उमरिया में फर्जी पत्रकारों की बाढ
ब्लैकमेलिंग कर वास्तविक पत्रकारों की गिरा रहे प्रतिष्ठा!
वाहनों पर प्रेस लिखाकर कर दुरूपयोग
MANY PRESS REPORTER HAVE LEAST LEGAL, COMPUTER, ENGLISH KNOWLEDGE ....
Umaria- शहर में इन दिनों फर्जी पत्रकारों की भरमार हो गयी है। इनके द्वारा की जा रही ब्लैकमेलिंग से वास्तविक पत्रकारों की प्रतिष्ठा को चोट पहुंच रही है। अधिकारी, कर्मचारी, सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, समाजसेवी या अन्य वर्ग के लोगों से भी जमकर ब्लैक मेलिंग करते हुए अपने वसूली का साधन बनाए हुए हैं। पत्रकारों को लोकतंत्र का चैथा स्तम्भ माना गया है। जन समस्या को सरकार तक पहुंचाने का कार्य पत्रकारों का होता है, पर कुछ फर्जी पत्रकारों इसे अपना व्यापार समझकर चला रहे हैं। कुछ तो ऐसे हैं जो पत्रकारिता की आड में नंबर दो का काम कर रहे हैं। यहां तक कि सूचना के अधिकार का भी गलत उपयोग करते हुए , पत्रकारिता को बदनाम कर रहे हैं। कई ऐसे पत्रकार हैं अपने वाहनों पर प्रेस लिखाकर उसका दुरूपयोग करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।
सही पत्रकारों की नहीं होती पहचान:-अवैध धंधों में संलिप्तता का राज न खुले इस डर से वे अपने पास पत्रकारिता का कार्ड लेकर घूमते रहते हैं। जहां देखों वहां फर्जी पत्रकार अवैध वसूली की डिमांड आये दिन करते रहते हैं। कुछ पत्रकार तो कार्यालयों के आसपास बैठकर पैसा कमाने का जुगत बनाए रहते हैं। कुछ ऐसे भी पत्रकार हैं जो अपने आप को विद्यमान पत्रकार मानते हैं पर हकीकत यह है कि उन्हें ठीक से लिखना-पढना भी नहीं आता। इसके बावजूद भी कलम, डायरी, कैमरा, फर्जी कार्ड लेकर लोगों से अवैध वसूली कार्य बडे धडल्ले से किया जा रहा है। ऐसे फर्जी पत्रकारों के चलते क्षेत्र में पत्रकारिता का दबाब समाप्त होता नजर आ रहा है। ऐसे में वास्तविक पत्रकारों को कम्पनी का गुनहगार माना जाता है, जो अपने विज्ञापनों का समय पर भुगतान नहीं कर पाते हैं।