वाशिंगटन। क्या आप जानते हैं कि ईमेल के आविष्कारक कौन हैं? तो इसका श्रेय एक भारतीय अमेरिकी वीए शिवा अय्यादुराई को जाता है। अमेरिकी सरकार ने उन्हें इलेक्ट्रानिक मेल के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम के आविष्कारक के तौर पर 30, अगस्त, 1982 को आधिकारिक मान्यता दी थी।
न्यूजर्सी स्थित लिविंगस्टन हाईस्कूल में पढ़ाई के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन एंड डेंटिस्ट्री के लिए अय्यादुराई ने ईमेल प्रणाली पर अपना काम शुरू किया था। इस काम में उन्हें 1978 में कामयाबी मिली और पूरी तरह इंटरआफिस मेल प्रणाली विकसित की। इसे उन्होंने 'ई-मेल' नाम दिया और 1982 में कॉपीराइट कराया।
हफिंग्टन पोस्ट की रिपार्ट के अनुसार, उस समय कॉपीराइट पेटेंट के ही समान था क्योंकि साफ्टवेयर के आविष्कार की सुरक्षा के लिए कोई दूसरा तरीका नहीं था। अय्यादुराई ने अपने काम के आधार पर 1981 में हाईस्कूल सीनियरों के लिए वेस्टिंहाउस साइंस टैलेंट सर्च अवार्ड जीता था। 'ई-मेल' के लिए मिला आधिकारिक अमेरिकी नोटिस अब स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन नेशनल म्यूजियम ऑफ अमेरिकी हिस्ट्री के पास है। हालांकि आविष्कार के लिए अय्यादुराई के दावे ने कंप्यूटर तकनीक के इतिहास में विवादों को जन्म दिया क्योंकि दूसरे लोगों ने भी ईमेल का आविष्कार करने का दावा कर रहे हैं।
पहली लोकप्रिय वेबमेल भी शुरू की थी एक भारतीय नेदुनिया के पहली वेबमेल सेवाओं में से एक हॉटमेल की शुरुआत 1996 में की गई थी। इसे कैलिफोर्निया में भारतीय मूल के सबीर भाटिया और जैक स्मिथ ने शुरू किया था।
उस समय इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों में यह तुरंत लोकप्रिय हो गया था। लेकिन 2004 में जब जीमेल गीगाबाइट के साथ अस्तित्व में आया तो गूगल की ओर हवा बहने लगी। 1997 में माइक्रोसॉफ्ट ने 40 करोड़ डॉलर में हॉटमेल का अधिग्रहण किया और एमएसएन हॉटमेल लांच किया।
V. A. Shiva Ayyadurai is an Indian-born American scientist and entrepreneur. Ayyadurai is notable for his controversial claim to be the "inventor of email". His claim is based on the electronic mail software he wrote as a New Jersey high school student in the late 1970s, which he called EMAIL.[1][2]
Initial reports repeating Ayyadurai's claim—by organizations such as The Washington Post and the Smithsonian Institution—were followed by public retractions.[1][3] These corrections were triggered by objections from historians and ARPANET pioneers who pointed out email already existed in the early 1970s.
Ayyadurai is also known for two controversial reports: the first questioning the working conditions of India's largest scientific agency; the second questioning the safety of genetically modified soybeans. Ayyadurai holds four degrees from MIT, including a Ph.D. in biological engineering, and is a Fulbright grant recipient.[4] He is a candidate in the 2018 United States Senate election in Massachusetts.