'दिल्ली पुलिसकर्मियों के खिलाफ 12,872 शिकायतें, सिर्फ 35 FIR’
अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन 'सीएचआरआई' की ओर से जारी श्वेतपत्र के अनुसार, कुल शिकायतों में से सिर्फ 46 मामलों में विभागीय जांच शुरू की गयी और उनमें से सिर्फ 13 में जांच पूरी हुई है। दिल्ली में अपराध का खाका नाम से जारी इस रिपोर्ट में 2014 में दर्ज शिकायतों का विश्लेषण किया गया है।
सीएचआरआई ने राजधानी के 160 पुलिस थानों से आंकडे जुटाए हैं। पुलिसकर्मियों के खिलाफ मिली ज्यादातर शिकायतें दुर्व्यवहार की हैं। उसके बाद भ्रष्टाचार और तीसरे नंबर पर यौन उत्पीड़न की शिकायतें हैं। मुंबई के एक एनजीओ, प्रजा फाउंडेशन की सहायता से तैयार इस रिपोर्ट के अनुसार, 'वर्ष 2014 में सबसे ज्यादा 74,291 मामले चोरी के दर्ज हुए हैं, उसके बाद लापरवाही से वाहन चलाने के 10,373 और सेंधमारी के 10,281 मामले दर्ज हुए हैं। इस दौरान बलात्कार की 1,818 शिकायतें आयीं हैं, जबकि सामूहिक बलात्कार के 144 तथा महिलाओं के साथ अत्याचार के 2,667 मामले आए हैं।'
विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि यौन और मौखिक उत्पीड़न तथा लापरवाही से वाहन चलाने के सबसे ज्यादा मामले दक्षिण दिल्ली के पॉश इलाकों के हैं, जबकि बाहरी दिल्ली में सबसे ज्यादा हत्या, अपहरण, सेंधमारी और चोरी की घटनाएं हुई हैं। सीएचआरआई निदेशक एम दारुवाला ने यह रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस भी बल में कर्मियों की कमी से जूझ रही है। उसमें कहा गया है, 'वर्ष 2014 में बल में कुल छह प्रतिशत कर्मियों की कमी थी। सबसे ज्यादा कमी निगरानी वाले रैंक जैसे अतिरिक्त आयुक्त (37 प्रतिशत), और सहायक आयुक्त (36 प्रतिशत) में हैं।