3 Aircraft Carriers Needs India Urgently-Navy
No Aircraft Carrier On Sea Till March 2017
New Delhi:भारत भले ही खुद को सुपरपावर की तरह देखना चाहता हो, लेकिन उसकी मौजूदा स्थितियां ऐसा कोई भरोसा नहीं देती हैं। भारत के पास अभी एक भी ऐसा एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है, जो कि चालू हालत में हो। देश के इकलौते एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य में रखरखाव का काम चल रहा है। ऐसे में उसे 8 महीने बाद ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। इन 8 महीनों तक भारत के पास अपनी सामरिक जरूरतों के लिए एक भी एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है।
किसी भी देश की सैन्य क्षमताओं के मद्देनजर एयरक्राफ्ट कैरियर की भूमिका और जरूरत काफी अहम होती है। जब भी अमेरिका को कोई सैन्य हमला करना होता है या फिर दक्षिण चीन सागर विवाद को लेकर चीन के सामने अपना शक्ति प्रदर्शन करना होता है, तो वह अपने परमाणु शक्ति संपन्न सुपर कैरियर्स को दुनिया में अलग-अलग जगहों पर तैनात कर देता है। चीन के लिए भी एयरक्राफ्ट कैरियर 'राष्ट्र के महान होने का प्रतीक चिह्न' है।
वहीं दूसरी ओर जहां भारत अपनी वैश्विक भूमिकाओं को बढ़ाने और उनका विस्तार करने की सामरिक योजनाएं बना तो रहा है, वहीं अपनी नौसेना द्वारा पिछले लंबे समय से 3 एयरक्राफ्ट कैरियर की मांग को पूरा नहीं कर पा रहा है। नौसेना का मानना है कि उसे पश्चिमी और पूर्वी समुद्रीय छोरों के लिए जहां 1-1 एयरक्राफ्ट कैरियर चाहिए, वहीं एक तीसरे कैरियर को किसी खराबी या आपातकाल के मद्देनजर सुरक्षित रखना भी बेहद जरूरी है। उधर CAG की रिपोर्ट को देखें, तो INS विक्रांत के निर्माण में हो रही देरी और योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं हो पाने के कारण भारत 2023 तक भी अपने लिए 2 एयरक्राफ्ट कैरियर का इंतजाम नहीं कर सकेगा।
No Aircraft Carrier On Sea Till March 2017
New Delhi:भारत भले ही खुद को सुपरपावर की तरह देखना चाहता हो, लेकिन उसकी मौजूदा स्थितियां ऐसा कोई भरोसा नहीं देती हैं। भारत के पास अभी एक भी ऐसा एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है, जो कि चालू हालत में हो। देश के इकलौते एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य में रखरखाव का काम चल रहा है। ऐसे में उसे 8 महीने बाद ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। इन 8 महीनों तक भारत के पास अपनी सामरिक जरूरतों के लिए एक भी एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है।
किसी भी देश की सैन्य क्षमताओं के मद्देनजर एयरक्राफ्ट कैरियर की भूमिका और जरूरत काफी अहम होती है। जब भी अमेरिका को कोई सैन्य हमला करना होता है या फिर दक्षिण चीन सागर विवाद को लेकर चीन के सामने अपना शक्ति प्रदर्शन करना होता है, तो वह अपने परमाणु शक्ति संपन्न सुपर कैरियर्स को दुनिया में अलग-अलग जगहों पर तैनात कर देता है। चीन के लिए भी एयरक्राफ्ट कैरियर 'राष्ट्र के महान होने का प्रतीक चिह्न' है।
वहीं दूसरी ओर जहां भारत अपनी वैश्विक भूमिकाओं को बढ़ाने और उनका विस्तार करने की सामरिक योजनाएं बना तो रहा है, वहीं अपनी नौसेना द्वारा पिछले लंबे समय से 3 एयरक्राफ्ट कैरियर की मांग को पूरा नहीं कर पा रहा है। नौसेना का मानना है कि उसे पश्चिमी और पूर्वी समुद्रीय छोरों के लिए जहां 1-1 एयरक्राफ्ट कैरियर चाहिए, वहीं एक तीसरे कैरियर को किसी खराबी या आपातकाल के मद्देनजर सुरक्षित रखना भी बेहद जरूरी है। उधर CAG की रिपोर्ट को देखें, तो INS विक्रांत के निर्माण में हो रही देरी और योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं हो पाने के कारण भारत 2023 तक भी अपने लिए 2 एयरक्राफ्ट कैरियर का इंतजाम नहीं कर सकेगा।