GERMANY:4Lacs Childrens Donot Know Father Name
सेकंड वर्ल्ड वॉर (1 सितंबर 1939 से 2 सितंबर 1945) के दौरान हिटलर की नाजी सेना ने दुनिया के कई देशों में जमकर तबाही मचाई। इस युद्ध को आज तक सबसे विनाशकारी युद्ध माना जाता है। हालांकि, इस जंग में जर्मनी को भारी कीमत चुकानी पड़ी। 1944 में सोवियत, अमेरिकी, ब्रिटिश और फ्रेंच सेनाओं ने जर्मनी के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया था। इस दौरान लाखों महिलाओं व बच्चियों का रेप किया गया। जर्मनी के करीब 4 लाख बच्चे नहीं जानते अपने पिता के बारे में...
- यह चौंकाने वाला खुलासा जनवरी 2015 में पब्लिश 'Bastards! The children of occupation in Germany after 1945' किताब में हुआ था।
- जर्मनी की मैग्देबर्ग युनिवर्सिटी के प्रोफेसर सिल्के सत्जोकोव और प्रोफेसर रेनर ग्रिस ने यह बुक लिखी।
- जर्मन लैंग्वेज में पब्लिश इस किताब में सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद के हालात का विस्तार से जिक्र किया गया है।
- स्टडी में बताया गया कि 1944-45 में जर्मनी पर चार देशों (सोवियत, अमेरिकी, ब्रिटिश और फ्रेंच) की एलाइड सैन्य टुकड़ियों का नियंत्रण था।
- इस दौरान सेना ने न सिर्फ कत्लेआम व लूटपाट की, बल्कि लाखों जर्मन लड़कियों व महिलाओं का रेप किया और नतीजतन नाजायज बच्चे पैदा हुए।
- स्टडी में पता चला कि विदेशी सेनाओं द्वारा जर्मनी में करीब 20 लाख महिलाएं व बच्चियां रेप का शिकार होकर मां बनीं।
- ऐसे कई बच्चों से पता चला कि उनकी मां को उनके पिता के बारे में पता ही नहीं था, क्योंकि वे विदेशी सैनिकों के रेप का शिकार हुई थीं।
- सेकंड वर्ल्ड वॉर खत्म होने के बाद ही सेनाएं अपने-अपने देश वापस लौट गई थीं। देश के जिन इलाकों में ये सेनाएं जमा थीं, वहां अब उनके जुल्म के निशान ही बाकी रह गए थे।
- उस समय पैदा हुए लाखों बच्चे अपने पूरे जीवन सामाजिक भेदभाव का सामना करते रहे। इसके चलते कइयों ने अपने पिता की तलाश करने की भी कोशिश की।
- जर्मनी की मैग्देबर्ग युनिवर्सिटी के प्रोफेसर सिल्के सत्जोकोव और प्रोफेसर रेनर ग्रिस ने यह बुक लिखी।
- जर्मन लैंग्वेज में पब्लिश इस किताब में सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद के हालात का विस्तार से जिक्र किया गया है।
- स्टडी में बताया गया कि 1944-45 में जर्मनी पर चार देशों (सोवियत, अमेरिकी, ब्रिटिश और फ्रेंच) की एलाइड सैन्य टुकड़ियों का नियंत्रण था।
- इस दौरान सेना ने न सिर्फ कत्लेआम व लूटपाट की, बल्कि लाखों जर्मन लड़कियों व महिलाओं का रेप किया और नतीजतन नाजायज बच्चे पैदा हुए।
- स्टडी में पता चला कि विदेशी सेनाओं द्वारा जर्मनी में करीब 20 लाख महिलाएं व बच्चियां रेप का शिकार होकर मां बनीं।
- ऐसे कई बच्चों से पता चला कि उनकी मां को उनके पिता के बारे में पता ही नहीं था, क्योंकि वे विदेशी सैनिकों के रेप का शिकार हुई थीं।
- सेकंड वर्ल्ड वॉर खत्म होने के बाद ही सेनाएं अपने-अपने देश वापस लौट गई थीं। देश के जिन इलाकों में ये सेनाएं जमा थीं, वहां अब उनके जुल्म के निशान ही बाकी रह गए थे।
- उस समय पैदा हुए लाखों बच्चे अपने पूरे जीवन सामाजिक भेदभाव का सामना करते रहे। इसके चलते कइयों ने अपने पिता की तलाश करने की भी कोशिश की।
करीब तीन लाख बच्चे सोवियत संघ की रेड आर्मी के सैनिकों के
- फ्रीडरिश शिलर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स को पता चला है कि इनमें से करीब तीन लाख बच्चे तो केवल सोवियत संघ की रेड आर्मी के सैनिकों के थे।
- वहीं, हजारों महिलाओं ने सोवियत यूनियन के सैनिकों के जुल्म से बचने के लिए पूरे परिवार के साथ सुसाइड कर लिया था।
- रिसर्च में यह भी पाया गया कि कई मामलों में जर्मन महिलाओं के विदेशी सैनिकों के साथ प्रेम संबंध भी बन गए थे। इसके परिणामस्वरूप भी कई बच्चे पैदा हुए।
- फ्रीडरिश शिलर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स को पता चला है कि इनमें से करीब तीन लाख बच्चे तो केवल सोवियत संघ की रेड आर्मी के सैनिकों के थे।
- वहीं, हजारों महिलाओं ने सोवियत यूनियन के सैनिकों के जुल्म से बचने के लिए पूरे परिवार के साथ सुसाइड कर लिया था।
- रिसर्च में यह भी पाया गया कि कई मामलों में जर्मन महिलाओं के विदेशी सैनिकों के साथ प्रेम संबंध भी बन गए थे। इसके परिणामस्वरूप भी कई बच्चे पैदा हुए।