सरकारी बैंकों का डूबा कर्ज चार लाख करोड़ रुपये के पार
नई दिल्ली
निवेशकों द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयरों में लगाए गए प्रत्येक 100 रुपये पर 150 रुपये के डूबे कर्ज या गैर निष्पादित आस्तियों (NPA) का बोझ है। सरकारी बैंकों का डूबे कर्ज का आंकड़ा चार लाख करोड़ रुपये के पार चला गया है, जो इन ऋणदाताओं के बाजार मूल्य का डेढ़ गुना है। इसके विपरीत निजी क्षेत्र के बैंकों का NPA उनकी कुल बाजार हैसियत यानी शेयर भाव के हिसाब से इन बैंकों के मूल्यांकन का 6.6 प्रतिशत है।सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मामले में यदि ऐसे कर्ज को भी शामिल किया जाए जिन्हें आगे चलकर NPA घोषित किया जा सकता है, तो मुश्किल में फंसे कर्ज खातों का आकार लगभग दोगुना होकर 8 लाख करोड़ रुपये के पार चला जाएगा। निजी क्षेत्र के बैंकों में यह समस्या कम गंभीर है। उनका सकल NPA 46,000 करोड़ रुपये है, जो उनके कुल बाजार मूल्य से काफी कम है। रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिए अपने बही खाते को साफसुथरा करने की समयसीमा मार्च, 2017 तय की है।
इसके चलते बैंकों को अपने NPA की घोषणा करने के अलावा सुधारात्मक उपाय करने और अपने वित्तीय बयान में उचित प्रावधान करना पड़ रहा है। बैंकिंग क्षेत्र का सकल NPA उनके कुल कर्ज का पांच प्रतिशत है। घोषित तथा संभावित NPA को जोड़ दे तो कुल संकटग्रस्त परिसंपत्तियां उनके बकाया कर्ज की करीब 11 प्रतिशत बैठती हैं। ताजा तिमाही नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि 24 सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल NPA 31 दिसंबर, 2015 तक 3,93,035 करोड़ रुपये था।
इनमें SBI और उसके अनुषंगी बैंक भी शामिल हैं। यह शेयर बाजार में उनकी कुल हैसियत की डेढ़ गुना है। इन बैंकों का बाजार मूल्य फिलहाल 2,62,955 करोड़ रुपये है। यह उनके एक साल पहले के 2,61,918 करोड़ रुपये के सकल NPA पर करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। रिजर्व बैंक के अनुसार जब किसी संपत्ति बैंक से आय होनी बंद हो जाती है तो यह बैंक की गैर निष्पादित या अवरुद्ध आस्ति (NPA) बन जाती है। जब किसी कर्ज पर 90 दिन से अधिक तक ब्याज की प्राप्ति नहीं होती है, तो उस खाते को NPA घोषित कर दिया जाता है।
भारतीय स्टेट बैंक और कुछ छोटे बैंकों को छोड़कर सभी सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल NPA उनके बाजार पूंजीकरण से अधिक है। ज्यादातर मामलों में डूबे कर्ज बैंकों के बाजार मूल्य से दोगुना है। कुछ कर्जदाताओं का सकल NPA उनके बाजार मूल्यांकन से चार-पांच गुना है। वहीं दूसरी ओर ज्यादातर निजी क्षेत्र के बैंकों का सकल NPA उनके बाजार मूल्य से कम है।
हालांकि, उनके लिए भी डूबत कर्ज में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। 31 दिसंबर, 2015 तक 16 सूचीबद्ध निजी क्षेत्र के बैंकों का सकल NPA 46,271 करोड़ रुपये था। उनका बाजार मूल्य सात लाख करोड़ रुपये था। कुल मिलाकर सभी सूचीबद्ध बैंकों (सरकारी और निजी) का सकल NPA 4.4 लाख करोड़ रुपये है, जबकि उनका कुल बाजार मूल्यांकन 9.6 लाख करोड़ रुपये है।