ट्रांसजेंडर ऑपरेशन के तुरंत बाद पुरुष नहीं बनता महिला : हाईकोर्ट
Bilaspur। हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर से दुष्कर्म के मामले में महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कोई पुरुष ट्रांसजेंडर ऑपरेशन के तुरंत बाद महिला नहीं बन जाता। यह लंबी प्रक्रिया है। वहीं दुष्कर्म के मामले में पुरुष के विपरीत महिला का होना अनिवार्य है। इसके साथ ही कोर्ट ने ट्रांसजेंडर से दुष्कर्म के आरोपी की जमानत अर्जी को स्वीकार किया है।
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में रहने वाले एक युवक ने महिला बनने के लिए दो वर्ष पूर्व ट्रांसजेंडर ऑपरेशन कराया। इसके बाद उसका शिवम देवांगन नाम के युवक से प्रेम संबंध स्थापित हो गया। युवक ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित कर लिया। बाद में शादी से इनकार कर दिया। ट्रांसजेंडर ने थाने में दैहिक शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने धारा 376 के तहत अपराध पंजीबद्घ कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया। जेल में बंद आरोपी ने वकील एचएस अहलुवालिया के माध्यम से हाईकोर्ट में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। इसमें कहा गया कि लिंग परिवर्तन के लिए ऑपरेशन कराने वाला पुरुष तुरंत महिला नहीं बन जाता। महिला बनने और महिलाओं के अंग विकसित होने की लंबी प्रक्रिया है। पीड़ित ने दो वर्ष पूर्व ही ऑपरेशन कराया है। इसके अलावा मेडिकल रिपोर्ट में भी उसके महिला अंग विकसित नहीं होने की बात कही गई है। जस्टिस संजय के. अग्रवाल के कोर्ट में जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। उन्होंने आदेश में कहा कि सिर्फ ऑपरेशन करा लेने से कोई पुरुष महिला नहीं बनता। महिलाओं के अंग विकसित होने की प्रक्रिया लंबी है। मेडिकल रिपोर्ट में भी पीड़ित के स्त्री होने की पुष्टि नहीं की गई है। कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म के मामले में एक पुरुष और एक महिला का होना आवश्यक है। राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार मामले में एक पक्ष महिला नहीं है। इस कारण से दुष्कर्म का प्रकरण नहीं बनता। कोर्ट ने आरोपी के जमानत आवेदन को स्वीकार किया है।