यही किसी से छिपा नहीं है कि जो सब्जियां बड़े शहरों और महानगरों में बेची जा रही हैं, उनमें कीटनाशक होते हैं। लेकिन, अब यह बात सामने आ रही है कि पूरे देश में बेची जा रही सब्जियों में कीटनाशकों के रूप में खतरनाक रसायनों की मात्रा बहुत ज्यादा है।
कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले सात सालों में सब्जियों, फलों, मीट और मसालों के कुछ नमूनों की जांच से पता चला है कि इनमें कीटनाशकों के स्तर में अनुमति से करीब-करीब दोगुनी वृद्धि हुई है। साल 2008-09 के दौरान 1.4% नमूने एमआरएल टेस्ट में फेल हो गए थे और साल 2014-15 के दौरान तो यह आंकड़ा बढ़कर 2.6% तक पहुंच गया। जांच में फेल हुए ज्यादातर नमूने सब्जियों के थे।
आणंद, कल्याणी, कोलकाता, दिल्ली- हर जगह सब्जियों के नमूनों में खतरनाक स्तर तक कीटनाशक पाए गए। दिल्ली में जिन 41 नमूनों में ज्यादा मात्रा में कीटनाशक पाए गए उनमें 31 नमूने सब्जियों के ही थे। दूषित सब्जियों में पालक, हरा धनिया, शिमला मिर्च और भिंडी शामिल हैं।
दिल्ली में बेची जाने वाली सब्जियों की बड़ी मात्रा यमुना नदी के आस-पास के क्षेत्रों से आती हैं और यमुना के प्रदूषण का असर यहां उगाई गईं सब्जियों पर भी साफ तौर पर देखा जा सकता है। मजेदार बात तो यह है कि जिन सब्जियों के नमूनों के आधार पर कृषि मंत्रालय की यह रिपोर्ट जारी की गई है वे ज्यादातर मंडियों से उठाए गए थे ना कि खेतों से।
दिल्ली में बेची जाने वाली सब्जियों की बड़ी मात्रा यमुना नदी के आस-पास के क्षेत्रों से आती हैं और यमुना के प्रदूषण का असर यहां उगाई गईं सब्जियों पर भी साफ तौर पर देखा जा सकता है। मजेदार बात तो यह है कि जिन सब्जियों के नमूनों के आधार पर कृषि मंत्रालय की यह रिपोर्ट जारी की गई है वे ज्यादातर मंडियों से उठाए गए थे ना कि खेतों से।