570 Km तैरकर जा रही लड़की,मछली ने काटा...पास से निकला मगरमच्छ
100km Daily Swimming..
Allahabad:10 साल की Shradha Shukala की उफनाती लहरों के बीच तैरकर कानपुर से उन्नाव-फतेहपुर-कौशांबी होते हुए इलाहाबाद पहुंची। वह अब तक 280 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है। कौशांबी से तैरकर आते समय मछली के डंक मारने से'नन्ही जलपरी'की तबियत खराब हो गई है। बुलंद इरादे और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने के लिए रविवार को श्रद्धा कानपुर के मैस्करघाट से गंगा में उतरी।इलाहाबाद से मिर्जापुर का कार्यक्रम रद्द...
- बुधवार शाम संगम के पासके घट पर कौशांबी से उनका आने कार्यक्रम तय था। देखने वालों की भीड़ इंतजार कर रही थी।
- बाद में पता चला कि वह रसूलाबाद के बाहर ही नाइल्टहॉल्ट करेगी और गुरुवार सुबह 9 बजे संगम के लेटे हुए हनुमान घाट से अगले पड़ाव मिर्जापुर के लिए प्रस्थान करेगी।
- मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि कौशांबी से आते वक्त मछली ने उन्हें डंक मार दिया। इससे उनकी तबियत ठीक नहीं है।
- अब मिर्जापुर के लिए वह शुक्रवार सुबह 9 बजे निकलेंगी।
- बाद में पता चला कि वह रसूलाबाद के बाहर ही नाइल्टहॉल्ट करेगी और गुरुवार सुबह 9 बजे संगम के लेटे हुए हनुमान घाट से अगले पड़ाव मिर्जापुर के लिए प्रस्थान करेगी।
- मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि कौशांबी से आते वक्त मछली ने उन्हें डंक मार दिया। इससे उनकी तबियत ठीक नहीं है।
- अब मिर्जापुर के लिए वह शुक्रवार सुबह 9 बजे निकलेंगी।
जब बगल से निकल गया मगरमच्छ
- उन्होंने बताया कि जब वह तैरते हुए आ रही थी तो रास्ते में मगरमच्छ बगल से निकल गया। वह थोड़ा सा घबराईं, लेकिन वो अपने रास्ते निकल गया।
- कानपुर से उन्नाव-फतेहपुर-कौशांबी होते हुए इलाहाबाद अभी तक 280 किलोमीटर का सफर श्रद्धा तय कर चुकी है।
570 किलोमीटर का शुरू किया सफर
- श्रद्धा ने इलाहाबाद तक जाने के लिए तैराकी को 4 पार्ट में डिवाइड किया था। वह हर रोज 100 किलोमीटर तैर रही थीं।
- तैराकी के दौरान वह 4 स्थानों पर रात में रुकीं। पहला पड़ाव चण्डिका देवी बक्सर उन्नाव, दूसरा पड़ाव फतेहपुर, तीसरा पड़ाव कौशाम्बी, उसके बाद चौथा और आखरी पड़ाव इलाहाबाद था।
- कानपुर से बनारस तक तैराकी के इस सफर में श्रद्धा के साथ उसकी सुरक्षा के लिए दस गोताखोरों का दस्ता भी गंगा में मौजूद है।
- ये गोताखोर 5-5 के ग्रुप में उसके साथ तैर रहे हैं।
- इमरजेंसी में निपटने के लिए 4 नावें गंगा में हर वक्त तैयार रहती है, जिस पर नाविक भी साथ में मौजूद हैं। इसके अलावा डॉक्टरों की एक टीम भी नाव में साथ है।
- तैराकी के दौरान वह 4 स्थानों पर रात में रुकीं। पहला पड़ाव चण्डिका देवी बक्सर उन्नाव, दूसरा पड़ाव फतेहपुर, तीसरा पड़ाव कौशाम्बी, उसके बाद चौथा और आखरी पड़ाव इलाहाबाद था।
- कानपुर से बनारस तक तैराकी के इस सफर में श्रद्धा के साथ उसकी सुरक्षा के लिए दस गोताखोरों का दस्ता भी गंगा में मौजूद है।
- ये गोताखोर 5-5 के ग्रुप में उसके साथ तैर रहे हैं।
- इमरजेंसी में निपटने के लिए 4 नावें गंगा में हर वक्त तैयार रहती है, जिस पर नाविक भी साथ में मौजूद हैं। इसके अलावा डॉक्टरों की एक टीम भी नाव में साथ है।
ढाई साल की उम्र में सीखी तैराकी
- श्रद्धा के पिता ललित कुमार शुक्ला ने बताया कि उसका तैराकी से नाता ढाई साल की उम्र से है। - श्रद्धा के बाबा नहाने के दौरान उसको भी अपने साथ ले जाने लगे थे।
- बाबा के साथ गंगा में स्नान करते-करते श्रद्धा की दिलचस्पी धीरे-धीरे तैरने में होने लगी, और कुछ ही महीने में वो तैरना सीख गई। 4 साल की उम्र तक पहुचते-पहुंचते श्रद्धा एक कुशल तैराक बन गई।
- तैराकी को अपना जूनून बनाते हुए श्रद्धा साढ़े पांच साल की उम्र में कानपुर के शुक्लागंज पुल से सिधनाथ घाट तक तैर चुकी है।
- साल 2014 में श्रद्धा ने सावन के महीने में खतरे के निशान को छू रही गंगा में 16 किलोमीटर की दूरी सरसैया घाट से सिधनाथ घाट तक तैराकी 72 मिनट में तय किया था ।
- इसके बाद श्रद्धा ने कानपुर से इलाहाबाद तक 270 किलोमीटर तक तैर कर गई थी।
- इसके बाद श्रद्धा ने तैराकी में कई रिकार्ड बनाये, मगर अब वो चाहती है कि उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने के साथ ओलम्पिक में मेडल जीतने का सपना है।
- बाबा के साथ गंगा में स्नान करते-करते श्रद्धा की दिलचस्पी धीरे-धीरे तैरने में होने लगी, और कुछ ही महीने में वो तैरना सीख गई। 4 साल की उम्र तक पहुचते-पहुंचते श्रद्धा एक कुशल तैराक बन गई।
- तैराकी को अपना जूनून बनाते हुए श्रद्धा साढ़े पांच साल की उम्र में कानपुर के शुक्लागंज पुल से सिधनाथ घाट तक तैर चुकी है।
- साल 2014 में श्रद्धा ने सावन के महीने में खतरे के निशान को छू रही गंगा में 16 किलोमीटर की दूरी सरसैया घाट से सिधनाथ घाट तक तैराकी 72 मिनट में तय किया था ।
- इसके बाद श्रद्धा ने कानपुर से इलाहाबाद तक 270 किलोमीटर तक तैर कर गई थी।
- इसके बाद श्रद्धा ने तैराकी में कई रिकार्ड बनाये, मगर अब वो चाहती है कि उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने के साथ ओलम्पिक में मेडल जीतने का सपना है।
Prodigious endurance swimmer from Uttar Pradesh, 11-year-old Shraddha Shukla, took up her biggest challenge on a humid Sunday morning — swim in the monsoon-fed, swollen Ganga from hometown Kanpur to temple town Varanasi.
She will cover 570km in 10 days, with refreshment and washroom breaks, which is equivalent of 13 Olympic marathons of 42.195km on land. She will be swimming about 60km a day, taking a break every four to five hours.
“I am not nervous. I am excited and confident of completing the challenge,” said Shradhha in a blue swimsuit with floral patterns, before diving into the Ganga at Kanpur’s historic Massacre ghat, where hundreds of people gathered to cheer her.
“I am eyeing the national record,” she said, joining four guard divers in the murky water.
The girl from Kanpur’s Cantonment area has been swimming since one, under the watchful eyes of father-coach Lalit Shukla. He and the divers will accompany her on a traditional boat.
“After this, I will focus on achieving my dream of going to the Olympics and swimming through the English Channel,” said the girl who has been setting one record after another since she was six.
An underwater steel net will protect the diminutive swimmer, popular as Jalpari or mermaid for her feats, from river crocodiles at locations known to be infested by the reptile.
“She will swim between the net; it will keep her safe. She is not scared. All she has on her mind is the record,” her father said.
His daughter won’t swim after 7.30pm and resume preferably at 5am.
Shraddha had taken to swimming like a duck takes to water, after grandfather Munnu Lal Shukla brought her to the Ganga at age one. For the next four years, he taught her swimming and increasing slowly the distance.
She swam 10km from Ganga Barrage to Siddhnath ghat at age six and 6km from Kanpur to Unnao a year later. She covered 16km downstream in just 80 minutes on August 11, 2013, nipping 10 minutes from her previous best. She was eight then. About a year on, Shraddha swam to Allahabad from Massacre ghat in less than a week.
“We will send all footages to chief minister Akhilesh Yadav and Prime Minister Narendra Modi and appeal them to refer her name for an international record,” said Kuljeet Kaur, president of the Women’s Social Action Committee.
Mohd Nafees, who swam with her to Siddhnath Ghat on Sunday, gave credit to her hard work and discipline. “I am sure she will reach where she aims to be.”