इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 20 ट्रेनी जजों को सस्पेंड कर दिया है। इन सभी पर एक लड़की के साथ बदतमीजी करने का आरोप है। आरोप की जांच के लिए समिति बनाई गई थी। समिति ने आरोप को सही पाया। इसके बाद यह कार्रवाई की गई है। बताया जाता है कि यह फैसला सोमवार को ही ले लिया गया है, लेकिन इस पर मुख्य न्यायाधीश के दस्तखत होने बाकी है। इस वजह से इस बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं जारी की जा रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति ने 20 जूनियर जजों को निलंबित कर दिया है। प्रदेश के कई जिलों में अडशिनल सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर तैनात इन जजों के ऊपर एक जूनियर महिला जज के साथ बदसलूकी का आरोप लगा था।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विनीत खंड गोमतीनगर में स्थित जुडिशल ट्रेनिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट में यह घटना जूनियर जजों के ट्रेनिंग के दौरान घटी थी। बदसलूकी की शिकार महिला जूनियर जज की तरफ से हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति से इसकी शिकायत की गई। इस शिकायत की जांच करने के लिए बनी कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद प्रशासनिक समिति की बैठक में यह कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विनीत खंड गोमतीनगर में स्थित जुडिशल ट्रेनिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट में यह घटना जूनियर जजों के ट्रेनिंग के दौरान घटी थी। बदसलूकी की शिकार महिला जूनियर जज की तरफ से हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति से इसकी शिकायत की गई। इस शिकायत की जांच करने के लिए बनी कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद प्रशासनिक समिति की बैठक में यह कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया गया है।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल प्रत्युष कुमार ने प्रशासनिक समिति की बैठक में बड़ा फैसला लिए जाने की बात कहने के साथ ही यह भी कहा कि अभी उनके पास मीटिंग के मिनट्स नहीं आए हैं। उधर, हाईकोर्ट ने जिस ट्रेनिंग संस्था में यह घटना घटी, वहां नए निदेशक के रूप में मंगलवार को महबूब अली को नियुक्त करने का आदेश दिया है।
पीसीएस जे 2012 में चयनित हुए 76 अभ्यर्थियों को प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा जिलों में अडिशनल सिविल जज जूनियर डिवीजन और जुडिशल मैजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया था। ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत इन जूनियर जजों को लखनऊ स्थित जेटीआरआई में 9 जून से 8 सितंबर के बीच इंडक्शन प्रोग्राम के लिए भेजा गया, इनमें 22 महिलाएं भी थी। जेटीआरआई के सूत्रों की मानें तो इस प्रोग्राम के दौरान एक महिला जूनियर जज के बदसलूकी हुई।
इसकी शिकायत हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ तक पहुंचने के बाद इसकी जांच के लिए कमिटी का गठन किया गया। जांच कमिटी ने इस मामले में घटना से जुड़े कई न्यायिक अधिकारियों से बयान लेने के बाद अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति को सौंप दी।
पीसीएस जे 2012 में चयनित हुए 76 अभ्यर्थियों को प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा जिलों में अडिशनल सिविल जज जूनियर डिवीजन और जुडिशल मैजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया था। ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत इन जूनियर जजों को लखनऊ स्थित जेटीआरआई में 9 जून से 8 सितंबर के बीच इंडक्शन प्रोग्राम के लिए भेजा गया, इनमें 22 महिलाएं भी थी। जेटीआरआई के सूत्रों की मानें तो इस प्रोग्राम के दौरान एक महिला जूनियर जज के बदसलूकी हुई।
इसकी शिकायत हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ तक पहुंचने के बाद इसकी जांच के लिए कमिटी का गठन किया गया। जांच कमिटी ने इस मामले में घटना से जुड़े कई न्यायिक अधिकारियों से बयान लेने के बाद अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति को सौंप दी।