रिलायंस ने सरकार के 171 करोड़ रुपए दबाए, अफसरों काे नहीं है कोई चिंता
जबलपुर. रिलायंस के सासन पावर द्वारा सेस व रायल्टी सरचार्ज के 171 करोड़ रुपए सरकारी खजाने में जमा नहीं कराए जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। चैंज ऑफ लॉ के प्रोवीजन्स का फायदा उठाते हुए सासन पावर ने मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी (एमपीपीएमसीएल) पर मार्च 2013 से मार्च 2016 के बीच के तीन साल का 616 करोड़ रुपए सरचार्ज ठोका।
यह सरचार्ज पिछले तीन साल में बढ़ी क्लीन एनर्जी सेस, एक्साइज ड्यूटी व कोल रायल्टी के सरप्लस चार्ज आदि का था। सूत्रों के मुताबिक- एमपीपीएमसीएल द्वारा मई 2016 तक सासन पावर को इस 616 करोड़ रुपए में से 523 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका था। नियमानुसार यह पूरी राशि सरकारी खजाने में जमा होनी थी, लेकिन सासन पावर ने महज 352 करोड़ रुपए ही जमा कराए। सरचार्ज के जो 171 करोड़ रुपए वसूले गए थे उसको दबा गये।
यूं उलझा रहा सरचार्ज का मामला
सासन पावर शुरू से एनर्जी सेस, एक्साइज ड्यूटी व कोल रायल्टी के साथ वाटर टैक्स का सरचार्ज जोड़कर बिल देता आ रहा था। एमपीपीएमसीएल सरचार्ज की राशि इसलिए चुकाने तैयार नहीं हो रहा था कि- सासन पावर द्वारा अपने बिडिंग रेट अगले 25 साल के तमाम खर्चों, सेस व रायल्टी आदि का आकलन करने के बाद डाले गए हैं, इसलिए अब उसे पृथक से सरचार्ज वसूलने का अधिकार नहीं है। लेकिन सासन पावर से हुए पावर परचेस एग्रीमेंट (पीपीए) में चैंज ऑफ लॉ का प्रोवीजन सरकार द्वारा एक्सेप्ट किये जाने के चलते एमपीपीएमसीएल का दावा सीआईआरसी (सेन्ट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेग्यूलरटी कमीशन) में कमजोर पड़ गया।
सरकार ने अपील भी नहीं की :
सूत्रों के मुताबिक- सासन पावर को मिलने वाली सरचार्ज की राशि सरकारी खाते में ही जानी थी इसलिए एमपीपीएमसीएल को सीआईआरसी के फैसले के खिलाफ एप्टेल (अपीलेट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी) में जाने की परमीशन नहीं मिली। मायूस हो एमपीपीएमसीएल ने यह सरचार्ज सासन पावर को चुकाना शुरू किया, लेकिन सासन पावर ने अब तक उसे मिली पूरी राशि सरकारी खजाने में जमा नहीं कराई।
खड़े होते हैं कई सवाल
- सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सासन पावर ने कोयला, पानी आदि का इस्तेमाल बिना सरकार को तय रायल्टी चुकाए किया? यदि ऐसा है तो कंपनी पर सरकार को आपराधिक प्रकरण दर्ज कराना चाहिए। दूसरा सवाल यह है कि- पहले से ही सासन पावर को चैंज ऑफ लॉ का फायदा दे चुकी सरकार अपनी राशि वूसलने में किस बात को लेकर झिझक रही है और पीछे हट रही है। फिर जब रिलायंस सीओडी क्लेम की राशि वसूलने और सरचार्ज का बकाया चुकाने मप्र को नोटिस थमा रहा था और बिजली सप्लाई घटाने की धमकी दे रहा था तब भी क्यों सरकार खामोश बैठी रही और उसने अपना बकाया चुकाने सासन पावर को नाटिस क्यों नहीं दिया? -व्ही.के.एस. परिहार , VKS Parihar महासचिव , मप्र विद्युत अभियंता महासंघ
सरकार भी नहीं चेती
रिलायंस का सासन पावर सरकार के 171 करोड़ रुपए दबाए बैठा रहा और सरकार आंख बंद किए बैठी रही। यह स्थिति भी तब रही जबकि सासन पावर सीओडी क्लेम व सरचार्ज के बकाया को लेकर एमपीपीएमसीएल को नोटिस पर नोटिस भेज रहा था और मप्र को उसके हिस्से की बिजली का एक बड़ा भाग न देने और उसे खुले बाजार में बेचने की धमकी दे रहा था।
इधर ‘सरकार’ का गोलमोल जवाब
- इसमें संबंधित अधिकारियों को देखना चाहिए कि रिलायंस से पैसा क्यों नहीं आ रहा है, सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं। - आईटीसी केसरी, प्रमुख सचिव ऊर्जा