जीडीपी से जुड़े आंकड़ों में कमियों को दूर करने के प्रयास जारी: आनंद
जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) से संबंधित आंकड़ों में 'कमियों' को स्वीकार करते हुए सरकार के मुख्य सांख्यिकी अधिकारी टीसीए अनंत ने कहा है कि सरकार इन्हें सुधारने की दिशा में काम कर रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि इन गलतियों की गुंजाइश हमेशा ही रहती है क्योंकि राज्य सरकारें और कई एजेंसियां देरी से आंकड़े उपलब्ध कराती हैं। लेकिन सरकार की कोशिश रहती है कि जितनी शुद्धता के साथ संभव हो सके आंकड़े उपलब्ध कराए जा सकें।
पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में अनंत ने कहा कि ई-गवर्नेंस और कॉर्पोरेट अकाउंट्स के जरिए सरकार जीडीपी आंकड़ों में अशुद्धता को दूर करेगी। गौरतलब है कि जीडीपी आंकड़ों में कमियों का संबंध राष्ट्रीय आय और राष्ट्रीय खर्च के आंकड़ों में कमियों से होता है।
वित्त वर्ष 2015-16 में जीडीपी आंकड़ों में अशुद्धता का यह आंकड़ा 2.15 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो कि पिछले वित्त वर्ष में महज 35,284 करोड़ था। मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक 2015-16 में देश की जीडीपी 8.7 फीसदी की वृद्धि दर के साथ 135.76 लाख करोड़ दर्ज की गई।
उन्होंने कहा, 'यह कहना कि यह अब तक की सबसे बड़ी अशुद्धि है, मेरे हिसाब से सही नहीं होगा। आंकड़ों में कमियों को सुधारने की कोशिश हमेशा जारी रहती है।'
इस साल जीडीपी आंकड़ों में अशुद्धता की दर करीब 1.9 फीसदी रही। अनंत ने कहा, 'मौजूदा रेट के हिसाब से 2012-13 में आकंड़ों में 6 प्रतिशत की अशुद्धता थी, जबकि 2007-08 में यह 5.8 फीसदी थी। ऐसे में इस वर्ष जीडीपी आंकड़ों में कमियों को अब तक की सबसे बड़ी अशुद्धता कहना सही नहीं है।'
India fake GDP number accepted by govt.!