्ट्रीज, मौत के कारण से संबंधित डेटा से जुटाए गए थे और यूनिट लेवल एसआरएस डेटा सरकार ने मुहैया कराए थे।
कुपोषण से सबसे ज्यादा बीमार हैं लोगदेश के 60 करोड़ से ज्यादा लोग यानी करीब 46 फीसदी आबादी कुपोषण यानी पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, विटमिन, आयरन एवं अन्य तत्वों की कमी के कारण स्वास्थ्य संबंधित समस्या से जूझ रहे हैं। सुस्ती, थकान, कमजोर, ध्यान केंद्रित न कर पाना आदि समस्या कुपोषण से पैदा होती हैं। बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास को तो कुपोषण गंभीर रूप से प्रभावित करता है। बीते दशक में यह 8 फीसदी बढ़ा है।
टीबी के शिकार 52 करोड़ लोगदेश में करीब 52 करोड़ यानी 39 फीसदी लोग टीबी से प्रभावित हैं। हालांकि टीबी से होने वाली मौत करीब एक तिहाई कम हो गई है लेकिन यह एक दशक में 20 फीसदी फैली है।
अन्य रोगइसके अलावा डायरिया या कफ आदि से 8 करोड़ से ज्यादा लोग यानी करीब 6.4 फीसदी लोग परेशान हैं। कई अन्य बीमारियां जैसे चर्म रोग और न्यूरोलॉजिकल डिजीज आदि भी बड़े पैमाने पर लोगों को शिकार बनाती हैं। स्त्री रोग संबंधित विकार और नवजात शिशुओं को होने वाले रोग भी सामान्य हैं। देश के नागरिकों को स्वस्थ बनाने के लिए सरकार को इन चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है।
अन्य रोगइसके अलावा डायरिया या कफ आदि से 8 करोड़ से ज्यादा लोग यानी करीब 6.4 फीसदी लोग परेशान हैं। कई अन्य बीमारियां जैसे चर्म रोग और न्यूरोलॉजिकल डिजीज आदि भी बड़े पैमाने पर लोगों को शिकार बनाती हैं। स्त्री रोग संबंधित विकार और नवजात शिशुओं को होने वाले रोग भी सामान्य हैं। देश के नागरिकों को स्वस्थ बनाने के लिए सरकार को इन चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है।