FIVE STAR AIRCONDITIONER FAILS AT 40℃ , USE MORE POWER-CSE
Mumbai:ज्यादा तापमान बढ़ने पर 5-स्टार रेटिंग वाला एसी बिजली बचाने के बजाय ज्यादा उड़ाने लगता है। ऐसा एयर कंडीशनर पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार जाने पर 1-स्टार एसी से भी 28 फीसद ज्यादा बिजली खाने लगता है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वॉयरमेंट (CSE) की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
रेफ्रिजरेशन व एयर कंडीशनिंग निर्माताओं के संगठन रामा ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह भ्रामक बताया है।
सीएसई की यह रिपोर्ट ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशियंसी (बीईई) के उस दावे के उलट है जिसके अनुसार 5-स्टार एसी सिंगल स्टार के मुकाबले 22 फीसद बिजली की बचत कराता है।
वैसे, एसी खरीदते समय इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि उस पर कितने स्टार का स्टिकर लगा हुआ है। स्टिकर पर बने ये सितारे या स्टार ही बिजली उपकरण की रेटिंग बताते हैं। 5-स्टार एसी को सबसे अच्छा और बिजली बचाने वाला माना जाता है।
सीएसई की रिपोर्ट के मुताबिक 5-स्टार रेटिंग का दावा दरअसल एक धोखा है। अगर तापमान 45 डिग्री तक बढ़ जाए तो यही फाइव स्टार एसी वन स्टार जैसा हो जाता है। यानी ज्यादा बिजली ही नहीं, पैसे भी खाने लगता है। सीएसई ने अपनी रिपोर्ट देश के प्रमुख ब्रांडों के एसी को लेकर तैयार की है।
इस बारे में रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग मैन्यूफैक्चरर्स एसोशिएशन (रामा) ने कहा कि सीएसई की रिपोर्ट रेटिंग वाले उपकरण की कम बिजली खपत पर भरोसा कर रहे उपभोक्ताओं के मन में भ्रम पैदा करेगी। यह सभी जानते हैं कि आसपास के वातावरण का तापमान बढ़ने पर एसी की बिजली खपत में इजाफा हो जाता है।
इसी तरह आसपास का तापमान घटने पर एसी की बिजली खपत में कमी आती है। मगर तापमान में खास स्तर तक वृद्धि होने पर 5-स्टार एसी की बिजली खपत तकनीकी दक्षता के चलते 1-स्टार के मुकाबले कम होगी।
विकसित देशों में पहले से ही बिजली उपकरणों की ऊर्जा किफायत के लिहाज से रेटिंग की व्यवस्था बहुत पहले से लागू है। रामा ने बीईई के साथ मिलकर वर्ष 2008 में पहला स्वैच्छिक लेबलिंग प्रोग्राम शुरू किया था। इसे साल 2010 में सरकार ने अनिवार्य बना दिया। बीईई ही स्टार रेटिंग देने का काम करता है।