AICTE Can Remove Affiliation Any Time Due To 85%Non Permanent Post
वर्ष 1997 में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय परिसर में इंजिनियरिंग संस्थान की स्थापना की गई थी। उस समय पहले में निदेशक डॉ. कृष्णाचारी बनाए गए थे। उनके बाद डॉ. एसके सोनी अंतिम नियमित निदेशक थे। वर्ष 2006 के बाद संस्थान में कोई नियमित निदेशक पदस्थ नहीं किया। अस्थाई निदेशक भी इंजिनियरिंग संकाय से नहीं रहे। श्री सोनी के बाद फिजिक्स के डॉ. एसडी पांडे, जियोलॉजी विभाग के डीसी गुप्ता को निदेशक पदस्थ किया। वर्तमान में कुलपति मुरलीधर तिवारी Murlai Dhar Tiwari ने फार्मेसी विभाग के प्रो. अनुपम पाठक Anupam Pathak को निदेशक पदस्थ किया। तब से प्रो. पाठक ही बीयूआईटी के प्रभारी निदेशक हैं।
91 पद और नियमित केवल 12
बीयूआईटी में कुल 91 नियमित पद है लेकिन सालों से नियमित शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई है। 91 पदों के मुकबले यहां केवल 12 पद पर ही नियमित शिक्षक कार्य कर रहे हैं। जबकि विद्यार्थियों की संख्या कई गुना अधिक है। हाल ही में कुछ अस्थाई नियुक्तियां की गई हैं। लेकिन उनकी संख्या काफी कम है।
NAAC टीम ने की थी कड़ी टिप्पणी
बीते साल बीयू के दौरे पर आई राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नेक) टीम ने बीयूआईटी के निरीक्षण के दौरान नियमित निदेशक और शिक्षक नहीं होने पर कड़ी टिप्पणी की थी। टीम के सदस्यों ने कहा था कि इतनी कम संख्या में फैक्लटी होने पर संस्थान को कैसा चलाया जा सकता है। टीम ने संस्थान में नियमित निदेशक और शिक्षक पदस्थ करने को कहा था। नेक टीम के दौरे को महीनों बीते गए लेकिन विवि ने अब तक निदेशक और शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की।
Danger:BARKATULLAH UNIVERSITY BHOPAL: Engineering College Affilation