हर साल हजारों जानें ले रहा है वायु प्रदूषण: रिपोर्ट
'बॉडी बर्डन 2015: भारत के स्वास्थ्य की स्थिति' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन लोगों को मौसम की स्थितियों में आ रहे तेज व अतिवादी बदलाव और उसकी सघनता की ओर ले जा रहा है।
रिपोर्ट में पर्यावरण और स्वास्थ्य के बीच के संपर्क की पड़ताल की गई है और कहा गया है कि पर्यावरण कारकों के चलते बहुत-सी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां देशभर में लोगों को पेश आ रही हैं। रिपोर्ट में वाहनों से होने वाले प्रदूषण के अलावा घरों के भीतर अंगीठी के कारण होने वाले प्रदूषण और इसके जैसे अन्य मुद्दों की भी पड़ताल की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, नियंत्रण से बाहर हो चुके वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों की दर पूरे विश्व में बढ़ी है और पिछले दशक में यह 300 प्रतिशत तक बढ़ गई है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'वर्ष 2000 के 800,000 से यह 2012 में 32 लाख हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2014 के रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा प्रदूषित दिल्ली में वायु प्रदूषण से हर साल 10,000 से 30,000 तक मौतें हो रही हैं।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु प्रदूषण विश्व में होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार दस मुख्य कारकों में से एक और भारत में पांचवां मुख्य कारक है।