नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत किसी विमान हादसे में नहीं बल्कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने साजिश के तहत उन्हें घोर यातनाएं देकर मरवाया था। यह आरोप किसी नेता का नहीं बल्कि नेताजी की प्रपौत्री राज्यश्री चौधरी का है।
बनारस में बीजेपी के पूर्व थिंक टैंक गोविंदाचार्य की अगुवाई में चल रहे राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के स्थापना दिवस समारोह में हिस्सा लेने आईं राज्यश्री ने एनबीटी से खास बातचीत में यह बात कही। राज्यश्री ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर कुर्सी के लिए रूसी तानाशाह स्टालिन के जरिए अमानवीय यातनाएं देकर साइबेरिया में नेताजी को मरवाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह बात तथ्यों पर आधारित है। उनके मुताबिक संसद में मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट बिना संपादित किए रख दी जाए तो दूध का दूध,पानी का पानी सामने आ जाएगा।
यूएन से जुड़े एक एनजीओ को चलाने वाली राज्यश्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद नेताजी को वॉर क्रिमिनल घोषित कराने के बाद एक फर्जी सूचना फ्लैश कराई गई कि प्लेन क्रैश में नेताजी की मौत हो गई। हकीकत यह थी कि वह शरण लेने के लिए रूस पहुंचे तो स्टालिन ने उन्हें कैद करने के बाद नेहरू को इसकी जानकारी देते हुए पूछा कि नेताजी उसकी कैद में हैं क्या करें? अंग्रेजों के प्रति वफादारी दिखाने के लिए नेहरू ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली को खत भेज कर यह जानकारी देने के साथ लिखा कि 'आपका युद्ध अपराधी (नेताजी) रूस में है।' इसके साथ ही नेहरू ने स्टालिन को नेता जी की हत्या करने का इशारा किया। स्टालिन ने नेताजी को साइबेरिया के 'गुलाग' में अमानवीय यातनाएं देकर मारने के लिए भेज दिया। नेता जी की मौत हो वहीं हुई। नेताजी के रहस्यमय ढंग से गायब होने के बाद देश में बने जस्टिस संतोष मुखर्जी की रिपोर्ट संसद में रख दी जाए तो यह सच सामने आ जाएगा।
मोदी से मायूस पर उम्मीद जिंदा
नेताजी के रहस्यमय ढंग से गायब होने के मामले से पर्दा उठाने के लिए मोदी सरकार द्वारा एक साल के कार्यकाल में कुछ न किए जाने से मायूस राज्यश्री चौधरी ने कहा कि हम अभी नाउम्मीद नहीं है। मोदी सरकार के चार साल अभी बाकी है। राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन नेताजी की गुमशुदगी पर बने मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट को संसद में बिना कांट-छांट के रखने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर आंदोलन की रणनीति बना रहा है। जंतर-मंतर पर होने वाले इस आंदोलन में नेताजी के ड्राइवर रहे आजमगढ़ के मूल निवासी निजामुद्दीन भी शिरकत करेंगे। नेताजी के फौज के एक मात्र जीवित साथी निजामुद्दीन से मिलने के लिए राज्यश्री रविवार को आजमगढ़ जाएंगी।
देश के गद्दारों का चेहरा सामने लाएंगे
सन 1945 में नेताजी के हवाईदुघर्टना में मारे जाने की खबर उड़वाने के पीछे नेहरू की सोची-समझी साजिश के हिस्सा बताते हुए राज्यश्री ने कहा कि 1945 में ताइवान में कहीं भी कोई हवाई दुर्घटना न तो दर्ज है और न ही बोस का नाम मृतकों की सूची में शामिल है। जवाहरलाल नेहरू के तत्कालीन स्टेनोग्राफर मेरठ निवासी श्यामलाल जैन ने खोसला कमिशन के सामने अपने बयान में बताया था कि रूस के प्रधानमंत्री स्टालिन ने संदेश भेजा था कि 'सुभाष चंद्र बोस हमारे पास हैं, उनके साथ क्या करना है?' राज्यश्री ने दावा किया कि 26 अगस्त 1945 को आसिफ अली के घर बुलाकर नेहरू ने उनसे यह पत्र टाइप कराया था। श्याम लाल ने खोसला आयोग के सामने यह बात तो रखी पर उनके पास सुबूत नहीं थे। राज्यश्री चौधरी ने कहा कि देश के सामने जब तक नेताजी की हत्या करने के साथ आजाद हिंद फौज का खजाना लुटवाने वाले गद्दारों का चेहरा नहीं लाएंगे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।
बनारस में बीजेपी के पूर्व थिंक टैंक गोविंदाचार्य की अगुवाई में चल रहे राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के स्थापना दिवस समारोह में हिस्सा लेने आईं राज्यश्री ने एनबीटी से खास बातचीत में यह बात कही। राज्यश्री ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर कुर्सी के लिए रूसी तानाशाह स्टालिन के जरिए अमानवीय यातनाएं देकर साइबेरिया में नेताजी को मरवाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह बात तथ्यों पर आधारित है। उनके मुताबिक संसद में मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट बिना संपादित किए रख दी जाए तो दूध का दूध,पानी का पानी सामने आ जाएगा।
मोदी से मायूस पर उम्मीद जिंदा
नेताजी के रहस्यमय ढंग से गायब होने के मामले से पर्दा उठाने के लिए मोदी सरकार द्वारा एक साल के कार्यकाल में कुछ न किए जाने से मायूस राज्यश्री चौधरी ने कहा कि हम अभी नाउम्मीद नहीं है। मोदी सरकार के चार साल अभी बाकी है। राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन नेताजी की गुमशुदगी पर बने मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट को संसद में बिना कांट-छांट के रखने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर आंदोलन की रणनीति बना रहा है। जंतर-मंतर पर होने वाले इस आंदोलन में नेताजी के ड्राइवर रहे आजमगढ़ के मूल निवासी निजामुद्दीन भी शिरकत करेंगे। नेताजी के फौज के एक मात्र जीवित साथी निजामुद्दीन से मिलने के लिए राज्यश्री रविवार को आजमगढ़ जाएंगी।
देश के गद्दारों का चेहरा सामने लाएंगे
सन 1945 में नेताजी के हवाईदुघर्टना में मारे जाने की खबर उड़वाने के पीछे नेहरू की सोची-समझी साजिश के हिस्सा बताते हुए राज्यश्री ने कहा कि 1945 में ताइवान में कहीं भी कोई हवाई दुर्घटना न तो दर्ज है और न ही बोस का नाम मृतकों की सूची में शामिल है। जवाहरलाल नेहरू के तत्कालीन स्टेनोग्राफर मेरठ निवासी श्यामलाल जैन ने खोसला कमिशन के सामने अपने बयान में बताया था कि रूस के प्रधानमंत्री स्टालिन ने संदेश भेजा था कि 'सुभाष चंद्र बोस हमारे पास हैं, उनके साथ क्या करना है?' राज्यश्री ने दावा किया कि 26 अगस्त 1945 को आसिफ अली के घर बुलाकर नेहरू ने उनसे यह पत्र टाइप कराया था। श्याम लाल ने खोसला आयोग के सामने यह बात तो रखी पर उनके पास सुबूत नहीं थे। राज्यश्री चौधरी ने कहा कि देश के सामने जब तक नेताजी की हत्या करने के साथ आजाद हिंद फौज का खजाना लुटवाने वाले गद्दारों का चेहरा नहीं लाएंगे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।