सावधान! सर्दी जुकाम की दवा से हो सकता है ब्रेन हेमरेज
बताया गया कि सर्दी-जुकाम की दवाएं डिप्रेशन, ब्रेन हेमरेज जैसे रोगों का कारण भी बन रही हैं। दिल्ली और हरियाणा में हुए अध्ययन से पता चला कि बच्चों के विशेषज्ञ डॉक्टर सर्दी-जुकाम की दवाएं जमकर दे रहे हैं।
दिल्ली के सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और रोहतक के बीडी शर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सायेंस के शोधकर्ताओं ने शिशु चिकित्सकों को इस बाबत दो राज्यों के 5 असपतालों में शिशु चिकित्सकों को सलाह दी है। शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि मुश्किल स्थिति में ही यह दवाएं दो साल से कम के बच्चों व दो-5 साल के बच्चों को दी जाएं।
शोध में सामने आया कि ज्यादातर शिशु चिकित्सकों ने चम्मच भर के सीसीएम (कफ ऐंड कोल्ड मेडिसिन्स) लेने की सलाह दी। सर्वे में यह भी पाया गया कि दिल्ली-हरियाणा में 80-85 प्रतिशत डॉक्टर खुलकर ये दवाएं बच्चों के लिए लिख रहे हैं।
कनाडा के भीतर साल 2009 में सीसीएम की काउंटर टू काउंटर सेल पर प्रतिबंध लग गया था। छोटे बच्चों को इन्हें सीधे देने से मना कर दिया गया था। 'कनाडाई जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ' में छपी हालिया स्टडी के मुताबिक वहां बच्चों के सीसीएम यूज में 3 प्रतिशत की गिरावट आई है। शोधकर्ताओं ने भारत में जागरुकता के लिए ऐसे कदम उठाने की मांग की है।
दिल्ली के सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और रोहतक के बीडी शर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सायेंस के शोधकर्ताओं ने शिशु चिकित्सकों को इस बाबत दो राज्यों के 5 असपतालों में शिशु चिकित्सकों को सलाह दी है। शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि मुश्किल स्थिति में ही यह दवाएं दो साल से कम के बच्चों व दो-5 साल के बच्चों को दी जाएं।
शोध में सामने आया कि ज्यादातर शिशु चिकित्सकों ने चम्मच भर के सीसीएम (कफ ऐंड कोल्ड मेडिसिन्स) लेने की सलाह दी। सर्वे में यह भी पाया गया कि दिल्ली-हरियाणा में 80-85 प्रतिशत डॉक्टर खुलकर ये दवाएं बच्चों के लिए लिख रहे हैं।
कनाडा के भीतर साल 2009 में सीसीएम की काउंटर टू काउंटर सेल पर प्रतिबंध लग गया था। छोटे बच्चों को इन्हें सीधे देने से मना कर दिया गया था। 'कनाडाई जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ' में छपी हालिया स्टडी के मुताबिक वहां बच्चों के सीसीएम यूज में 3 प्रतिशत की गिरावट आई है। शोधकर्ताओं ने भारत में जागरुकता के लिए ऐसे कदम उठाने की मांग की है।