21 जून को दूसरा वर्ल्ड योग डे है। पिछले साल भारत की पहल पर दुनियाभर में यह शुरू हुआ था। एक साल में योग का बाजार कितना बदला? भास्कर ने ये पता लगाने के लिए योग से जुड़े आंकड़े जुटाए। फिर आयुष मंत्रालय से इनकी जांच की। जो सामने आया, वो चौंकाने वाला है। इस एक साल में योग बड़े कारोबार में तब्दील चुका है। मेक इन इंडिया पर जारी सरकारी दस्तावेज के मुताबिक देश में योग और आयुर्वेद से जुड़े प्रोडक्ट्स का बाजार 120 अरब रुपए का हो गया है। एक साल में ही योग इंडस्ट्री 50% तक बढ़कर ढाई लाख करोड़ रुपए की हो चुकी है। ट्रेनर 40% तक बढ़े हैं। योग करने वालों में 35% तक इजाफा हुआ है। क्या कहते हैं आंकड़े... पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट...
21 जून को दूसरा वर्ल्ड योग डे है। पिछले साल भारत की पहल पर दुनियाभर में यह शुरू हुआ था। एक साल में योग का बाजार कितना बदला? भास्कर ने ये पता लगाने के लिए योग से जुड़े आंकड़े जुटाए। फिर आयुष मंत्रालय से इनकी जांच की। जो सामने आया, वो चौंकाने वाला है। इस एक साल में योग बड़े कारोबार में तब्दील चुका है। मेक इन इंडिया पर जारी सरकारी दस्तावेज के मुताबिक देश में योग और आयुर्वेद से जुड़े प्रोडक्ट्स का बाजार 120 अरब रुपए का हो गया है। एक साल में ही योग इंडस्ट्री 50% तक बढ़कर ढाई लाख करोड़ रुपए की हो चुकी है। ट्रेनर 40% तक बढ़े हैं। योग करने वालों में 35% तक इजाफा हुआ है। क्या कहते हैं आंकड़े... पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट...
- रविवार को एसोचैम ने भी रिपोर्ट जारी कर बताया कि देश में योग ट्रेनर्स की मांग 35% सालाना बढ़ी है।
- इससे आयुर्वेद रिजाॅर्ट, हॉली-डे शिविर, कॉरपोरेट प्रशिक्षण आदि के रूप में अरबों डॉलर का बाजार तैयार हो रहा है।
- योग के दौरान पहने जाने वाले कपड़ों का बाजार ही हजार करोड़ के पार पहुंच चुका है।
- यही वजह है कि प्रयोग, भुसत्व, फॉरएवर योग, अर्बन योग जैसी नई कंपनियां योग से जुड़े कपड़े बनाने के मैदान में उतर आई हैं। अगले एक से दो साल में इसके दोगुना होने के आसार हैं।
- योग की ट्रेनिंग से लेकर उससे जुड़े प्रोजेक्ट तक का बिजनेस अन्य बिजनेस की अपेक्षा ज्यादा रफ्तार से बढ़ रहा है।
- इसमें चटाई से लेकर जूते, सीडी, डीवीडी, बैंड, एसेसरीज, स्टूडियोज की भी डिमांड बढ़ी है। ई कॉमर्स कंपनियां स्पेशल योग थीम स्टोर ले आई हैं। वे स्पेशल ऑफर्स दे रही हैं।
क्या कहता है आयुष मंत्रालय
- भास्कर से बातचीत में आयुष मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी ए.के.गनेरीवाला कहते हैं कि एक साल में अमेरिका और चीन के साथ यूरोप में योग अपनाने वाले बढ़े हैं। यहां बड़ी संख्या में भारतीय ट्रेनर जा रहे हैं और वहां से ट्रेनिंग लेने लोग भारत आ रहे हैं। सरकार अब योग कोर्स के लिए आने वालों को अलग श्रेणी में वीजा देने की भी तैयारी कर रही है।
- गनेरीवाला के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के बाद लोकप्रियता बढ़ी है। हम इसका फायदा मेक इन इंडिया में उठाना चाहते हैं। इस योग दिवस पर सरकार खादी की किट लाई है। करियर के रूप में इसे अपनाने वालों में 100% का इजाफा दिखा है। यही वजह है कि करीब 50 यूनिवर्सिटी-कॉलेजों में सार्टिफिकेट से लेकर बीए, एमए तक के कोर्स शुरू किए गए हैं। विदेशों से भी इन कोर्स में स्टूडेंट्स का रुझान बढ़ा है।
- उन्होंने बताया कि हमने सभी यूनिवर्सिटीज को कहा है कि वे अपने यहां पर योग डिपार्टमेंट बनाएं। हमने पहली बार क्वालिटी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर इंस्ट्रक्टरों के लिए सार्टिफिकेशन कोर्स शुरू किया है। वह एक सर्टिफाइड योग ट्रेनर होगा। यह नहीं होगा कि वह योग का थ्योरी ज्ञान रखता हो और उसे प्रैक्टिकल नहीं आता हो। देश के 14 लाख स्कूलों में भी योग शुरू करने को लेकर कदम उठाए गए हैं।
- आयुष मंत्री श्रीपद यशो नाईक ने कहा कि दुनिया भर में करीब 5.37 लाख करोड़ रुपए का कारोबार इस क्षेत्र में है। अकेले अमेरिका में लोग करीब 69 हजार करोड़ रु. योग से जुड़े किताब, प्रशिक्षण, परिधान और एसेसरी पर खर्च करते हैं। वहां पर 3.5 करोड़ लोग नियमित योग करते हैं।
फ्लिपकार्ट के मुताबिक, 80% बढ़ गई डिमांड
- फ्लिपकार्ट के सीनियर मार्केटिंग हेड ने बताया कि एक साल में योग के लिए उपयोग में लाए जाने वाले मैट की मांग में 80% और ड्रेस में 40 से 50% तक का इजाफा हुआ है।
- कंपनियां ही नहीं, योग गुरुओं की भी चांदी है। रामदेव का पतंजलि ब्रांड 2 हजार करोड़ के पार पहुंच चुका है। वे इस साल कंपनी को 5 हजार करोड़ तक पहुंचाने का दावा कर रहे हैं।
- वहीं चीन के रामदेव कहलाने वाले मोहन भंडारी पर चीन के सेंट्रल टेलीविजन ने योग की 52 डीवीडी बनाई है। दुनिया में ये डीवीडी बिक रही हैं।
- जापान के हिकारो होशिमोतो के जापान में 700 योग केंद्र हो चुके हैं।
- 11 साल पहले बिजनेस कंसल्टेंट रहीं भाविनी कलण अब पूरी तरह योग में आ चुकी हैं। डिजाइनर कपड़े, जूता-चश्मा, कीमती मोबाइल और लैपटॉप का लेटेस्ट मॉडल कलण की पहचान है। महीने में एक हफ्ते अमेरिका, एक हफ्ते अफ्रीका या यूरोप और बाकी दिन भारत में रहती हैं। बतौर विशेष योग ट्रेनर कई देशों के योग स्टूडियोज में बुलाया जाता है। इससे वे हर बार करीब 3-4 लाख रुपए कमा लेती हैं।
हर साल 30 से 40% की रफ्तार से बढ़ रही है देश में योग सीखने वालों की संख्या
- योग अब कमाई का जरिया बन गया है। हालात यह है कि देश में योग का कारोबार महज 8 साल में ही 45 फीसदी बढ़कर ढाई लाख करोड़ रुपए के पार जा पहुंचा है।
- दुनिया में करीब 20 करोड़ लोग योग करते हैं जिनमें आधे भारतीय हैं। देश में योग सीखने वालों की संख्या सालाना 30-40% बढ़ रही है।
योग अब सस्ता नहीं, समय के हिसाब से लगता है चार्ज
अाध्यात्म में कार्पोरेट कल्चर आने और जरूरत व लोकप्रियता की वजह से योग अब महंगा हाेता जा रहा है। कमाई का बड़ा साधन बनता जा रहा है।
खर्च घटाने और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने को देश की 53% कंपनियों में ‘योग’
देश की आधे से ज्यादा कंपनियां अपने कर्मचारियों को योग सिखा रही हैं। उन्हें लगता है कि इससे कर्मचारी कम बीमार पड़ेंगे, जिससे इलाज का खर्च कम होगा और प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी।
- रविवार को एसोचैम ने भी रिपोर्ट जारी कर बताया कि देश में योग ट्रेनर्स की मांग 35% सालाना बढ़ी है।
- इससे आयुर्वेद रिजाॅर्ट, हॉली-डे शिविर, कॉरपोरेट प्रशिक्षण आदि के रूप में अरबों डॉलर का बाजार तैयार हो रहा है।
- योग के दौरान पहने जाने वाले कपड़ों का बाजार ही हजार करोड़ के पार पहुंच चुका है।
- यही वजह है कि प्रयोग, भुसत्व, फॉरएवर योग, अर्बन योग जैसी नई कंपनियां योग से जुड़े कपड़े बनाने के मैदान में उतर आई हैं। अगले एक से दो साल में इसके दोगुना होने के आसार हैं।
- योग की ट्रेनिंग से लेकर उससे जुड़े प्रोजेक्ट तक का बिजनेस अन्य बिजनेस की अपेक्षा ज्यादा रफ्तार से बढ़ रहा है।
- इसमें चटाई से लेकर जूते, सीडी, डीवीडी, बैंड, एसेसरीज, स्टूडियोज की भी डिमांड बढ़ी है। ई कॉमर्स कंपनियां स्पेशल योग थीम स्टोर ले आई हैं। वे स्पेशल ऑफर्स दे रही हैं।
क्या कहता है आयुष मंत्रालय
- भास्कर से बातचीत में आयुष मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी ए.के.गनेरीवाला कहते हैं कि एक साल में अमेरिका और चीन के साथ यूरोप में योग अपनाने वाले बढ़े हैं। यहां बड़ी संख्या में भारतीय ट्रेनर जा रहे हैं और वहां से ट्रेनिंग लेने लोग भारत आ रहे हैं। सरकार अब योग कोर्स के लिए आने वालों को अलग श्रेणी में वीजा देने की भी तैयारी कर रही है।
- गनेरीवाला के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के बाद लोकप्रियता बढ़ी है। हम इसका फायदा मेक इन इंडिया में उठाना चाहते हैं। इस योग दिवस पर सरकार खादी की किट लाई है। करियर के रूप में इसे अपनाने वालों में 100% का इजाफा दिखा है। यही वजह है कि करीब 50 यूनिवर्सिटी-कॉलेजों में सार्टिफिकेट से लेकर बीए, एमए तक के कोर्स शुरू किए गए हैं। विदेशों से भी इन कोर्स में स्टूडेंट्स का रुझान बढ़ा है।
- उन्होंने बताया कि हमने सभी यूनिवर्सिटीज को कहा है कि वे अपने यहां पर योग डिपार्टमेंट बनाएं। हमने पहली बार क्वालिटी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर इंस्ट्रक्टरों के लिए सार्टिफिकेशन कोर्स शुरू किया है। वह एक सर्टिफाइड योग ट्रेनर होगा। यह नहीं होगा कि वह योग का थ्योरी ज्ञान रखता हो और उसे प्रैक्टिकल नहीं आता हो। देश के 14 लाख स्कूलों में भी योग शुरू करने को लेकर कदम उठाए गए हैं।
- आयुष मंत्री श्रीपद यशो नाईक ने कहा कि दुनिया भर में करीब 5.37 लाख करोड़ रुपए का कारोबार इस क्षेत्र में है। अकेले अमेरिका में लोग करीब 69 हजार करोड़ रु. योग से जुड़े किताब, प्रशिक्षण, परिधान और एसेसरी पर खर्च करते हैं। वहां पर 3.5 करोड़ लोग नियमित योग करते हैं।
फ्लिपकार्ट के मुताबिक, 80% बढ़ गई डिमांड
- फ्लिपकार्ट के सीनियर मार्केटिंग हेड ने बताया कि एक साल में योग के लिए उपयोग में लाए जाने वाले मैट की मांग में 80% और ड्रेस में 40 से 50% तक का इजाफा हुआ है।
- कंपनियां ही नहीं, योग गुरुओं की भी चांदी है। रामदेव का पतंजलि ब्रांड 2 हजार करोड़ के पार पहुंच चुका है। वे इस साल कंपनी को 5 हजार करोड़ तक पहुंचाने का दावा कर रहे हैं।
- वहीं चीन के रामदेव कहलाने वाले मोहन भंडारी पर चीन के सेंट्रल टेलीविजन ने योग की 52 डीवीडी बनाई है। दुनिया में ये डीवीडी बिक रही हैं।
- जापान के हिकारो होशिमोतो के जापान में 700 योग केंद्र हो चुके हैं।
- 11 साल पहले बिजनेस कंसल्टेंट रहीं भाविनी कलण अब पूरी तरह योग में आ चुकी हैं। डिजाइनर कपड़े, जूता-चश्मा, कीमती मोबाइल और लैपटॉप का लेटेस्ट मॉडल कलण की पहचान है। महीने में एक हफ्ते अमेरिका, एक हफ्ते अफ्रीका या यूरोप और बाकी दिन भारत में रहती हैं। बतौर विशेष योग ट्रेनर कई देशों के योग स्टूडियोज में बुलाया जाता है। इससे वे हर बार करीब 3-4 लाख रुपए कमा लेती हैं।
हर साल 30 से 40% की रफ्तार से बढ़ रही है देश में योग सीखने वालों की संख्या
- योग अब कमाई का जरिया बन गया है। हालात यह है कि देश में योग का कारोबार महज 8 साल में ही 45 फीसदी बढ़कर ढाई लाख करोड़ रुपए के पार जा पहुंचा है।
- दुनिया में करीब 20 करोड़ लोग योग करते हैं जिनमें आधे भारतीय हैं। देश में योग सीखने वालों की संख्या सालाना 30-40% बढ़ रही है।
योग अब सस्ता नहीं, समय के हिसाब से लगता है चार्ज
अाध्यात्म में कार्पोरेट कल्चर आने और जरूरत व लोकप्रियता की वजह से योग अब महंगा हाेता जा रहा है। कमाई का बड़ा साधन बनता जा रहा है।
खर्च घटाने और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने को देश की 53% कंपनियों में ‘योग’
देश की आधे से ज्यादा कंपनियां अपने कर्मचारियों को योग सिखा रही हैं। उन्हें लगता है कि इससे कर्मचारी कम बीमार पड़ेंगे, जिससे इलाज का खर्च कम होगा और प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी।