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महिलाओं के बीच बढ़ रहा है खुद के साथ शादी करने का चलन

SOLOGAMY TREND INCREASING IN 

WEST MEANS TO MARRIAGE WITH SELF

MENTAL DISEASE TO CONVINCE SELF,

 REFLECTS LACK OF CONFIDENCE
दुनिया में शादी करने की परंपरा हर धर्म में है। यह रवायत काफी पुरानी है। पारंपरिक शादियों में एक महिला और पुरुष विवाह के बंधन में जुड़ते हैं। अब तो दुनिया के कई देशों में समलैंगिक शादियों को भी कानूनी दर्जा मिल गया है। इन सबके अलावा एक और तरह की शादी है, जिसका चलन तेजी से बढ़ रहा है। इन दिनों कई महिलाएं खुद के ही साथ शादी कर रही हैं। इसे सोलोगमी के नाम से जाना जाता है। इसमें एक शख्स खुद के साथ शादी करता है, खुद के साथ वफादारी और प्यार निभाने की कसमें खाता है। ये सारे कसमें और वादे ऐसे ही होते हैं, जैसे आम शादियों में पति-पत्नी एक-दूसरे से करते हैं। 

38 साल की सोफी टेनर की शादी को 2 साल हो चुके हैं। 2015 में अपनी शादी के समय सोफी एकाएक सुर्खियों में छा गईं। वजह था उनकी शादी का औरों से अलग होना। सोफी ने किसी और से नहीं, खुद से ही शादी की थी। सोफी ने खुद के साथ जन्म-जन्मातर के बंधन में बंधने की कसम खाई। अपनी शादी के अनुभव के बारे में एक अखबार से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि दुनिया में ज्यादातर लोग बाहर जाने, औरों से मिलने और शादी करने की ख्वाहिश करते हैं, लेकिन अपनी खुशियों की ओर लौटने और उसपर ध्यान देने को उतनी अहमियत नहीं दी जाती है। शुरुआत में सोफी का इरादा केवल एक ऐसी किताब लिखना था, जिसमें एक महिला खुद के साथ शादी करती है। जिस वक्त उन्होंने यह किताब लिखने की ठानी, तब उनके दिमाग में यह बात नहीं थी कि आगे चलकर वह खुद ऐसा ही करेंगी। किताब लिखने की तैयारी करते हुए सोफी ने सोलोगमी के बारे में काफी शोध किया। इसी दौरान वह खुद भी इसकी ओर आकर्षित हुईं। 

न्यू यॉर्क में रहने वाली 37 साल की एरिका ऐंडरसन ने भी खुद के साथ शादी करने का फैसला किया। यह एरिका की पहली शादी नहीं थी। इससे पहले यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने अपने बॉयफ्रेंड से शादी कर ली थी, लेकिन यह शादी चली नहीं और एरिका का तलाक हो गया। इसके बाद एरिका खुद से प्यार करना चाहती थीं। वह नहीं चाहती थीं कि फिर से उनका दिल टूटे और यही वजह है कि उन्होंने खुद से शादी करने का निर्णय लिया। 
जानकारों का कहना है कि समाज में दिनोदिन बढ़ते तलाक के मामलों के कारण लोगों के अंदर शादी को लेकर उत्साह कम हो रहा है। दूसरे शब्दों में कहें, तो लोगों का शादी पर से भरोसा उठ रहा है। 2014 में दुनिया भर में होने वाले तलाक की दर से जुड़े आंकड़ों के मुताबिक, ब्रिटेन में होने वाली लगभग 42 फीसद शादियां तलाक पर जाकर खत्म होती हैं। अमेरिका में औसतन हर 36 सेकंड में एक तलाक होता है। प्रतिशत में देखें, तो अमेरिका में लगभग 53 फीसद शादियां तलाक पर दम तोड़ देती हैं। बेल्जियम में तो करीब 70 फीसद शादियों में तलाक हो जाता है। स्पेन, पुर्तगाल, लक्समबर्ग, हंगरी और चेक रिपब्लिक में 60 प्रतिशत से ज्यादा शादियां तलाक पर खत्म होती हैं। दुनिया भर में तलाक के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। एक और बात जो काफी अहम है, वह यह कि तलाक की कानूनी प्रक्रिया ज्यादातर देशों में काफी जटिल है और इसमें काफी पैसा व समय खर्च हो जाता है। इन सब कारणों से भी युवाओं में शादी के प्रति रुझान कम हो रहा है। 
खुद के साथ शादी करने के मामले भले ही अभी कम हों, लेकिन इनकी संख्या बढ़ रही है। इन शादियों के कारण पारंपरिक तरीके की शादियां खत्म हो जाएंगी, यह तो कल्पना से भी बाहर है। लेकिन यह भी सच है कि बड़ी संख्या में युवा विवाह के प्रति अरुचि दिखा रहे हैं। विवाह की जिम्मेदारियों और इसकी जटिलताएं भी इसके पीछे बड़ी वजहें मानी जा सकती हैं। नई पीढ़ी की कई युवतियां और महिलाएं अपनी मांओं की तरह पारंपरिक विवाह की संस्था से जुड़ने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि लव-इन संबंधों में इतनी तेजी आ रही है। खुद से शादी करने के बढ़ते मामले भी इन्हीं चीजों का मिला-जुला नतीजा हैं। लोगों को लगता है कि किसी और से शादी करने से बेहतर खुद के साथ शादी करना है। हालांकि ऐसा करने वालों की आलोचना करने वाले भी बहुत लोग हैं। आलोचकों का कहना है कि यह चलन 'आत्ममुग्धता' का चरम है। लेकिन जो लोग ऐसा करते हैं, वे शायद इस बात से राजी न हों। वैसे देखा जाए, तो शादी न करना और खुद से शादी करना दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू लगते हैं। 

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RTE & School Quota Of Kalyan Dombivli KDMC Region Thane

 Kalyan Dombivali Municipal Region School Quota and RTE 25% quota details received from RTI reply from KDMC Education department. Almost in all the schools free education seats for income below Rs1lac is vacant .The vacant seats are illegally filled by private school in open category by private schools by taking donations. KDMC education didnot taken any action. Total approved strength of class is 4 times of RTE quota. If RTE 25% quota is 25 then approved students limit is 100 students. Means 75 students from general and 25 from RTE 25% quota. In all the schools students are more than from approved strength and RTE 25% seats are vacant. It means RTE seats are filled by general students. As per RTE Act 2009 poor quota seats ie RTE25% cannot be filled by general quota in any condition and at any class. Helpline 9702859636  RTE Admission