सार्वजनिक हैंडपम्प के पास सैप्टीटैंक का निर्माण
उपयोग करने वाले होने लगे बीमार
Umaria,:- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के public health engineering department द्वारा लगाये गये हैंडपम्प के पास ही गांव के दबंग ने सैप्टी टैंक बनवा लिया है, जिसके कारण गांव वासियों के स्वास्थ्य पर असर पडना शुरू हो गया है। हाल ही में बने इस सैप्टी टैंक के कारण ही गांव के एक परिवार उल्टी दस्त का सामना करना पड गया, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करना पडा। वहीं कई मरीज सिरदर्द के शिकायत लेकर जिला अस्पताल पहुंचे है। सार्वजनिक हैंडपम्प के पास निर्माण हो रहे सैप्टी टैंक के कारण स्वास्थ्य सम्बन्धित कई परेशानियां उत्पन्न हो सकती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए गांववासियों ने जिला कलेक्टर से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों तक सार्वजनिक हैंडपम्प के पास हो रहे सैप्टी टैंक निर्माण पर रोक लगवाने की मांग की थी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण निर्माण कार्य पूरा होने जा रहा है, इस अव्यवाहरिक कार्य पर रोक नहीं लग सकी। सार्वजनिक पंप के दूषित पानी को पीने का गंभीर परिणाम तो अभी कुछ ही गांववासियों ने भोगा है। अभी भी इस सैप्टी टैंक के निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगायी गयी तो जल्दी ही पूरे वार्डवासियों को पीलिया और उल्टी दस्त जैसी बीमारी से ग्रस्त होने से रोका नहीं जा सकेगा।
जिला मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर दूर अंधेरगर्दी:- जिला मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर दूर नेशनल हाइवे किनारे स्थित भरौला गांव के वार्ड नम्बर 18 में लक्ष्मण के द्वारा सार्वजनिक पंप के पास सैप्टी टैंक बनवाया जा रहा है। जबकि लक्ष्मण नामक यह व्यक्ति स्वंय ही इस गंाव में घर जंवाई बन कर आया था, और सरकारी जमीन पर कब्जा करते हुए अब सार्वजनिक हैंडपंप के पास सैप्टी टैंक बनवा रहा है। वार्ड नम्बर 18 मेें कुल 11 परिवार है, जिनके सदस्यों की संख्या लगभग 55 होगी। सैप्टी टैंक के निर्माण के बाद सुदर्शन रैदास और उसकी घरवाली को उल्टी दस्त की शिकायत होने पर जिला अस्पताल में भर्ती करवाना पडा था। वहीं तम्मा व अन्य लोगों ने सिरदर्द की शिकायत के साथ जिला अस्पताल में भर्ती हुए। इस सार्वजनिक हैंडपम्प के पानी को खेरदायी मंदिर और सिद्धबाबा मंदिर के लिए भी उपयोग किये जाता है, जिसके कारण यहां के नागरिकों की धार्मिक भावना भी आहत हो रही है। इन्हीं सब बातों केा ध्यान में रखते हुए वार्ड वासियों ने जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन गांव के सरपंच सन्तोष कुमार गुप्ता और पंच अन्नू यादव गांववासियेां पर ही शिकायत वापिस लेने का दबाव डाल रहे हैं। इससे गांव वासी बीमार होने के साथ-साथ गांव के बिगडते माहौल से भी घबरा रहे हैं।