मुंगेर/ भागलपुर
फर्जी एजुकेशनल डिग्रियां रखने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले जितेंद्र सिंह तोमर ने बिहार के मुंगेर से लॉ का एग्जाम क्लियर किया था! शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की गई कि तोमर ने 1998-99 में बिहार के एक कॉलेज से लॉ की परीक्षा पास की थी।
फर्जी एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स की जांच के सिलसिले में तोमर को दिल्ली पुलिस की टीम मुंगेर के विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज लेकर पहुंची।
जांच के दौरान वहां मौजूद रहे अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि कॉलेज के रजिस्टरों से यह खुलासा हुआ है कि तोमर का इस कॉलेज में सत्र 1994-95 में रोल नंबर-10136 के तहत एनरोलमेंट हुआ था।
जांच में यह भी पाया गया कि जितेंद्र सिंह तोमर 1994-95 और 1995-96 के दो सत्र में लॉ की परीक्षा में एपीयर भी हुए थे, लेकिन वह सेशन 1996-97 की परीक्षा में शामिल नहीं हुए, क्योंकि वह फेल हो गए थे। बाद में सेशन 1998-99 में वह फिर से इस एग्जाम में शामिल हुए और उन्होंने लॉ की डिग्री भी हासिल कर ली।
अधिकारियों ने बताया कि तोमर से प्रिंसिपल आर. के. मिश्रा के कमरे में उनकी मौजूदगी में ही 3 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक पूछताछ की गई।
पुलिस टीम ने ऐडमिशन रजिस्टर और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल की। सूत्रों के अनुसार, तोमर को कॉलेज के पुस्तकालयों और कई अन्य कमरों की भी पहचान कराई गई।
वहीं इसी दौरान कॉलेज के मेन गेट पर आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता जमा हो गए और उन्होंने बीजेपी द्वारा उनकी पार्टी को कथित रूप से टारगेट किए जाने के विरोध में नारेबाजी की।
फर्जी एजुकेशनल डिग्रियां रखने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले जितेंद्र सिंह तोमर ने बिहार के मुंगेर से लॉ का एग्जाम क्लियर किया था! शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की गई कि तोमर ने 1998-99 में बिहार के एक कॉलेज से लॉ की परीक्षा पास की थी।
फर्जी एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स की जांच के सिलसिले में तोमर को दिल्ली पुलिस की टीम मुंगेर के विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज लेकर पहुंची।
जांच के दौरान वहां मौजूद रहे अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि कॉलेज के रजिस्टरों से यह खुलासा हुआ है कि तोमर का इस कॉलेज में सत्र 1994-95 में रोल नंबर-10136 के तहत एनरोलमेंट हुआ था।
जांच में यह भी पाया गया कि जितेंद्र सिंह तोमर 1994-95 और 1995-96 के दो सत्र में लॉ की परीक्षा में एपीयर भी हुए थे, लेकिन वह सेशन 1996-97 की परीक्षा में शामिल नहीं हुए, क्योंकि वह फेल हो गए थे। बाद में सेशन 1998-99 में वह फिर से इस एग्जाम में शामिल हुए और उन्होंने लॉ की डिग्री भी हासिल कर ली।
अधिकारियों ने बताया कि तोमर से प्रिंसिपल आर. के. मिश्रा के कमरे में उनकी मौजूदगी में ही 3 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक पूछताछ की गई।
पुलिस टीम ने ऐडमिशन रजिस्टर और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल की। सूत्रों के अनुसार, तोमर को कॉलेज के पुस्तकालयों और कई अन्य कमरों की भी पहचान कराई गई।
वहीं इसी दौरान कॉलेज के मेन गेट पर आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता जमा हो गए और उन्होंने बीजेपी द्वारा उनकी पार्टी को कथित रूप से टारगेट किए जाने के विरोध में नारेबाजी की।