19Years BJP CONGRESS RULE IN QUESTION?
ALL SECTORS PRIVATE PLAYERS MADE MONEY AND GOVT. BOOKED LOSS
EDUCATION,ROAD,BRIDGE,LIQUOR,MINERALS SCAM
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रायपुर । छत्तीसगढ़ में सरकारी तंत्र में हावी भ्रष्टाचार ने विकास का चक्का तो थामा ही है, सामाजिक क्षेत्रों में सरकारी लूट ने जनता का हक भी छीन लिया।
गुरुवार को विधानसभा में पेश भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में प्रदेश सरकार पर पिछले 17 साल में जनता का 3146 करोड़ गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। यह राशि बजट के बाहर जाकर व्यय की गई है, जिसका कोई हिसाब नहीं है।
सड़क, एनीकट, पुल आदि निर्माण कार्यों में तो मनमानी की ही गई है, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी बुनियादी सेवाओं में भी जमकर लूट की गई है। निर्माण कार्यों के 194 प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जो एक से दस साल से लंबित हैं। इनमें सरकार के 5912 करोड़ रुपए बेकार हो गए। वहीं सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र में 2183 करोड़ की अनियमितता का खुलासा कैग ने किया है।
एनीकट: 1093 करोड़ बेकार
280 एनीकट अब तक अपूर्ण हैं, जिनमें 1093 करोड़ बेकार हो गए। कैग ने 79 एनीकट का निरीक्षण किया। चार ऐसे मिले जो जल्द ही टूट जाएंगे। 48 ऐसे मिले जिनमें साल में तीन-चार महीने ही पानी रहता है। 90 फीसदी एनीकट तय समय से काफी देर से पूरे हुए, जिससे लागत कई गुना बढ़ गई। गेट न होने से 3.66 करोड़ के एनीकट अनुपयोगी हैं। 50 फीसदी मामलों में भूजल स्तर बढ़ने के बजाय और नीचे चला गया।
शिक्षा : निर्माण के 858 करोड़ वेतन में बांटे
20 फीसदी स्कूल ही अपग्रेड हुए। 879 गांवों में अब भी प्राथमिक शाला नहीं है। 1231 गांवों में मिडिल स्कूल नहीं है। निर्माण कार्यों के लिए मिले 858 करोड़ शिक्षकों की तनख्वाह में बांटे गए। गणवेश की खरीदी में राजीव गांधी शिक्षा मिशन और डीपीआई के रेट में अंतर है। डीपीआई ने 25.29 करोड़ अतिरिक्त खर्च किया। किताब खरीदी में भी 7.1 करोड़ ज्यादा व्यय हुआ है। 9.69 करोड़ सरपंच गबन कर गए।
सड़क : तीन गुना अधिक मेजरमेंट
679 गांवों में अब भी पीएमजीएसवाय सड़क नहीं है। 33 करोड़ रुपए सड़क बनाने के बजाय अपग्रेड करने में खर्च हुए। 3 मीटर की जगह 3.75 मीटर की सड़क बना कर 9 करोड़ अतिरिक्त खर्च किया गया है। 6 सड़कों पर पुल नहीं है। काम में देरी से 21 करोड़ ज्यादा खर्च हुआ है। बिलासपुर में कंसल्टेंट ने 12 करोड़ का मेजरमेंट दिया, जबकि काम 4 करोड़ का ही हुआ है।
स्वास्थ्य : 1700 लोगों पर एक डॉक्टर
प्रदेश में एक हजार पर एक के बजाय 17 हजार लोगों पर एक डॉक्टर है। जगदलपुर मेडिकल कॉलेज अब तक नहीं बना है, जिससे उसकी लागत 2 सौ करोड़ से बढ़कर 750 करोड़ हो गई है। स्पेशलिस्ट डॉक्टर के 963 पद स्वीकृत हैं पर राज्य में इसके चार प्रतिशत ही स्पेशलिस्ट हैं। 945 नए डॉक्टरों में से एक भी गांव नहीं गया।
पुल: निर्माण में देरी से 44.81 करोड़ की हानि
पांच साल में कुल 216 पुल आठ साल तक देरी से पूरे किए गए। 127 पुलों की जांच की गई, जिनमें से 87 देर से बने, जिससे 44.81 करोड़ की हानि हुई। निर्माण शुरू करने के बाद ड्राइंग डिजाइन किया गया। 6 पुल दस साल में खराब हो गए, जबकि पुलों की आयु सौ साल होती है।
एसडीओ ने निकाल लिए 2 करोड़
कैग की रिपोर्ट में उल्लेख है कि कांकेर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एक एसडीओ ने वित्तीय अधिकार का दुरुपयोग किया। खुद के नाम एक-एक लाख का चेक काटकर कुल 2 करोड़ निकाल लिए। इसे कम्प्यूटर में दर्ज नहीं किया गया। अब वह पकड़ा गया है।
उद्योगों को 13 प्रकार की छूट
16.63 करोड़ का राजस्व नहीं वसूल पाए। उद्योगों को 13 प्रकार की छूट दी गई। 44 करोड़ का पानी मुफ्त दिया। अलग-अलग विभाग छूट देते हैं पर एक-दूसरे के बारे में पता नहीं होता। जॉइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट की राशि जमा नहीं हुई। वैट में 14 करोड़ कम वसूले गए। जिंदल समूह से 14.14 करोड़ की रायल्टी नहीं ली गई।
खनिज में घाटा
कोयला, बाक्साइट, टिन और कोलंबाइट में नुकसान हुआ है। कोयला में 330 करोड़ की खदानें समय पर नहीं खुल पाईं। आयरन ओर में 6 खदान सेल के सहयोग से खुलनी थी, पर नहीं खुली। बाक्साइट में 15 खदान पर काम नहीं हुआ।
शराब में चुकाया ज्यादा पैसा
कंपनियां ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन को लैंडिंग प्राइज देती हैं, जिसमें रेट की सौदेबाजी न करके जो दाम बताया उतना भुगतान किया। नियमानुसार लैंडिंग प्राइज देखने के बाद अन्य राज्यों से शराब की कीमत मंगाकर अध्ययन किया जाता है फिर दाम तय होता है। एल्कोहल में 65 प्रतिशत ड्यूटी लगती है। कंपनियों को 111 करोड़ का फायदा पहुंचाया गया।
जांच की जाएगी
कैग के प्रतिवेदन पर विधानसभा की लोक लेखा समिति और सार्वजनिक उपक्रम समिति जांच करेंगी। जांच और विचारोपरांत दोनों समितियों के प्रतिवेदन अभिमत सहित विधानसभा में प्रस्तुत किए जाएंगे।
-डॉ.रमन सिंह, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़