कौशांबी
भारत में कई बार ऐसी चीजें देखने को मिल जाती हैं, जो शायद कहीं और नहीं मिलेंगी। अब उत्तर प्रदेश के कौशांबी में हुई इस शादी को ही देख लीजिए। शुक्रवार को यहां एक कुत्ते और कुतिया की शादी हुई। इस शादी में लगभग 5 हजार लोग शामिल हुए। बारात गई, दावत हुई और फिर रोते हुए गीली आंखों के साथ दुल्हन बनी कुतिया कार में बैठाकर विदा भी की गई।

शादी में छपा निमंत्रणपत्र...
कौशांबी जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर बसे पंवारा गांव में हुई इस शादी की आसपास के गांवों में भी काफी चर्चा हो रही है। दोनों परिवारों ने इस शादी पर जमकर पैसा खर्च किया। मेहमानों की खातिरदारी के अलावा वधू पक्ष के लोगों ने शगुन-शगुनिया के लिए खाने-पीने की चीजों के अलावा 1 लाख 11 हजार रुपये भी दिए। जानकारी के मुताबिक शादी से पहले गुरुवार को शगुन और शगुनिया का तिलक कार्यक्रम भी हुआ था। उसमें भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे।

गोद में बिठाकर कुत्ते शगुन को शादी के लिए ले जाते हुए उसके परिवार वाले...
दुल्हा और दुल्हन को दोनों परिवारों ने गोद में उठाकर जयमाल की रस्म पूरी करवाई। वर की ओर से वधू के गले में माला डाली गई और वधू पक्ष वालों ने वर के गले में माला डाली। इसके अलावा भी सभी रिवाज निभाए गए। इतना ही नहीं, दोनों को शादी के मौके के लिए खास तौर पर सजाया भी गया था। वधू बनी कुतिया को लाल रंग का जोड़ा पहनाया गया था। वर भी सजा-धजा था। शादी के बाद वधू पक्ष वालों ने रोते हुए कुतिया शगुनिया की विदाई भी की। विदाई के समय वह सो गई थी, तो उसे प्यार से जगाकर गोद में उठाया। फिर घर वालों ने उसे गले से लगाकर वर के साथ कार में बिठाया। इस तरह यह शादी पूरे परंपरागत तरीके से संपन्न हुई।
भारत में कई बार ऐसी चीजें देखने को मिल जाती हैं, जो शायद कहीं और नहीं मिलेंगी। अब उत्तर प्रदेश के कौशांबी में हुई इस शादी को ही देख लीजिए। शुक्रवार को यहां एक कुत्ते और कुतिया की शादी हुई। इस शादी में लगभग 5 हजार लोग शामिल हुए। बारात गई, दावत हुई और फिर रोते हुए गीली आंखों के साथ दुल्हन बनी कुतिया कार में बैठाकर विदा भी की गई।
इस शादी के वर-वधू, यानी कुत्ते का नाम शगुन है और उसकी पत्नी का नाम शगुनिया। दोनों की शादी का कार्ड भी छपा था। कार्ड पर वर के नाम की जगह चिरंजीवी शगुन लिखा था, वहीं वधू के नाम की जगह आयुष्मती कुमारी शगुनिया छपा था। फूलों से सजी कार में वर पक्ष के लोग कुत्ते को गोद में बिठाकर जब शादी के लिए कुतिया के घर ले जा रहे थे, तो पीछे संगीत की धुन पर झूमकर नाचते लोगों की भीड़ भी साथ थी। शादी में शरीक हुए लोगों ने लिए हलवाई खाना बना रहे थे।
शादी में छपा निमंत्रणपत्र...
कौशांबी जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर बसे पंवारा गांव में हुई इस शादी की आसपास के गांवों में भी काफी चर्चा हो रही है। दोनों परिवारों ने इस शादी पर जमकर पैसा खर्च किया। मेहमानों की खातिरदारी के अलावा वधू पक्ष के लोगों ने शगुन-शगुनिया के लिए खाने-पीने की चीजों के अलावा 1 लाख 11 हजार रुपये भी दिए। जानकारी के मुताबिक शादी से पहले गुरुवार को शगुन और शगुनिया का तिलक कार्यक्रम भी हुआ था। उसमें भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे।
गोद में बिठाकर कुत्ते शगुन को शादी के लिए ले जाते हुए उसके परिवार वाले...
दुल्हा और दुल्हन को दोनों परिवारों ने गोद में उठाकर जयमाल की रस्म पूरी करवाई। वर की ओर से वधू के गले में माला डाली गई और वधू पक्ष वालों ने वर के गले में माला डाली। इसके अलावा भी सभी रिवाज निभाए गए। इतना ही नहीं, दोनों को शादी के मौके के लिए खास तौर पर सजाया भी गया था। वधू बनी कुतिया को लाल रंग का जोड़ा पहनाया गया था। वर भी सजा-धजा था। शादी के बाद वधू पक्ष वालों ने रोते हुए कुतिया शगुनिया की विदाई भी की। विदाई के समय वह सो गई थी, तो उसे प्यार से जगाकर गोद में उठाया। फिर घर वालों ने उसे गले से लगाकर वर के साथ कार में बिठाया। इस तरह यह शादी पूरे परंपरागत तरीके से संपन्न हुई।