POSTMAN SELLING ORDINARY POST LETTERS IN SCRAP . DAILY 3 BAGS SELLING TO KABADI .ARRESTED BY POLICE.
Varanasi:बनारस के एक डाकिया ने पांच से किसी भी घर में न तो खुशी का पैगाम पहुंचाया न ही दुखद समाचार।
कारण है यह कि यहां के प्रधान डाकघर कैंट का एक पोस्टमैन चंद रुपयों के लिए बीते पांच साल से साधारण चिट्ठियां कबाड़ी को बेच देता था।
पुलिस के छापे में दो बोरी डाक और अन्य सरकारी दस्तावेज मिले है।
इससे डाक विभाग में जहां हड़कंप मच गया और पोस्टमैन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आम लोगों भी यह सोचकर हैरान है कि बीते पांच सालों में डाकियों ने न जाने कितने लोगों के जरूरी संदेशों को कबाड़ी को रद्दी के भाव बेच दिए।
डाक की एक बोरी में मिली 300 चिट्ठियां
कैंट थाना प्रभारी फरीद अहमद ने बताया कि डीएम योगेश्वर राम मिश्र से मिली सूचना पर कैंट डाकघर के पास में ही कबाड़ी राजेंद्र की दुकान पर छापा मारा गया।
कबाड़ी के यहां पोस्टमैन दुर्गा सिंह चिट्ठियों से भरी बोरियों के साथ मिला। बोरियों में तीन सौ चिट्ठियों के अलावा राखी के लिफाफे, आधार कार्ड आदि मिले।
रजिस्टर्ड और स्पीड पोस्ट ही पहुंचाता था
पुलिस की पूछताछ में आरोपी डाकिया दुर्गा ने बताया कि बांटने के लिए मिलने वाली डाक में रजिस्टर्ड और स्पीड पोस्ट पत्रों को छोड़ बाकी को वह पांच साल से कबाड़ में बेचता रहा है।
इनमें साधारण पत्रों के अलावा डीएम, एसएसपी, पुलिस थाने, बिजली विभाग से संबंधित और नौकरी के कॉल लेटर जैसे महत्पूर्ण दस्तावेज शामिल हैं।
कई अन्य डाकियों पर भी संदेह
पुलिस ने छापेमारी के बाद गिरफ्तार पोस्टमैन के खिलाफ आईपीसी की धारा 166, 420, 409 और 120-बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
जांच में पता चला कि कबाड़ी के यहां मिली चिट्ठियों में शहर के कई इलाकों की डाक है, जबकि पकड़े गए पोस्टमैन को सिर्फ मलदहिया इलाके की डाक पहुंचाने का जिम्मा मिला था।
ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस गोरख धंधे में कई पोस्टमैन शामिल हैं। गिरफ्तार पोस्टमैन के जरिए वह अपनी डाक भी कबाड़ी के यहां पहुंचा देते थे।