जिम्मेवारी निभाने में सार्वजनिक कम्पनियाँ प्राइवेट MNC से बेहतर - Survey
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां निजी क्षेत्र की इकाइयों के मुकाबले जिम्मेदार कारोबारी गतिविधियों के साथ मजबूत नीतिगत जुड़ाव दिखा रही हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
यह अध्ययन बीएसई में सूचीबद्ध शीर्ष 100 कंपनियों के विश्लेषण पर आधारित है जिसमें कार्यस्थल पर भेदभाव नहीं होने समेत पांच पहलुओं पर गौर किया गया है। इंडिया रिस्पॉन्सिबल बिजनस फोरम (आईआरबीएफ) द्वारा आज जारी सूचकांक के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम निजी क्षेत्र की कंपनियों के मुकाबले एनवीजी के साथ मजबूत नीतिगत जुड़ाव दिखा रही हैं।
सूचकांक को गैर-लाभकारी संगठन ऑक्सफैम इंडिया ने 'कॉर्पोरेट रिस्पॉन्सिबिलिटी वॉच, प्रेक्सिस ऐंड पार्टनर्स इन चेंज' के साथ मिलकर तैयार किया है। सरकार ने 2011 में सामाजिक, पर्यावरण तथा व्यापार की आर्थिक जिम्मेदारी के लिये राष्ट्रीय स्वैच्छिक दिशा-निर्देश जारी किया था, जिसे कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने नागरिक समाज के विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर तैयार किया गया था।
अध्ययन में कंपनियों की रैंकिंग पांच कारकों के आधार पर निर्धारित की गई है। ये पांच कारक कार्यस्थल पर भेद-भाव न होने देना, कर्मचारियों की भलाई, सामुदायिक विकास, आपूर्ति श्रृंखला में समावेश और बिजनस पार्टिसिपेशन कम्युनिटी हैं।
ऑक्सफैम ने एक बयान में कहा है कि इन सभी मानकों के आधार पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां निजी क्षेत्र की कंपनियों के मुकाबले कहीं बहुत आगे हैं, जबकि निजि क्षेत्र की कंपनियों में कार्यस्थल पर भेद-भाव, सामुदायिक विकास और आपूर्ति श्रंखला में समावेश जैसे मुद्दों पर तमाम खामियां सामने आईं हैं।