वायु प्रदूषण से तीन साल घटी भारतीयों की उम्र, अब
ज्यादा बीमार पड़ने लगे हैं
नई दिल्ली. भारत की हवा में फैला जहर देशवासियों की औसत उम्र घटा रहा है। एक नई स्टडी के मुताबिक, वायु प्रदूषण की वजह से भारत के लोगों की उम्र तीन साल तक कम हो गई है। वायु प्रदूषण से लोगों की प्रोडक्टिविटी में कमी आई है। वे ज्यादा बीमार पड़ने लगे हैं और उनका अपने स्वास्थ्य पर किया जाने वाले खर्च भी बढ़ गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, दुनिया के 20 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में हैं। 27.2 करोड़ लोग ऐसे स्थान पर रहते हैं, जहां हवा में घुले सूक्ष्म कण डब्ल्यूएचओ के मानकों से आठ गुना ज्यादा हैं।
शिकागो, हावर्ड और याले यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्रियों द्वारा की गई यह स्टडी इस सप्ताह के इकनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली में प्रकाशित हुई है। स्टडी में कहा गया है कि भारत की आधी आबादी यानी करीब 66 करोड़ लोग उन क्षेत्रों में रहते हैं, जहां हवा में मौजूद खतरनाक स्तर के सूक्ष्म कण भारतीय मानकों से चार गुना ऊपर पहुंच चुके हैं। अगर भारत वायु प्रदूषण को तय मानकों के दायरे में लाता है, तो देश के लोगों की उम्र 3.2 साल तक बढ़ सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के एनर्जी पॉलिसी इंस्टिट्यृट के डायरेक्टर और इस शोध के लेखक माइकल ग्रीनस्टोन का कहना है कि इस वक्त भारत का फोकस अपने विकास पर है। हालांकि वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान को नजरअंदाज किया जा रहा है।
गांवों में खतरनाक स्तर पर वायु प्रदूषण
स्टडी के मुताबिक, सिफ बड़े शहरों में ही नहीं, कस्बों और गांवों में भी वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ईंधन के लिए परंपरागत स्त्रोतों पर निर्भर रहने और लकड़ी व अन्य सामान को जलाने के कारण ऐसा हो रहा हैं। वहीं शहरों में वाहनों और उद्योगों ने निकलने वाले धुएं की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ा है।
स्टडी के मुताबिक, सिफ बड़े शहरों में ही नहीं, कस्बों और गांवों में भी वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ईंधन के लिए परंपरागत स्त्रोतों पर निर्भर रहने और लकड़ी व अन्य सामान को जलाने के कारण ऐसा हो रहा हैं। वहीं शहरों में वाहनों और उद्योगों ने निकलने वाले धुएं की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ा है।
दिल्ली से सटे शहर भी हुए प्रदूषित
स्टडी में कहा गया है कि वायु प्रदूषण अब दिल्ली से सटे शहरों में भी खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। उत्तर भारत के अन्य शहरों और कोलकाता में भी पीएम 2.5 कई गुना तक बढ़ चुका है।
कैसे की स्टडी
वैज्ञानिकों ने इस स्टडी के लिए भारत के सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल के बीते 10 साल के एयर क्वॉलिटी डाटा का विश्लेषण किया। इसके अलावा वायु प्रदूषण के बारे में सैटेलाइट से प्राप्त आंकड़ों का भी विश्लेषण किया।
स्टडी में कहा गया है कि वायु प्रदूषण अब दिल्ली से सटे शहरों में भी खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। उत्तर भारत के अन्य शहरों और कोलकाता में भी पीएम 2.5 कई गुना तक बढ़ चुका है।
कैसे की स्टडी
वैज्ञानिकों ने इस स्टडी के लिए भारत के सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल के बीते 10 साल के एयर क्वॉलिटी डाटा का विश्लेषण किया। इसके अलावा वायु प्रदूषण के बारे में सैटेलाइट से प्राप्त आंकड़ों का भी विश्लेषण किया।
Indians loosing 3 years life due to air pollution