डेढ़ सदी बाद लोको-पायलटों के लिए भारतीय रेलवे ट्रेन इंजनों में लगाएगा टॉइलट
नई दिल्ली लगभग डेढ़ सदी तक इंजन में बिना टॉइलट के सफर करने वाले लोकोमॉटिव पायलटों के लिए रेल मंत्रालय ने अब से इंजन में बायॉ-टॉइलट लगाने की घोषणा की है। अब तक देश के इंजन के ड्राइवरों के लिए न ही रिफ्रेशमेंट ब्रेक होता था और न ही इंजन में टॉइलट की व्यवस्था लेकिन अभी भी रिफ्रेशमेंट ब्रेक नहीं होगा।
भारतीय रेलवे अब तक ट्रेन इंजन में टॉइलट को होना एक परेशानी समझती थी। सफर में लोको पायलटों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इसी को देखते हुए शुक्रवार को रेल मंत्री मनोहर पर्रिकर ने ट्रेन इंजन में बायॉ-टॉइलट की घोषणा की। हालांकि इसकी घोषणा रेल मंत्री ने 2016-17 के रेल बजट में भी की थी।
बायॉ-टॉइलट में कई फीचर्स और सेंसर्स होंगे। टॉइलट के दरवाजे तभी खुलेंगे जब ट्रेन की स्पीड जीरो होगी यानी के लोको पायलट तब तक टॉइलट इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे जब ट्रेन चल रही होगी। साथ ही जब टॉइलट में लोको पायलट होगा तो ब्रेक खुलेंगे नहीं।
लोको पायलट की संस्था इंडियन रेलवे लोको रनिंग मेन्स ऑर्गनाइजेशन (IRLRO) ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, 'हम नैशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन गए थे क्योंकि हम जैसे लोको-पायलट की स्थिति बेहद अमानवीय है। अधिकतर समय हम बेहद दबाव में रहते हैं जिससे हादसे भी हो सकते हैं।'
भारतीय रेलवे अब तक ट्रेन इंजन में टॉइलट को होना एक परेशानी समझती थी। सफर में लोको पायलटों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इसी को देखते हुए शुक्रवार को रेल मंत्री मनोहर पर्रिकर ने ट्रेन इंजन में बायॉ-टॉइलट की घोषणा की। हालांकि इसकी घोषणा रेल मंत्री ने 2016-17 के रेल बजट में भी की थी।
लोको पायलट की संस्था इंडियन रेलवे लोको रनिंग मेन्स ऑर्गनाइजेशन (IRLRO) ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, 'हम नैशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन गए थे क्योंकि हम जैसे लोको-पायलट की स्थिति बेहद अमानवीय है। अधिकतर समय हम बेहद दबाव में रहते हैं जिससे हादसे भी हो सकते हैं।'
Indian Railways To Finally Install Bio-Toilets In Train Engines For Drivers