जैन मुनि पेश न हुए तो गैरजमानती वॉरंट जारी होगा
एजेंसियां, अहमदाबाद2009 की बाल दीक्षा से संबंधित केंद्र सरकार का भ्रामक राजपत्र (गजट) प्रकाशित कराने के मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह मामले में जैन मुनि आचार्य कीर्तियशसूरीश्वर जी की मौजूदगी सुनिश्चित करे। चाहे इसके लिए उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट ही क्यों न जारी करना पड़े। हाई कोर्ट का 4 नवंबर को जारी यह मौखिक आदेश इस मामले से संबंधित वकीलों को शुक्रवार शाम मुहैया कराया गया। न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला के मुताबिक, याचिका में काफी गंभीर मामला उठाया गया है। नाबालिग बच्चों को सांसारिक मोहमाया छोड़ने और दीक्षा लेने के लिए ललचाया और लुभाया गया। हाई कोर्ट ने कहा कि जैन मुनि ने ट्रायल कोर्ट से मामले की सुनवाई तीन महीने स्थगित करने का अनुरोध किया था। इसके पीछे उन्होंने बड़ा अतार्किक और अनोखा कारण दिया था कि वह कोलकाता में हैं। वह कोलकाता से पैदल चलना शुरू करेंगे और तीन महीने में अहमदाबाद पहुंचेंगे। हाई कोर्ट ने कहा, चाहे कोई भी व्यक्ति हो, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि किसी मामले में आरोपी है और कोर्ट में हाजिर होना चाहिए। शिकायतकर्ता के वकील नितिन गांधी ने आरोपी पक्ष से धमकियां मिलने की शिकायत की, जिसके बाद हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा।